श्रीमद्भगवद्गीता के अनमोल वचन
श्रीमद भगवतगीता हिन्दू महाकाव्य “महाभारत” का एक हिस्सा है इसमें 18 अध्याय और 700 संस्कृत श्लोक है , जिसमे भगवान श्री कृष्ण ने हमारी सभी समस्याओ का उत्तर दिया है , इनमे से कुछ हम आपके साथ साझा कर रहे है
“हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे,
हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्ण कृष्ण हरे हरे”
श्रीमद भगवतगीता का एक-एक शब्द हमारे जीवन के लिए उपयोगी साबित होता है और यह मानव कल्याण के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है आइये शुरू करते है :-
1. क्रोध को प्यार से, बुराई को अच्छाई से, स्वार्थ को उदारता से और झूठे व्यक्ति को सच्चाई से जीता जा सकता है श्रीमद्भगवद्गीता
Anger can be conquered by love, evil by good, selfishness by generosity and a false person by truth. Shrimad Bhagavad Gita
2. बुरी संगत उस कोयले के समान है जो गर्म हो तो हाथ को जला देती है और ठंडा हो तो काला कर देती है श्रीमद्भगवद्गीता
Bad company is like a coal which burns the hand when it is hot and turns it black when it is cold. Shrimad Bhagavad Gita
3. यदि आपका धर्म आपको विरोध करने से अधर्म का रोकता है तो निश्चय ही आप मिथ्या धर्म का पालन कर रहे हैं श्रीमद्भगवद्गीता
If your religion prevents you from protesting against unrighteousness, then surely you are following false religion.
4. मैं ठीक हूं यह तो हम किसी से भी कह सकते हैं लेकिन मैं परेशान हूं यह कहने के लिए कोई बहुत खास होना चाहिए श्रीमद्भगवद्गीता
I am fine we can say this to anyone but I am upset someone must be very special to say this Shrimad Bhagavad Gita
5. संघर्ष सबके जीवन में है, कोई बिखर गया कोई निखर गया
Struggle is in everyone’s life, some scattered, some sparkled
6. जब आप दूसरों का भला चाहते हैं, तो अच्छी चीजें आपके पास आती हैं। यही प्रकृति का नियम है।
When you wish for the good of others, good things come to you. This is the law of nature.
7. आप अल्पकालिक सोच पर एक दीर्घकालिक भविष्य का निर्माण नही कर सकते।
You cannot build a long-term future on short-term thinking.
8. इस संसार में सत्य के अलावा, सभी का अंत होना तय है
In this world apart from the truth, everything is bound to end
9. संबंध बनाना यह ऋण लेने जैसा आसान है किन्तु संबंध निभाना यह किश्तें भरने जैसा कठिन है
Building a relationship is as easy as taking a loan, but maintaining a relationship is as difficult as paying installments.
10. हमारा दुश्मन, हमारा उतना नुकसान नहीं कर सकता है। जितना हमारा विचार खुद से हमारा नुकसान कर सकता है
Our enemy cannot do us that much damage. As much as our thoughts can harm us by themselves
11. लगातार अच्छे विचार करते रहे, बुरे विचारो को मन से निकालने का, यही एक उपाय हैं।
Constantly thinking good thoughts, this is the only way to remove bad thoughts from the mind.
12. जैसे मोमबत्ती बिना आग के नही जल सकती, मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नही जी सकता.
Just as a candle cannot burn without fire, man cannot live without spiritual life.
13. यदि आप अच्छा सोचेंगे तो अच्छा होगा और बुरा सोचेंगे तो बुरा, यही एक मात्र सत्य है चाहे आप माने या ना मानें।
If you think good it will be good and if you think bad then bad, this is the only truth whether you believe it or not.
14. शक एक लाइलाज बीमारी है, जो दोस्ती और रिश्ते को, दीमक की तरह खत्म कर देती हैं
Suspicion is an incurable disease, which destroys friendship and relationship like termites.
15. अज्ञानी होना गलत नही है अज्ञानी बने रहना गलत है It is not wrong to be ignorant, it is wrong to remain ignorant
16. कुदरत का नियम है जैसा आप इस संसार को दोगे वेसा ही पाओगे चाहे वो कर्म हो, इज्जत हो या फिर प्यार
It is the law of nature that you will get what you give to this world, whether it is work, respect or love.
