
साधना में सफलता पाने के लिए 11 जरूरी पूजा नियम
साधना या पूजा केवल भक्ति का कार्य नहीं, बल्कि एक ऊर्जा-प्रक्रिया है।
छोटी-छोटी गलतियाँ भी आपकी साधना की शक्ति को प्रभावित कर सकती हैं।
इसलिए हर साधक को इन आवश्यक नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए।
आइए जानते हैं वे 11 महत्वपूर्ण पूजा नियम जो साधना में सफलता दिलाते हैं।
1️⃣ आसन को पैर से न सरकाएँ
- अनुष्ठान या साधना के समय जिस आसन पर बैठें, उसे कभी पैर से न सरकाएँ।
- ऐसा करने से “आसन दोष” लगता है और साधना निष्फल हो सकती है।
- हमेशा आसन को हाथों से बिछाएँ और आदरपूर्वक प्रयोग करें।
2️⃣ जप माला को सही तरीके से रखें
- जप माला को कील या खूँटी पर न टाँगें।
- जप समाप्त होने पर इसे गौमुखी, डिब्बी या वस्त्र में लपेटकर रखें।
- माला को दूसरों से छिपाकर रखें, ताकि उसकी ऊर्जा शुद्ध बनी रहे।
- जब तक किसी साधना में आदेश न हो, माला को गले में न पहनें।
3️⃣ जम्हाई या छींक आने पर क्या करें
- साधना के समय जम्हाई, छींक या वायु दोष से ऊर्जा क्षीण होती है।
- ऐसे में ताँबे के पात्र में तुलसी युक्त जल रखें।
- जैसे ही यह स्थिति हो, जल को मस्तक और नेत्रों पर लगाएँ।
- इससे दोष दूर होता है और साधना पवित्र रहती है।
4️⃣ पैर हिलाने से बचें
- जप करते समय पैर हिलाना या रगड़ना ऊर्जा को नीचे खींचता है।
- यह आपकी आध्यात्मिक शक्ति को कम करता है।
- इसलिए जप के दौरान शरीर स्थिर रखें और ध्यान आज्ञा या मणिपुर चक्र पर लगाएँ।
5️⃣ क्रोध और वाणी पर नियंत्रण रखें
- साधना काल में क्रोध या ऊँची आवाज़ में बोलने से ऊर्जा नष्ट होती है।
- यथासंभव मौन रहें और मन को शांत रखें।
- संकल्प और संयम साधक की सबसे बड़ी शक्ति हैं।
6️⃣ अन्न को व्यर्थ न फेंकें
- थाली में उतना ही भोजन लें जितना आवश्यक हो।
- अन्नपूर्णा देवी शक्ति स्वरूपा हैं, अतः अन्न का अपमान न करें।
- अन्न व्यर्थ फेंकने से शक्ति तत्त्व रुष्ट होता है और साधना सफल नहीं होती।
7️⃣ हड्डियाँ चटकाने की आदत छोड़ें
- बार-बार उंगलियाँ या हड्डियाँ चटकाने से शरीर की ऊर्जा असंतुलित होती है।
- ऐसे व्यक्ति अधिक जाप नहीं कर पाते और दरिद्रता का योग बढ़ता है।
- अतः इस आदत से दूर रहें।
8️⃣ मल त्याग के समय मौन रहें
- आजकल लोग शौच के समय बात करते हैं या मोबाइल पर रहते हैं।
- ऐसा करने से जिह्वा संस्कार नष्ट होता है और मंत्र सिद्ध नहीं होते।
- इस समय मौन रहना ही शुद्धता का संकेत है।
9️⃣ त्राटक करने वालों के लिए विशेष नियम
- यदि आप त्राटक साधना करते हैं तो
- सर में बादाम तेल की मालिश करें और
- नाक में एक-एक बूंद बादाम तेल डालें।
- इससे नेत्रों की थकान दूर होती है।
- साथ ही आंवला या त्रिफला चूर्ण का सेवन लाभदायक है।
🔟 माला और शरीर की शुद्धता
- जप करते समय माला को भूमि या गुप्तांगों से स्पर्श न होने दें।
- इससे माला की ऊर्जा भूमि में चली जाती है और जाप निष्फल हो जाता है।
11️⃣ जप समाप्ति का नियम
- जब जाप पूर्ण हो जाए, तो आसन से उठने से पहले
- उसके नीचे थोड़ा जल डालें और उसे मस्तक एवं नेत्रों पर लगाएँ।
- इससे जप का फल साधक के पास ही स्थिर रहता है।
🌸 उपसंहार
- इन 11 पूजा नियमों का पालन करने से साधना शुद्ध, सफल और फलदायी बनती है।
- इन नियमों से न केवल आत्मिक शक्ति बढ़ती है, बल्कि मन में शांति और एकाग्रता भी आती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1️⃣ साधना में सफलता क्यों नहीं मिलती ?
जब साधना के दौरान नियमों का पालन नहीं किया जाता या मन एकाग्र नहीं होता, तो साधना सफल नहीं होती।
शुद्धता, संयम और श्रद्धा सफलता की कुंजी हैं।
2️⃣ जप माला को कैसे रखें ?
जप के बाद माला को गौमुखी, डिब्बी या कपड़े में लपेटकर रखें।
उसे कभी खुली जगह या खूँटी पर न टाँगें।
3️⃣ साधना में क्रोध से क्या हानि होती है ?
क्रोध से शरीर की ऊर्जा तुरंत नष्ट हो जाती है।
इससे मन अस्थिर होता है और जप का फल कम हो जाता है।
4️⃣ माला को भूमि से स्पर्श क्यों नहीं कराना चाहिए ?
भूमि ऊर्जा को सोख लेती है।
इससे माला में संचित ऊर्जा समाप्त हो जाती है और साधना निष्फल होती है।
5️⃣ क्या भोजन का साधना से संबंध है ?
हाँ, शुद्ध और नियंत्रित भोजन से मन और शरीर दोनों स्थिर रहते हैं।
अधिक या जूठा अन्न साधना की शक्ति को कम करता है।
⚠️ डिसक्लेमर
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विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं।
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