जानें कैसे करें लडडू गोपाल जी की सेवा लडडू गोपाल को कैसे रखे 

अगर आपके घर मे लडडू गोपाल जी है तो आप इस बातो का विशेष ध्यान रखें

1 प्रथम तो यह बात मन में बैठाना बहुत आवश्यक है कि जिस भी घर में लडडू गोपाल जी का प्रवेश हो जाता है वह घर लडडू गोपाल जी का हो जाता है, इसलिए मेरा घर का भाव मन से समाप्त होना चाहिए अब वह लडडू गोपाल जी का घर है

2 दूसरी विशेष बात यह कि लडडू गोपाल जी अब आपके परिवार के सदस्य है, सत्य तो यह है कि अब आपका परिवार लडडू गोपाल जी का परिवार है। अतः लडडू गोपाल जी को परिवार के एक सम्मानित सदस्य का स्थान प्रदान किया जाए

3 परिवार के सदस्य की आवश्यक्ताओं के अनुसार ही लडडू गोपाल जी की हर एक आवश्यकता का ध्यान रखा जाए

4 एक विशेष बात यह कि लडडू गोपाल जी किसी विशेष ताम झाम के नहीं आपके प्रेम और आपके भाव के भूखे हैं, अतः उनको जितना प्रेम जितना भाव अर्पित किया जाता है वह उतने आपके अपने होते हैं

5 प्रति दिन प्रातः लडडू जी को स्नान अवश्य कराएं, किन्तु स्नान कराने के लिए इस बात का विशेष ध्यान रखे कि जिस प्रकार घर का कोई सदस्य सर्दी में गर्म पानी व गर्मी में ठन्डे पानी से स्नान करता है, उसी प्रकार से लडडू गोपाल जी के स्नान के लिए मौसम के अनुसार पानी का चयन करें। स्नान के बाद प्रति दिन धुले स्वस्छ वस्त्र पहनाएं

6 जिस प्रकार आपको भूंख लगती है उसी प्रकार लडडू गोपाल जी को भी भूंख लगती है अतः उनके भोजन का ध्यान रखे, भोजन के अतिरिक्त, सुबह का नाश्ता और शाम के चाय नाश्ते आदि का भी ध्यान रखे

7 घर में कोई भी खाने की वस्तु आए लडडू गोपाल जी को हिस्सा भी उसमे अवश्ये होना चाहिए।

8 प्रत्येक मौसम के अनुसार लडडू गोपाल जी के लिए सर्दी गर्मी से बचाव का प्रबन्ध करना चाहिए, मौसम के अनुसार ही वस्त्र पहनाने चाहिएं

9 लडडू गोपाल जी को खिलौने बहुत प्रिये हैं उनके लिए खिलौने अवश्ये लेकर आएं और उनके साथ खेलें भी

10 समय समय पर लडडू गोपाल जी को बाहर घुमाने भी अवश्य लेकर जाएं

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11 लडडू गोपाल जी से कोई ना कोई नाता अवश्य कायम करें, चाहे वह भाई, पुत्र, मित्र, गुरु आदि कोई भी क्यों ना हो, जो भी नाता लडडू गोपाल जी से बनाये उसको प्रेम और निष्ठा से निभाएं

12 अपने लडडू गोपाल जी को कोई प्यारा सा नाम अवश्य दें

13 लडडू गोपाल से प्रेम पूर्वक बाते करें, उनके साथ खेलें, जिस प्रकार घर के सदस्य को भोजन कराते हैं उसी प्रकार उनको भी प्रेम से भोजन कराएं। पहले लडडू गोपाल को भोजन कराएँ उसके बाद स्वयं भोजन करें

14 प्रतिदिन रात्री में लडडू गोपाल जी को शयन अवश्य कराएं, जिस प्रकार एक छोटे बालक को प्रेम से सुलाते हैं उसी प्रकार से उनको भी सुलायें, थपथाएँ, लोरी सुनाएँ

15 प्रतिदिन प्रातः प्रेम पूर्वक पुकार कर उनको जगाएं

16 किसी भी घर में प्रवेश के साथ ही लडडू गोपाल जी में प्राण प्रतिष्ठा हो जाती है इसलिए उनको मात्र प्रतीमा ना समझ कर घर के एक सदस्य के रूप में ही उनके साथ व्यवहार करें

17 यूं तो प्रत्येक जन्माष्टमी पर लडडू गोपाल जी की पूजा धूम-धाम से होती है, किन्तु यदि आपको वह तिथि पता है जिस दिन लडडू गोपाल जी ने घर में प्रवेश किया तो उस तिथि को लडडू गोपाल जी के जन्म दिन के रूप में मान कर प्रति वर्ष उस तिथि में उनका जन्म दिन अवश्य मनाएं , बच्चों को घर बुला कर उनके साथ लडडू जी का जन्म दिन मनायें और बच्चों को खिलौने वितरित करें

यूँ तो और भी बहुत से कार्य हैं जो भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार करते हैं, किन्तु यदि इन बातों पर ध्यान दिया जाए तो लडडू गोपाल जी को सरलता से प्रसन्न किया जा सकता है। Զเधे-Զเधे 

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