17. कोई कुछ भी कहे बस अपने आप को शांत रखना क्योंकि धूप चाहे कितनी भी तेज क्यों ना हो समुद्र सूखा नही करते।
Whatever someone says, just keep yourself calm because no matter how strong the sun is, the sea does not dry up.
18. आप बस अपने आप से मत हारना फिर कोई दूसरा भी आपको हरा नही पाएगा।
Just don’t lose yourself, then no one else will be able to beat you.
19. स्वास्थ्य
सबसे बड़ा उपहार है,
संतोष
सबसे बड़ा धन है,
वफ़ादारी
सबसे बड़ा संबंध.
20. यदि आप नकारात्मक स्थिति में सकारात्मक रह सकते हैं, तो आप जीत जाते हैं
If you can stay positive in a negative situation, you win
21. घाव को भरने के लिए आपको उसे छूना बंद करना होगा।
For the wound to heal, you have to stop touching it.
22. हे अर्जुन जो कोई भी, जिस किसी भी देवता की पूजा, विश्वास के साथ करने की इच्छा रखता है मैं उसका विश्वास ,उसी देवता में दृढ कर देता हूँ
O Arjuna, whosoever wishes to worship any deity with faith, I put his faith in that deity.
23. हे अर्जुन सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है, ना ही कहीं और
O Arjuna, there is happiness neither in this world nor anywhere else for the person who always doubts.
24. हे अर्जुन तुम्हारा क्या गया, जो तुम रोते हो तुम क्या लाए थे, जो तुमने खो दिया तुमने क्या पैदा किया था, जो नष्ट हो गया तुमने जो लिया, यहीं से लिया जो दिया यहीं पर दिया जो आज तुम्हारा है कल किसी और का होगा क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है
What happened to you, O Arjuna, what you brought, what you brought, what you lost, what you created, what was destroyed, what you took from here, what you gave here, what is yours today, will belong to someone else tomorrow Because change is the law of the world
25. हे अर्जुन क्रोध से भ्रम पैदा होता है भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है
O Arjuna, anger creates confusion, confusion troubles the intellect, when the intellect is troubled, logic perishes; when logic is destroyed, one falls down.
26. हे अर्जुन नरक के तीन द्वार होते है क्रोध,वासना और लालच
O Arjuna, the three gates of hell are anger, lust and greed.
27. हे अर्जुन मन की गतिविधियों होश, श्वास, और भावनाओं के माध्यम से भगवान की शक्ति ,सदा तुम्हारे साथ है और लगातार तुम्हे बस एक साधन की तरह प्रयोग कर के सभी कार्य कर रही है
O Arjuna, the power of the Lord through the activities of the mind, the senses, the breath, and the emotions, is always with you and is constantly doing all the work using you as just an instrument.
28. हे अर्जुन मैं धरती की मधुर सुगंध हूँ मैं अग्नि की ऊष्मा हूँ सभी जीवित प्राणियों का जीवन और सन्यासियों का आत्मसंयम भी मैं ही हूँ
O Arjuna, I am the sweet fragrance of the earth, I am the heat of fire, I am the life of all living beings and I am also the self-restraint of the sannyasis.
29. हे अर्जुन स्वर्ग प्राप्त करने और वहाँ कई वर्षों तक वास करने के पश्चात एक असफल योगी का पुन: एक पवित्र और समृद्ध कुटुंब में जन्म होता है
O Arjuna, after attaining heaven and living there for many years, a failed yogi is again born in a holy and prosperous family.
30. हे अर्जुन जिस प्रकार अग्नि स्वर्ण को परखती है उसी प्रकार संकट वीर पुरुषों को
O Arjuna, just as fire tests gold, in the same way the troubles of brave men
31. हे अर्जुन ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है वही सही मायने में देखता है
O Arjuna, the wise man sees knowledge and action as one, he sees it in the true sense.
32. हे अर्जुन जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है
He acts like an enemy, O Arjuna, to those who do not control the mind.
33. हे अर्जुन मनुष्य को परिणाम की चिंता किए बिना लोभ-लालच बिना एवं निस्वार्थ और निष्पक्ष होकर अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए
O Arjuna, a man should perform his duties without worrying about the consequences, without greed and greed, and without being selfless and impartial.
34. हे अर्जुन अपने अनिवार्य कार्य करो क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है
Do your essentials, O Arjuna, because in reality it is better to act than inaction.
