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दुर्गा पाठ | Durga Path | सम्पूर्ण श्लोक, अर्थ और लाभ

Durga Path | दुर्गा पाठ | सम्पूर्ण श्लोक, अर्थ और लाभ 

दुर्गा पाठ, माँ दुर्गा की स्तुति और आराधना का एक दिव्य पाठ है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से साधक को शक्ति, साहस, शत्रु विजय और समृद्धि प्राप्त होती है। यह पाठ विशेष रूप से नवरात्रि, अमावस्या और शक्तिपूजन के अवसर पर अत्यंत फलदायी माना गया है।

दुर्गा पाठ | Durga Path

🕉️ संस्कृत पाठ

1. जय भगवति देवि नमो वरदे जय पापविनाशिनि बहुफलदे।

जय शुम्भनिशुम्भकपालघरे प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे॥

2. जय चन्द्रदिवाकरनेत्रधरे जय पावकभूषितवक्त्रवरे।

जय भैरवदेहनिलीनपरे जय अन्धकारमोचनदेवी॥

3. जय कालिकायै नमोऽस्तु देवी सर्वदुष्टनिवारिणि च।

जय ब्रह्मचारिणि नमोऽस्तु देवी ज्ञानरूपे सुखदायिनि॥

4. जय दुर्गायै नमोऽस्तु देवी भयहरिणि सुखप्रदायिनि।

जय महाकालिकायै नमोऽस्तु देवी संहाररूपे महाशक्ते॥

5. सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।

शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तु ते॥

6. त्वमेव प्रत्यक्षं तत्त्वमसि त्वमेव केवलं कर्ताऽसि।

त्वमेव केवलं धर्ताऽसि त्वमेव केवलं हर्ताऽसि॥

7. त्वमेव सर्वं खल्विदं ब्रह्मासि त्वमेव साक्षादात्माऽसि।

त्वं केवलं नित्यं ध्येयः त्वं केवलं नित्यं मातरः॥

8. त्वमेव प्रत्यक्षं ब्रह्मासि त्वमेव प्रत्यक्षं पुराणे।

त्वमेव प्रत्यक्षं तत्त्वं त्वमेव प्रत्यक्षं जगत्॥

9. त्वमेव प्रत्यक्षं धर्मः त्वमेव प्रत्यक्षं कर्म।

त्वमेव प्रत्यक्षं शांति त्वमेव प्रत्यक्षं मोक्ष॥

10. त्वमेव प्रत्यक्षं ज्ञानं त्वमेव प्रत्यक्षं विज्ञानम्।

त्वमेव प्रत्यक्षं योगः त्वमेव प्रत्यक्षं ध्यानम्॥

11. त्वमेव प्रत्यक्षं शक्ति त्वमेव प्रत्यक्षं भक्ति।

त्वमेव प्रत्यक्षं देवी त्वमेव प्रत्यक्षं भवम्॥

12. त्वमेव प्रत्यक्षं कालः त्वमेव प्रत्यक्षं महाशक्तिः।

त्वमेव प्रत्यक्षं धरा त्वमेव प्रत्यक्षं नभः॥

13. त्वमेव प्रत्यक्षं सृष्टिः त्वमेव प्रत्यक्षं पातिः।

त्वमेव प्रत्यक्षं सर्वं त्वमेव प्रत्यक्षं शिवः॥

14. त्वमेव प्रत्यक्षं जगद्भुवनम् त्वमेव प्रत्यक्षं लोकाः।

त्वमेव प्रत्यक्षं ब्रह्माण्डम् त्वमेव प्रत्यक्षं सर्वम्॥

15. त्वमेव प्रत्यक्षं नाथः त्वमेव प्रत्यक्षं देवि।

त्वमेव प्रत्यक्षं भवानी त्वमेव प्रत्यक्षं पार्वती॥

16. त्वमेव प्रत्यक्षं शक्ति त्वमेव प्रत्यक्षं ध्यानम्।

त्वमेव प्रत्यक्षं स्वरूपं त्वमेव प्रत्यक्षं तत्त्वम्॥

17. त्वमेव प्रत्यक्षं आनंदः त्वमेव प्रत्यक्षं सुखम्।

त्वमेव प्रत्यक्षं मोक्षः त्वमेव प्रत्यक्षं सदा भवेत्॥

18. त्वमेव प्रत्यक्षं ज्योतिर्विमलः त्वमेव प्रत्यक्षं सूर्यः।

त्वमेव प्रत्यक्षं चंद्रः त्वमेव प्रत्यक्षं नक्षत्रम्॥

19. त्वमेव प्रत्यक्षं अग्निः त्वमेव प्रत्यक्षं वारुणः।

त्वमेव प्रत्यक्षं वायुः त्वमेव प्रत्यक्षं भूः॥

