कोई भी रिश्ता बड़ी-बड़ी बातें करने से नहीं बल्कि छोटी-छोटी बातों को समझने से सच्चा होता है और गहरा होता है
कोई भी रिश्ता बड़ी-बड़ी बातें करने से नहीं बल्कि छोटी-छोटी
कोई भी रिश्ता बड़ी-बड़ी बातें करने से नहीं बल्कि छोटी-छोटी
सोच का फर्क होता है वरना समस्या में कमजोर नहीं
चिंता करोगे भटक जाओगे चिंतन करोगे तो भटके हुए को
दूसरों को या स्वयं को कष्ट देकर ईश्वर को प्रसन्न
आपके पास जो उच्चतम चीजें हैं, उनका कुछ अंश दूसरों
आंखों को तेरी आदत है तू दिखे ना तो इन्हें
अगर हमारी भावना और कर्म सही है, तो कुछ भी
गीता में श्री कृष्ण कहते हैं कि जिस प्रकार अग्नि
जब आप भक्ति के मार्ग पर चलते हो तो इसका
जो हुआ अच्छा हुआ, जो होगा अच्छा होगा स्वयं को मुझ