35. हे अर्जुन मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है जैसा वो विश्वास करता है, वैसा वो बन जाता है
O Arjuna man is created by his faith, as he believes, so he becomes
36. हे अर्जुन आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अपने ह्रदय से, अज्ञान के संदेह को अलग कर दो अनुशाषित रहो, उठो
O Arjuna, cut with the sword of self-knowledge from your heart, put aside the doubts of ignorance, be disciplined, rise up.
37. हे अर्जुन मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए और ना ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए
O Arjuna, man should not run away from the challenges of life, nor should he use excuses like fate and the will of God.
38. हे अर्जुन कर्म के बिना फल की अभिलाषा करना व्यक्ति की सबसे बड़ी मूर्खता है
It is the greatest foolishness of a person to desire fruit without action, O Arjuna.
39. हे अर्जुन मनुष्य को अपने कर्मों के संभावित परिणामों से प्राप्त होने वाली विजय या पराजय, लाभ या हानि, प्रसन्नता या दुःख इत्यादि के बारे में सोच कर चिंता से ग्रसित नहीं होना चाहिए
O Arjuna, one should not be worried about the possible consequences of one’s actions, such as victory or defeat, profit or loss, happiness or sorrow, etc.
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40. हे अर्जुन अपकीर्ति मृत्यु से भी बुरी है
O Arjuna, disgrace is worse than death
41. हे अर्जुन सफलता जिस ताले में बंद रहती है वह दो चाबियों से खुलती है एक कठिन परिश्रम और दूसरा दृढ संकल्प
O Arjuna, the lock in which success is locked is opened by two keys, one is hard work and the other is determination.
42. हे अर्जुन जो खाने, सोने, आमोद-प्रमोद तथा काम करने की आदतों में नियमित रहता है वह योगाभ्यास द्वारा समस्त भौतिक क्लेशों को नष्ट कर सकता है
O Arjuna, one who is regular in the habits of eating, sleeping, enjoying and working, can destroy all material afflictions by the practice of yoga.
43. हे अर्जुन मनुष्य का मन इन्द्रियों के चक्रव्यूह के कारण भ्रमित रहता है जो वासना, लालच, आलस्य जैसी बुरी आदतों से ग्रसित हो जाता है इसलिए मनुष्य का अपने मन एवं आत्मा पर पूर्ण नियंत्रण होना चाहिए
O Arjuna, man’s mind remains confused due to the maze of the senses, which gets afflicted by bad habits like lust, greed, laziness, so man should have complete control over his mind and soul.
44. हे अर्जुन मानव कल्याण ही, भगवत गीता का प्रमुख उद्देश्य है इसलिए मनुष्य को अपने कर्तव्यों का पालन करते समय मानव कल्याण को प्राथमिकता देना चाहिए
O Arjuna, human welfare is the main objective of Bhagvad Gita, therefore human beings should give priority to human welfare while performing their duties.
45. हे अर्जुन मनुष्य को अपने धर्म के अनुसार कर्म करना चाहिए जैसे:- विद्यार्थी का धर्म विद्या प्राप्त करना सैनिक का धर्म, देश की रक्षा करना आदि जिस मानव का जो कर्तव्य है उसे वह कर्तव्य पूर्ण करना चाहिए
O Arjuna, a man should perform actions according to his religion, such as: – The religion of a soldier, the religion of a soldier, the duty of a person to protect the country, etc.
46. हे अर्जुन मैं भूतकाल, वर्तमान और भविष्य काल के सभी जीवों को जानता हूँ लेकिन वास्तविकता में, मुझे कोई नही जानता है
O Arjuna, I know all living entities in the past, present and future, but in reality, no one knows me.
47. हे अर्जुन समय से पहले और भाग्य से अधिक कभी किसी को कुछ नही मिलता है
O Arjuna, no one gets anything ahead of time and more than luck.
48. हे अर्जुन जो मनुष्य जिस प्रकार से ईश्वर का स्मरण करता है उसी के अनुसार ईश्वर उसे फल देते हैं कंस ने श्रीकृष्ण को सदैव, मृत्यु के लिए स्मरण किया तो श्रीकृष्ण ने भी, कंस को मृत्यु प्रदान की अतः ईश्वर को उसी रूप में स्मरण करना चाहिए जिस रूप में मानव उन्हें पाना चाहता है।
O Arjuna, the way a man remembers God, according to that God gives him fruits, Kansa always remembered Shri Krishna for death, then Shri Krishna also gave death to Kansa, so God should be remembered in that form. In the way man wants to have them.
