निदा से घबराकर अपने लक्ष्य को ना छोड़ें क्योंकि लक्ष्य मिलते ही निंदा करने वाले लोगों की राय बदल जाती है
निदा से घबराकर अपने लक्ष्य को ना छोड़ें क्योंकि
निदा से घबराकर अपने लक्ष्य को ना छोड़ें क्योंकि
किसी का दर्द देखकर अगर आपको भी दर्द होता
यदि प्रेम को समझना है तो तन की नहीं मन
जिस नाम से कटती है सब बांधा वही नाम
मन की ये बेचैनियां शब्दों का ये मौन आंखों