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से कृष्ण मन की ये बेचैनियां शब्दों का ये मौन आंखों की वीरानियां तुम बिन समझे कौन 

 

मन की ये बेचैनियां शब्दों का ये मौन

आंखों की वीरानियां तुम बिन समझे कौन 

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