49. हे अर्जुन श्रेष्ठ पुरुष को सदैव अपने पद और गरिमा के अनुरूप कार्य करने चाहिए क्योंकि श्रेष्ठ पुरुष जैसा व्यवहार करेंगे तो इन्हीं आदर्शों के अनुरूप सामान्य पुरुष भी वैसा ही व्यवहार करेंगे
O Arjuna, a superior man should always act according to his position and dignity, because if a superior man behaves like this, then according to these ideals, ordinary men will also behave the same way.
50. हे अर्जुन व्यक्ति जो चाहे बन सकता है यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे
O Arjuna, a person can become whatever he wants if he constantly contemplates on what he wants with faith.
51. हे अर्जुन नि:सन्देह मन चंचल और कठिनता से वश में होने वाला है लेकिन, हे कुन्तीपुत्र उसे अभ्यास और वैराग्य के द्वारा वश में किया जा सकता है
No doubt, O Arjuna, the mind is fickle and difficult to control, but, O son of Kunti, it can be controlled by practice and dispassion.
52. हे अर्जुन ऐसा कुछ भी नहीं इस जगत में चेतन या अवचेतन जो मेरे बिना अस्तित्व में रह सकता हो
O Arjuna, there is nothing conscious or subconscious in this world that can exist without me.
53. हे अर्जुन कोई भी इंसान जन्म से नहीं, बल्कि अपने कर्मो से महान बनता है
O Arjuna, no man becomes great by birth, but by his deeds.
54. हे अर्जुन वह जो इस ज्ञान में विश्वास नहीं रखत मुझे प्राप्त किये बिना जन्म-मरण के चक्र का अनुगमन करते हैं
O Arjuna, he who does not believe in this knowledge follows the cycle of birth and death without attaining Me.
55. हे अर्जुन अच्छे कर्म करने के बावजूद भी लोग केवल आपकी बुराइयाँ ही याद रखेंगे इसलिए लोग क्या कहते हैं इस पर ध्यान मत दो तुम अपना कर्म करते रहो
O Arjuna, even after doing good deeds, people will remember only your evils, so don’t pay attention to what people say, keep doing your work.
56. हे अर्जुन केवल मन ही किसी का मित्र और शत्रु होता है
O Arjuna, only the mind is one’s friend and enemy.
57. हे अर्जुन तुम क्यों व्यर्थ में चिंता करते हो ? तुम क्यों भयभीत होते हो ? कौन तुम्हे मार सकता है ? आत्मा ना कभी जन्म लेती है और ना ही कोई इसे मार सकता है यही जीवन का अंतिम सत्य है
Why do you worry in vain, O Arjuna? why are you scared who can kill you? Soul never takes birth and no one can kill it, this is the ultimate truth of life.
58. हे अर्जुन जब-जब इस धरती पर पाप, अहंकार और अधर्म बढ़ेगा तो उसका विनाश करने हेतु और धर्म की पुन: स्थापना करने हेतु, मैं बार-बार अवश्य अवतार लेता रहूंगा
59. हे अर्जुन जो होने वाला है, वो होकर ही रहता है और जो नहीं होने वाला, वह कभी नहीं होता ऐसा निश्चय, जिनकी बुद्धि में होता है उन्हें चिंता कभी नही सताती है
O Arjuna, whatever is going to happen, it remains and what is not going to happen, it never happens;
60. हे अर्जुन जिस तरह प्रकाश की ज्योति अँधेरे में चमकती है ठीक उसी प्रकार, सत्य भी चमकता है इसलिए हमेशा, सत्य की राह पर चलना चाहिए
Just as the light of light shines in darkness, O Arjuna, in the same way, truth also shines, therefore one should always walk on the path of truth.
61. हे अर्जुन जो हुआ वह अच्छा हुआ जों हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है जो होगा, वो भी अच्छा ही होगा तुम क्यों चिंता करते हो
O Arjuna, whatever happened is good, what is happening, it is happening for good, whatever will happen, that too will be good, why do you worry
62. हे अर्जुन एक ज्ञानवान व्यक्ति कभी भी कामुक सुख में आनंद नहीं लेता
O Arjuna a wise man never takes pleasure in sensual pleasures
63. हे अर्जुन इतिहास कहता है कि कल सुख था, विज्ञान कहता है कि कल सुख होगा, लेकिन धर्म कहता है कि अगर मन सच्चा और दिल अच्छा हो तो हर रोज सुख होगा
O Arjuna, history says that yesterday was happiness, science says that there will be happiness tomorrow, but religion says that if the mind is sincere and the heart is good, there will be happiness everyday.
