
हरसिंगार जिसे हम परिजात या रात की रानी के नाम से भी जानते हैं। इसके फूल सफेद रंग होते हैं। हरसिंगार की पत्तियों और फूलों का इस्तेमाल स्वास्थ्य लाभों के लिए सदियों से किया जा रहा है। इसका न सिर्फ सेवन किया जाता है, बल्कि तरह-तरह के लेप या पाउडर बनाकर भी उपयोग में लाया जाता है। लेकिन, इसका हरसिंगार का सेवन करने से पहले इसकी तासीर के बारे में जान लेना बेहतर होता है। आयुर्वेद की मानें, तो किसी भी खाद्य पदार्थ की तासीर जानकर यह जाना जा सकता है कि उसका सेवन करना कितना लाभकारी है। तो आइए, जानते हैं कि हरसिंगार की तासीर कैसी होती है और इसके क्या-क्या फायदे-नुकसान हो सकते हैं
हरसिंगार की तासीर कैसी होती है ? (What is the effect of Harsingar in Hindi)
इससे पहले कि हम यह जानें कि हरसिंगार की तासीर कैसी होती है? आपको समझा दें कि आखिर तासीर होती क्या चीज है ? पारंपरिक चिकित्सा, विशेषकर युनानी और आयुर्वेद के अनुसार किसी भी पदार्थ का अपना प्राकृतिक तापमान होता है। हरसिंगार की बात करें, तो इसकी तासीर ठंडी होती है। इसका इस्तेमाल तरह-तरह के लाभ के लिए किया जा सकता है
हरसिंगार के फायदे (Harsingar Benefits and Uses in Hindi)
नारंगी डंडी वाले सफेद खूबसूरत महकते फूलों को आपने जरूर देखा होगा लेकिन क्या आपने कभी हरसिंगार की पत्तियों से बनी चाय पी है. ? इसके फूल बीज छाल का प्रयोग स्वास्थ्य सौंदर्य उपचार के लिए क्या है. ?
हरसिंगार के चमत्कारी औषधीय गुण (Miraculous medicinal properties of Harsingar in Hindi)
हरसिंगार के फूलों से लेकर पत्तियां छाल एवं बीज भी बेहद उपयोगी हैं !
इसकी चाय न केवल स्वाद में बेहतरीन होती है सेहत के गुणों से भी भरपूर है !
इस चाय को आप अलग अलग तरीकों से बना सकते हैं और सेहत व सौंदर्य के कई फायदे पा सकते हैं
विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए इसके लाभ और चाय बनाने का तरीका !
हरसिंगार की चाय बनाने की विधि 1 (Method of making Harsingar tea in Hindi)
1. हरसिंगार की चाय बनाने के लिए इसकी दो पत्तियां और एक फूल के साथ तुलसी की कुछ पत्तियां लीजिए और इन्हें 1 गिलास पानी में उबालें !
2. जब यह अच्छी तरह से उबल जाए तो इसे छानकर गुनगुना या ठंडा करके पी लें !
3. आप चाहें तो स्वाद के लिए शहद या मिश्री भी डाल सकते हैं !
4. यह खांसी में फायदेमंद है
हरसिंगार की चाय बनाने की विधि 2 (Method of making Harsingar Tea in Hindi)
1. हरसिंगार के दो पत्ते और चार फूलों को पांच से 6 कप पानी में उबालकर 5 कप चाय आसानी से बनाई जा सकती है
2. इसमें दूध का इस्तेमाल नहीं होता यह स्फूर्तिदायक होती है
3. चाय के अलावा भी हरसिंगार के वृक्ष के कई औषधीय लाभ हैं
हरसिंगार को कौन कौन सी बीमारियों में कैसे करें इसका इस्तेमाल. ?
हरसिंगार का जोड़ों के दर्द में फायदा (Benefits of Harsingar in joint pain in Hindi)
पारिजात (हरसिंगार) के 6 से 7 पत्ते तोड़कर इन्हें पीस लें पीसने के बाद इस पेस्ट को पानी में डालकर तब तक उबालें जब तक कि इसकी मात्रा आधी न हो जाए अब इसे ठंडा करके प्रतिदिन सुबह खाली पेट पिएं नियमित रूप से इसका सेवन करने से जोड़ों से संबंधित अन्य समस्याएं भी समाप्त हो जाएगी !
हरसिंगार का खांसी में फायदा (Benefits of Harsingar in cough in Hindi)
खांसी हो या सूखी खांसी हरसिंगार के पत्तों को पानी में उबालकर पीने से बिल्कुल खत्म की जा सकती है !
आप चाहें तो इसे सामान्य चाय में उबालकर पी सकते हैं या फिर पीसकर शहद के साथ भी प्रयोग कर सकते हैं !
हरसिंगार का बुखार में फायदा (Harsingar is beneficial in fever in Hindi)
किसी भी प्रकार के बुखार में हरसिंगार की पत्तियों की चाय पीना बेहद लाभप्रद होता है !
डेंगू से लेकर मलेरिया या फिर चिकनगुनिया तक हर तरह के बुखार को खत्म करने की क्षमता इसमें होती है !