20. त्वमेव प्रत्यक्षं विष्णुः त्वमेव प्रत्यक्षं ब्रह्मा।

त्वमेव प्रत्यक्षं महेशः त्वमेव प्रत्यक्षं सर्वदेवता॥

21. सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।

शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तु ते॥

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📖 दुर्गा पाठ – हिंदी अर्थ (संक्षिप्त)

1. श्लोक 1 – हे देवी! मैं आपको नमन करता हूँ। आप पाप नाश करने वाली और शत्रु विनाशक हैं।

2. श्लोक 2 – हे देवी! आपके नेत्र चन्द्र और सूर्य जैसे उज्ज्वल हैं, आप अन्धकार को हरने वाली हैं।

3. श्लोक 3 – हे कालिका! आप सभी दुष्टों को नष्ट करती हैं और सुख देती हैं।

4. श्लोक 4 – हे दुर्गा! आप भयहरिणी और सुखप्रद हैं, महाशक्ति हैं।

5. श्लोक 5 – आप सभी मंगल की देवी हैं, शिव और नारायण की प्रिय।

6. श्लोक 6–21 – माँ दुर्गा ही सत्य, तत्त्व, शक्ति, भक्ति, सृष्टि, पालन और मोक्ष की प्रत्यक्ष रूप हैं।

आप जगत की संरक्षक, आनंद, ज्योति, सूर्य, चन्द्र, अग्नि, वायु, पृथ्वी और सभी देवताओं की शक्ति हैं।

दुर्गा पाठ का महत्व

1. शत्रु और विपत्ति नाश – पाठ करने से सभी शत्रु और बुरी शक्तियों का नाश होता है।

2. साहस और शक्ति – मानसिक और आत्मिक शक्ति प्राप्त होती है।

3. संपत्ति और समृद्धि – घर और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

4. आध्यात्मिक विकास – साधक का मन, बुद्धि और आत्मा शुद्ध होती है।

दुर्गा पाठ के लाभ Durga Path Benefits

  1. भय और संकट से मुक्ति।
  2. जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह।
  3. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में वृद्धि।
  4. माता दुर्गा की कृपा से सभी इच्छाएँ पूर्ण होती हैं।
  5. शत्रु नाश और बाधा दूर होती है।
  6. जीवन में शक्ति, साहस, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है।
  7. मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि होती है।
  8. माता दुर्गा की विशेष कृपा से सभी इच्छाएँ पूर्ण होती हैं।

दुर्गा पाठ करने का श्रेष्ठ समय

नवरात्रि के दौरान

प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार

प्रातःकाल या रात्रि में दीपक जलाकर

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FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1. दुर्गा पाठ कितने श्लोकों का होता है ?

👉 लगभग 21–27 श्लोकों का पाठ होता है, जिसमें माँ दुर्गा की महिमा का वर्णन है।

Q2. दुर्गा पाठ कब करना चाहिए ?

👉 सुबह स्नान करके या शाम को दीपक जलाकर करना श्रेष्ठ है।

Q3. दुर्गा पाठ का लाभ क्या है ?

👉 शत्रु नाश, भय विमोचन, मानसिक शक्ति और समृद्धि मिलती है।

Q4. क्या दुर्गा पाठ नियमित करना चाहिए ?

👉 हाँ, नियमित पाठ करने से शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा स्थायी होती है।

डिसक्लेमर इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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