64. हे अर्जुन मैं सभी प्राणियों को एक समान रूप से देखता हूँ मेरे लिए ना तो कोई कम प्रिय है और ना ही ज्यादा लेकिन, जो मनुष्य मेरी प्रेम-पूर्वक आराधना करते हैं वो मेरे भीतर रहते हैं और मैं उनके जीवन में सदेव होता हूँ
O Arjuna, I see all living beings alike, no one is less dear to me nor more, but those who worship me lovingly live within me and I am God in their lives.
65. हे अर्जुन अपने आपको ईश्वर के प्रति समर्पित कर दो.. यही सबसे बड़ा सहारा है जो कोई भी इस सहारे को पहचान गया है वह डर, चिंता और दुखों से आजाद रहता है
66. हे अर्जुन इस जीवन में ना कुछ खोता है ना व्यर्थ होता है
O Arjuna, nothing is lost or wasted in this life.
67. हे अर्जुन फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है
68. हे अर्जुन परमात्मा को प्राप्ति के इच्छुक ब्रम्हचर्य का पालन करते है
69. हे अर्जुन जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है जितना कि, मृत होने वाले के लिए जन्म लेना इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो
70. हे अर्जुन वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और (मैं ) और (मेरा ) की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शान्ति प्राप्त होती है
71. हे अर्जुन मैं सभी प्राणियों के ह्रदय में विद्यमान हूँ
72. हे अर्जुन वह जो मृत्यु के समय मुझे स्मरण करते हुए अपना शरीर त्यागता है वह मेरे धाम को प्राप्त होता है इसमें कोई शंशय नहीं है
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73. हे अर्जुन लोग आपके अपमान के बारे में हमेशा बात करेंगे
74. हे अर्जुन सम्मानित व्यक्ति के लिए अपमान मृत्यु से भी बुरा है
75. हे अर्जुन धरती पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आते जाते रहते है
O Arjuna, just as the weather changes on earth, similarly happiness and sorrow keep on coming in life too.
76. हे अर्जुन प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए गंदगी का ढेर, पत्थर और सोना सभी समान हैं
O Arjuna, to the enlightened man a heap of dirt, stone and gold are all the same.
77. हे अर्जुन कर्म मुझे बांधता नहीं क्योंकि मुझे कर्म के प्रतिफल की कोई इच्छा नहीं
O Arjuna, action does not bind me because I have no desire for the reward of action.
78. हे अर्जुन मेरा तेरा, छोटा बड़ा, अपना पराया मन से मिटा दो फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो
O Arjuna, mine is yours, small and big, erase it from your alien mind, then all is yours and you are everyone’s.
79. मेरे लिए ना कोई घृणित है ना प्रिय. किन्तु जो व्यक्ति भक्ति के साथ मेरी पूजा करते हैं, वो मेरे साथ हैं और मैं भी उनके साथ हूँ।
No one s hater or dear to me. But those who worship me with devotion are with me and I am also with them.
80. जो इस लोक में अपने काम की सफलता की कामना रखते हैं वे देवताओं का पूजन करें।
Those who wish for the success of their work in this world, they should worship the deities
81. मैं ऊष्मा देता हूँ, मैं वर्षा करता हूँ और रोकता भी हूँ, मैं अमरत्व भी हूँ और मृत्यु भी।
I give heat, I rain and I stop, I am immortality and I am also death.
82. बुरे कर्म करने वाले, सबसे नीच व्यक्ति जो राक्षसी प्रवित्तियों से जुड़े हुए हैं, और जिनकी बुद्धि माया ने हर ली है वो मेरी पूजा या मुझे पाने का प्रयास नहीं करते।
Those who do evil deeds, the lowest of people who are attached to demonic tendencies, and whose intelligence has been taken away by Maya, do not worship Me or try to attain Me
83. जो कोई भी जिस किसी भी देवता की पूजा विश्वास के साथ करने की इच्छा रखता है, मैं उसका विश्वास उसी देवता में दृढ कर देता हूँ।
Whoever desires to worship any deity with faith, I make his faith firm in that deity.
