आंखों को तेरी आदत है तू दिखे ना तो इन्हें शिकायत है
आंखों को तेरी आदत है तू दिखे ना तो इन्हें
आंखों को तेरी आदत है तू दिखे ना तो इन्हें
अगर हमारी भावना और कर्म सही है, तो कुछ भी
गीता में श्री कृष्ण कहते हैं कि जिस प्रकार अग्नि
जो हुआ अच्छा हुआ, जो होगा अच्छा होगा स्वयं को मुझ
किसी का भी उदय अचानक नहीं होता, सूर्य भी धीरे-धीरे
अहम भाव में मत आओ किसी को कुछ देकर क्या
श्रीकृष्ण से अच्छा सारथी और कोई नहीं हो सकता प्रश्न
ऊँची आवाज में तो वो चिल्लाते हैं, जिन्हें झूठ बोलना
तुझसे ज्यादा दिल को मेरे कुछ भी नहीं भाता सांवरिया..
मैं प्रभु की प्रेम भाव और शुद्ध मन से प्रार्थना