हरसिंगार का साइटिका में फायदा (Benefits of Harsingar in sciatica in Hindi)
दो कप पानी में हरसिंगार के लगभग 8 से 10 पत्तों को धीमी आंच पर उबालें और आधा रह जाने पर इसे अंच से उतार लें !
ठंडा हो जाने पर इसे सुबह शाम खाली पेट पिएं !
एक सप्ताह में आप फर्क महसूस करेंगे !
हरसिंगार का बवासीर में फायदा (Benefits of Harsingar in piles in Hindi)
हरसिंगार को बवासीर या पाइल्स के लिए बेहद उपयोगी औषधि माना गया है !
इसके लिए हरसिंगार के बीज का सेवन या फिर उनका लेप बनाकर संबंधित स्थान पर लगाना फायदेमंद है
हरसिंगार त्वचा के लिए फायदेमंद (Harsingar is beneficial for skin in Hindi)
हरसिंगार की पत्तियों को पीसकर लगाने से त्वचा संबंधी समस्याएं खत्म होती हैं
इसके फूल का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से चेहरा उजला और चमकदार हो जाता है !
हरसिंगार हृदय रोग के फायदे (Harsingar Benefits for heart disease in Hindi)
हृदय रोगों के लिए हरसिंगार का प्रयोग बेहद लाभकारी है !
इस के 15 से 20 फूलों या इसके रस का सेवन करना हृदय रोग से बचाने में कारगर है !
हरसिंगार दर्द के लिए फायदे (Harsingar Benefits for pain in Hindi)
हाथ – पैरों की मांसपेशियों में दर्द व खिंचाव होने पर हरसिंगार के पत्तों के रस में बराबर मात्रा में अदरक का रस मिलाकर पीने से फायदा होता है !
हरसिंगार अस्थमा के लिए फायदे (Harsingar is Benefits for asthma in Hindi)
सांस संबंधी रोगों में हरसिंगार की छाल का चूर्ण बनाकर पान के पत्ते में डालकर खाने से लाभ होता है !
इसका प्रयोग सुबह और शाम को किया जा सकता है
रूसी (डैंड्रफ हटाने) की समस्या में पारिजात के फायदे (Benefits of Parijat Vriksha in Dandruff Problem in Hindi)
अनेकों लोग बालों में रूसी की समस्या से परेशान रहते हैं। डैंड्रफ को हटाने के लिए अनेक उपाय भी करते हैं, लेकिन कई बार उचित उपाय नहीं कर पाने के कारण रूसी से निजात नहीं मिलता है। आप हरसिंगार के फायदे से रूसी को ठीक कर सकते हैं। आप पारिजात का बीज लें। इसका पेस्ट बनाएं। इसे सिर पर लगाएं। इससे डैंड्रफ की परेशानी खत्म होती है।
हरसिंगार प्रतिरोधक क्षमता में फायदेमंद (Harsingar is beneficial for immunity in Hindi)
हरसिंगार के पत्तों का रस या फिर इसकी चाय बनाकर नियमित रूप से पीने पर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर हर प्रकार के रोग से लड़ने में सक्षम होता है !
इसके अलावा पेट में कीड़े होना गंजापन स्त्री रोगों में भी बेहद फायदेमंद है !
हरसिंगार के नुकसान (Disadvantages of Harsingar in Hindi)
पारिजात (हरसिंगार) के नुकसान (Harsingar ke Nuksan in Hindi)
हरसिंगार के घातक दुष्प्रभाव बहुत अधिक नहीं हैं, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन की जाने वाली चीजें स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हो सकती हैं। हरसिंगार में एक बहुत ही कड़वा स्वाद होता है, इसलिए जो लोग स्वाद के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं, वे स्वाद को सहन नहीं कर सकते तो हल्की मिचली का अनुभव कर सकते हैं।
खांसी को ठीक करने के लिए इसे अधिक मात्रा में नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि यह गले के लिए घातक साबित हो सकता है, इसे खांसी से संबंधित मुद्दों के लिए एक आयुर्वेदिक चिकित्सक के मार्गदर्शन के बाद ही लिया जाना चाहिए। हरसिंगार की पत्तियों को चबाने के बाद जीभ भी पीली और अनाकर्षक हो सकती है।
पेट खराब:
कुछ लोगों को हरसिंगार के सेवन से पेट खराब या दस्त हो सकते हैं।
एलर्जी:
कुछ लोगों को हरसिंगार से एलर्जी हो सकती है, जिससे त्वचा पर खुजली, लालिमा या सूजन हो सकती है।
गर्भावस्था और स्तनपान:
गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान हरसिंगार का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
अन्य दवाइयों के साथ प्रतिक्रिया:
हरसिंगार कुछ दवाइयों के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है, इसलिए यदि आप कोई दवा ले रहे हैं, तो हरसिंगार का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
निष्कर्ष:
हरसिंगार एक उपयोगी पौधा है जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। हालांकि, इसके कुछ नुकसान भी हैं, इसलिए इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।