84. हे अर्जुन मैं भूत, वर्तमान और भविष्य के सभी प्राणियों को जानता हूँ, किन्तु वास्तविकता में कोई मुझे नहीं जानता।
O Arjuna, I know all beings, past, present and future, but in reality no one knows me.
85. स्वर्ग प्राप्त करने और वहां कई वर्षों तक वास करने के पश्चात एक असफल योगी का पुन: एक पवित्र और समृद्ध कुटुंब में जन्म होता है।
After attaining heaven and living there for many years, a failed yogi is again born in a holy and prosperous family.
86. केवल मन ही किसी का मित्र और शत्रु होता है।
Only the mind is one’s friend and enemy.
87. मैं सभी प्राणियों के ह्रदय में विद्यमान हूँ।
I am present in the heart of all beings.
88. ऐसा कुछ भी नहीं, चेतन या अचेतन, जो मेरे बिना अस्तित्व मे रह सकता हो।
There is nothing, conscious or unconscious, that can exist without me.
89. स्वार्थ से भरा कार्य इस दुनिया को क़ैद मे रख देगा. अपने जीवन मे स्वार्थ को दूर रखे, बिना किसी व्यक्तिगत लाभ के।
An act full of selfishness will keep this world in prison. Keep selfishness away in your life, without any personal gain.
90. ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, वही सही मायने में देखता है।
The wise man sees knowledge and action as one, only he sees in the true sense.
91. सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और।
Happiness is neither in this world nor anywhere else for a person who is always doubting.
92. अपने अनिवार्य कार्य करो, क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है।
Do your essentials, because actually working is better than inaction.
93. इस जीवन में ना कुछ खोता है ना व्यर्थ होता है।
Nothing is lost or wasted in this life.
94. हमेशा आसक्ति से ही कामना का जन्म होता है.
Desire is always born out of attachment
95. जो व्यक्ति संदेह करता है उसे कही भी ख़ुशी नहीं मिलती.
The person who doubts does not find happiness anywhere.
96. जो मन को रोक नहीं पाते उनके लिए उनका मन दुश्मन के समान है.
For those who cannot stop the mind, their mind is like an enemy.
97. वासना, गुस्सा और लालच नरक जाने के तीन द्वार है.
Lust, anger and greed are the three gates to hell.
98. इस जीवन में कुछ भी व्यर्थ होता है.
Anything in this life is in vain.
99. मन बहुत ही चंचल होता है और इसे नियंत्रित करना कठिन है. परन्तु अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है
The mind is very fickle and it is difficult to control it. But with practice it can be tamed
100. सम्मानित व्यक्ति के लिए अपमान मृत्यु से भी बदतर होती है
humiliation is worse than death for a respected person
101. व्यक्ति जो चाहे वह बन सकता है अगर वह उस इच्छा पर पूरे विश्वास के साथ स्मरण करे.
A person can become whatever he wants if he remembers that desire with full faith.
102. जो वास्तविक नहीं है उससे कभी भी मत डरो.
Never be afraid of what is not real.
103. हर व्यक्ति का विश्वास उसके स्वभाव के अनुसार होता है.
Every person’s faith is according to his nature.
104. जो जन्म लेता है उसकी मृत्यु भी निश्चित है. इसलिए जो होना ही है उस पर शोक मत करो.
The one who takes birth is sure to die. So don’t grieve over what has to happen.
105. जो कर्म प्राकृतिक नहीं है वह हमेशा आपको तनाव देता है
Karma which is not natural always gives you stress
106. तुम मुझमे समर्पित हो जाओ मैं तुम्हे सभी पापो से मुक्त कर दूंगा.
You surrender to me, I will free you from all sins.
107. किसी भी काम को नहीं करने से अच्छा है कि कोई काम कर लिया जाए.
It is better to get some work done than not doing any work.
108. जो् मुझसे प्रेम करते है और मुझसे जुड़े हुए है. मैं उन्हें हमेशा ज्ञान देता हूँ.
Those who love me and are attached to me. I always give them knowledge.
109. बुद्धिमान व्यक्ति ईश्वर के सिवा और किसी पर निर्भर नहीं रहता.
A wise man does not depend on anyone except God.
110. सभी कर्तव्यो को पूरा करके मेरी शरण में आ जाओ.
