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तेरी दिवानी हूं मुझे इंकार नहीं, कैसे कह दूं कि मुझे प्यार नहीं ये शरारत तो तेरी आँखो की है, मैं अकेली ही गुनहगार नहीं

 

तेरी दिवानी हूं मुझे इंकार नहीं, कैसे कह दूं कि मुझे प्यार नहीं ये शरारत तो तेरी आँखो की है, मैं अकेली ही गुनहगार नहीं 

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