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गंगा आरती pdf | गंगा मैय्या की आरती | हर हर गंगे, जय मां गंगे

गंगा आरती pdf: पूजा विधि, महत्व, समय, स्थान और पूरा पाठ 🌸

Ganga Aarti का महत्व 

गंगा नदी को हिंदू धर्म में माँ का दर्जा प्राप्त है। शास्त्रों के अनुसार, गंगा जल मात्र के दर्शन और स्पर्श से पाप नष्ट हो जाते हैं। गंगा तट पर की जाने वाली गंगा आरती एक दिव्य और आत्मिक अनुभव है। शाम के समय दीपों की रोशनी, मंत्रोच्चारण और घंटियों की ध्वनि वातावरण को अलौकिक बना देती है।

कहा जाता है कि गंगा आरती में सम्मिलित होने से –

  1. जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
  2. मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
  3. पितरों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  4. घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

गंगा आरती कब और कहाँ होती है ?

भारत में कई प्रमुख स्थानों पर गंगा आरती का आयोजन होता है 

1. वाराणसी (काशी विश्वनाथ, दशाश्वमेध घाट) – प्रतिदिन शाम 6:30 बजे (सूर्यास्त के बाद)।

2. हरिद्वार (हर-की-पौड़ी) – सूर्योदय और सूर्यास्त के समय आरती।

3. ऋषिकेश (त्रिवेणी घाट) – प्रतिदिन संध्या काल।

गंगा आरती विधि

  1. गंगा जल से आचमन कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. दीपक, धूप और फूल अर्पित करें।
  3. गंगा माता का ध्यान करते हुए आरती करें।
  4. आरती के बाद प्रसाद और गंगा जल का वितरण करें।

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🪔गंगा आरती 🪔

हर हर गंगे, जय मां गंगे, हर हर गंगे, जय मां गंगे ॥

ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता…

जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ।।

।। ओम जय गंगे माता ।।

चंद्र सी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता…

शरण पडें जो तेरी, सो नर तर जाता ।।

।। ओम जय गंगे माता ।।

पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता…

कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता !!

।। ओम जय गंगे माता ।।

एक ही बार जो तेरी, शारणागति आता…

यम की त्रास मिटा कर, परमगति पाता ।।

।। ओम जय गंगे माता ।।

आरती मात तुम्हारी, जो जन नित्य गाता…

दास वही सहज में, मुक्त्ति को पाता ।।

।। ओम जय गंगे माता ।।

ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता…

जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ।।

।। ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।।

गंगा आरती करने से लाभ

पाप और दोषों का नाश होता है।

परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

मन को शांति और अध्यात्मिक बल मिलता है।

पितरों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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गंगा आरती FAQ (Frequently Asked Questions)

Q1. गंगा आरती क्या है ?

👉 गंगा आरती गंगा माता की स्तुति और पूजन की विशेष विधि है, जिसमें दीपक, धूप, मंत्र और भजन के माध्यम से आराधना की जाती है।

Q2. गंगा आरती कब की जाती है ?

👉 गंगा आरती प्रातः सूर्योदय और शाम सूर्यास्त के समय की जाती है। हरिद्वार, वाराणसी और ऋषिकेश में शाम की गंगा आरती विशेष प्रसिद्ध है।

Q3. गंगा आरती कहाँ सबसे प्रसिद्ध है ?

👉 वाराणसी (दशाश्वमेध घाट), हरिद्वार (हर-की-पौड़ी) और ऋषिकेश (त्रिवेणी घाट) पर होने वाली गंगा आरती विश्वप्रसिद्ध है।

Q4. गंगा आरती घर पर कैसे करें ?

👉 घर में गंगा जल, दीपक, धूप-बत्ती और फूल के साथ गंगा माता का ध्यान करके, आरती मंत्र गाकर या पढ़कर गंगा आरती की जा सकती है।

Q5. गंगा आरती करने से क्या लाभ मिलता है ?

👉 गंगा आरती करने से पाप नष्ट होते हैं, घर में सुख-शांति आती है, पितरों को मोक्ष मिलता है और मन को शुद्धि एवं सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

Q6. गंगा आरती कितने समय की होती है ?

👉 आमतौर पर गंगा आरती 30 से 45 मिनट तक चलती है, जिसमें भजन, मंत्रोच्चारण और दीप अर्पण शामिल होता है।

Q7. क्या गंगा आरती का पाठ घर पर करना उचित है ?

👉 हाँ, गंगा आरती का पाठ घर पर करना पूर्णतः शुभ और पवित्र माना जाता है।

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