Take refuge in me after completing all the duties
111. ईश्वर सभी वस्तुओ में है और उन सभी के ऊपर भी.
God is in all things and above all
112. एक ज्ञानवान व्यक्ति कभी भी कामुक सुख में आनंद नहीं लेता.
A wise man never takes pleasure in sensual pleasures.
113. जो कोई भी किसी काम में निष्क्रियता और निष्क्रियता में काम देखता है वही एक बुद्धिमान व्यक्ति है.
Whoever sees passivity in work and work in passivity is a wise man.
114. मैं इस धरती की सुगंध हूँ. मैं आग का ताप हूँ और मैं ही सभी प्राणियों का संयम हूँ.
I am the fragrance of this earth. I am the heat of fire and I am the restraint of all beings.
115. तुम उस चीज के लिए शोक करते हो जो शोक करने के लायक नहीं है. एक बुद्धिमान व्यक्ति न ही जीवित और न ही मृत व्यक्ति के लिए शोक करता है.
You grieve for that which is not worth mourning. A wise man mourns neither for the living nor for the dead.
116. मुझे कोई भी कर्म जकड़ता नहीं है क्योंकि मुझे कर्म के फल की कोई चिंता नहीं है.
No karma clings to me because I am not worried about the fruit of the karma.
117. मैंने और तुमने कई जन्म लिए है लेकिन तुम्हे याद नहीं है
I and you have taken many births but you do not remember
118. वह जो मेरी सृष्टि की गतिविधियों को जानता है वह अपना शरीर त्यागने के बाद कभी भी जन्म नहीं लेता है क्योंकि वह मुझमे समा जाता है.
He who knows the activities of my creation never takes birth after leaving his body because he gets absorbed in me.
119. कर्म योग एक बहुत ही बड़ा रहस्य है.
Karma Yoga is a great mystery.
120. जिसने काम का त्याग कर दिया हो उसे कर्म कभी नहीं बांधता.
Karma never binds one who has renounced work.
121. बुद्धिमान व्यक्ति को समाज की भलाई के लिए बिना किसी स्वार्थ के कार्य करना चाहिए.
An intelligent person should work without any selfishness for the betterment of the society.
122. जब व्यक्ति अपने कार्य में आनंद प्राप्त कर लेता है तब वह पूर्ण हो जाता है.
When a person gets pleasure in his work then he becomes complete.
123. मेरे लिए कोई भी अपना पराया नहीं है. जो मेरी पूजा करता है मैं उसके साथ रहता हूँ.
No one is my alien to me. I live with the one who worships me.
124. जो अपने कार्य में सफलता पाना चाहते है वे भगवान की पूजा करे.
Those who want to get success in their work should worship God.
125. बुरे कर्म करने वाले नीच व्यक्ति मुझे पाने की कोशिश नहीं करते.
Low people who do bad deeds don’t try to get me.
126. जो व्यक्ति जिस भी देवता की पूजा करता है मैं उसी में उसका विश्वास बढ़ाने लगता हूँ
I start increasing the faith of the person who worships whatever deity.
127. मैं भूत, वर्तमान और भविष्य के सभी प्राणियों को जानता हूँ लेकिन कोई भी मुझे नहीं जान पाता.
I know all beings, past, present and future, but no one knows me.
128. वह सिर्फ मन है जो किसी का मित्र तो किसी का शत्रु होता है.
It is only the mind which is one’s friend and one’s enemy.
129. मैं सभी जीव जंतुओ के ह्रदय में निवास करता हूँ.
I reside in the heart of all living beings.
130. चेतन व अचेतन ऐसा कुछ भी नहीं है जो मेरे बगैर इस अस्तित्व में रह सकता हो.
There is nothing conscious and unconscious that can exist without me in this existence.
131 इसमें कोई शक नहीं है कि जो भी व्यक्ति मुझे याद करते हुए मृत्यु को प्राप्त होता है वह मेरे धाम को प्राप्त होता है.
There is no doubt that the person who dies by remembering Me, attains my abode.
132. हे अर्जुन
“हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे,
हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्ण कृष्ण हरे हरे”
आशा करता हूँ की आपको पसंद आये होंगे, और आयेंगे क्यों नहीं, हमारे भगवान श्री कृष्ण ने खुद, इस मानव जाती के कल्याण के लिए ये उपदेश दिए थे
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