Kartik Maas : भगवान विष्णु को समर्पित कार्तिक का पवित्र महीना आज से शुरू हो गया है। इस माह श्रीहरि और उनको सबसे प्रिय तुलसी की पूजा करना काफी अच्छा माना जाता है। एक माह तक भगवान विष्णु का पूजा अर्चना और तुलसी के निमित्त दीपदान बेहद फलदायी रहेगा मास भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का अच्छा समय होता है। मां लक्ष्मी और नारायण की पूजा करने वाले जातकों की धन की वृद्धि होती है।
कलियुग में कार्तिक मास धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष को देने वाला है। कार्तिक मास को भगवान विष्णु और विष्णुतीर्थ के समान ही श्रेष्ठ और दुर्लभ कहा गया है। इसी महीने भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और सृष्टि में आनंद और कृपा की वर्षा होती है।
कार्तिक मास मे पालन करने योग्य नियम और उसका महात्म्य
1. जो कार्तिक मास प्राप्त हुआ देख पराये अन्न का सर्वथा त्याग करता है (बहार का कुछ नही खाता) उसे अतिक्रच्छ नामक यज्ञ करने का फल मिलता है
2. जो मनुष्य कार्तिक मास मे रोज भगवान विष्णु को कमल के फूल चढाता है वह 1 करोड जन्म के पाप से मुक्त हो जाता है
3. जो मनुष्य कार्तिक मास मे रोज भगवान विष्णु को तुलसी चढाता है वह हर 1 पत्ते पर 1 हीरा दान करने का फल पाता है
4. जो मनुष्य कार्तिक मास मे रोज गीता का एक अध्याय पडता है वह कभी यमराज का मुख नही देखता
5. जो मनुष्य कार्तिक मास मे शालिग्राम शिला का दान करता है उसे सम्पूर्ण पृथ्वी के दान का फल मिलता है
6. कार्तिक मास मे जो व्यक्ति पुरे मास पलाश की पत्तल मे भोजन करता है वह विष्णु लोक को जाता है
7. कार्तिक मास मे तुलसी पीपल और विष्णु की रोज पुजा करनी चाहिए
8. जो मनुष्य कार्तिक मास मे रोज भगवान विष्णु के मंदिर की परिक्रमा करता है उसे पग पग पर अश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है
9. इस जन्म मे जो पाप होते है वह सब कार्तिक मास मे दीपदान करने से नष्ट हो जाता है
10. जो मनुष्य कार्तिक मास मे रोज नाम जप करते है उनपर भगवान विष्णु प्रसन्न रहते है
11. जो मनुष्य कार्तिक मास मे तुलसी ,पीपल या आवले का वृक्षारोपण करते है वह पेड जबतक प्रथ्वी पर रहते है लगाने वाला तब तक वैकुण्ठ मे वास करता है
विशेष– जो मनुष्य कार्तिक मास बीना कोई नियम लिए बिता देता है वह नरक मे वास करता है
तुलसी पूजन का विशेष महत्व
कार्तिक मास में तुलसी पूजा विशेष फलकारी मानी जाती है। कहते हैं कि तुलसी पूजन से यमदूतों के भय से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि कार्तिक मास में एक माह तक लगातार दीपदान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। शालीग्राम के रूप में भगवान विष्णु और तुलसी का विवाह भी इसी महीने कराया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि जिस घर में तुलसी जी होती हैं ऐसे घर में यमदूत प्रवेश नहीं करते। तुलसी जी का विवाह शालिग्राम से हुआ था, इसलिए कहा जाता है कि जो तुलसी जी की भक्ति करता है, उसको भगवान की कृपा मिलती है। एक कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने तुलसी जी को वरदान दिया था कि मुझे शालिग्राम के नाम से तुलसी जी के साथ ही पूजा जाएगा और जो व्यक्ति बिना तुलसी जी मेरी पूजा करेगा, उसका भोग मैं स्वीकार नहीं करुंगा।
इसे भी पढ़ें Chaturmas चातुर्मास क्या होता है चातुर्मास का क्या मतलब है
डिसक्लेमर
इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
[…] कार्तिक मास महात्मय प्रथम अध्याय Previous Kartik month Mahatmaya first chapter जानें कार्तिक मास […]
[…] Must Read Kartik Maas: जानें कार्तिक मास मे पालन करने यो… […]