Hare Krishna भोजन से पेट भर सकता है मन नहीं, धन से द्रव्य बढ़ सकता है आनंद नहीं, वस्त्र से तन ढक सकता है आचरण नहीं
भोजन से पेट भर सकता है मन नहीं, धन से
भोजन से पेट भर सकता है मन नहीं, धन से
मुश्किलें हमेशा बेहतरीन लोगों के हिस्से में आती है, क्योंकि
ईश्वर के लिए खर्च की गई कोई भी चीज़ बेकार
आग के निकट बैठेंगे तो गर्मी, फूलों के निकट सुगंध,
प्रेम कभी अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए नही होता
मेरे प्यारे सांवरिया... हमें मजूर है तेरी हर मेहरबानी फिर
सांवरिया शोर सी है ज़िन्दगी मेरी सुकून सा है इश्क
दिल से लगाए रखना, अपना बनाए रखना, सफर चाहे मुश्किल
दुनिया के साथ छोड़ने की बातें बेअसर हैं जबसे हाथ
क्यू एक दुआ पर अटका रह गया है दिल क्यूं