पपीते के औषधीय गुण medicinal properties of papaya in Hindi 

पपीता एक ऐसा मधुर फल है जो सस्ता एवं सर्वत्र सुलभ है। यह फल प्राय: बारहों मास पाया जाता है। किन्तु फरवरी से मार्च तथा मई से अक्तूबर के बीच का समय पपीते की ऋतु मानी जाती है।

कच्चे पपीते में विटामिन ‘ए’ तथा पके पपीते में विटामिन ‘सी’ की मात्रा भरपूर पायी जाती है।

आयुर्वेद में पपीता (पपाया) को अनेक असाध्य रोगों को दूर करने वाला बताया गया है।

संग्रहणी, आमाजीर्ण, मन्दाग्नि, पाण्डुरोग (पीलिया), प्लीहा वृध्दि, बन्ध्यत्व को दूर करने वाला, हृदय के लिए उपयोगी, रक्त के जमाव में उपयोगी होने के कारण पपीते का महत्व हमारे जीवन के लिए बहुत अधिक हो जाता है।

पपीते के सेवन से चेहरे पर झुर्रियां पड़ना, बालों का झड़ना, कब्ज, पेट के कीड़े, वीर्यक्षय, स्कर्वी रोग, बवासीर, चर्मरोग, उच्च रक्तचाप, अनियमित मासिक धर्म आदि अनेक बीमारियां दूर हो जाती है। पपीते में कैल्शियम, फास्फोरस, लौह तत्व,

विटामिन- ए, बी, सी, डी प्रोटीन, कार्बोज, खनिज आदि अनेक तत्व एक साथ हो जाते हैं।

पपीते का बीमारी के अनुसार प्रयोग निम्नानुसार किया जा सकता है। 

१. पपीते में ‘कारपेन या कार्पेइन’ नामक एक क्षारीय तत्व होता है जो रक्त चाप को नियंत्रित करता है।

इसी कारण उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) के रोगी को एक पपीता (कच्चा) नियमित रूप से खाते रहना चाहिए।

२. बवासीर एक अत्यंत ही कष्टदायक रोग है चाहे वह खूनी बवासीर हो या बादी (सूखा) बवासीर। बवासीर के रोगियों को प्रतिदिन एक पका पपीता खाते रहना चाहिए। बवासीर के मस्सों पर कच्चे पपीते के दूध को लगाते रहने से काफी फायदा होता है।

३. पपीता यकृत तथा लिवर को पुष्ट करके उसे बल प्रदान करता है। पीलिया रोग में जबकि यकृत अत्यन्त कमजोर हो जाता है, पपीते का सेवन बहुत लाभदायक होता है। पीलिया के रोगी को प्रतिदिन एक पका पपीता अवश्य खाना चाहिए। इससे तिल्ली को भी लाभ पहुंचाया है तथा पाचन शक्ति भी सुधरती है।

४. महिलाओं में अनियमित मासिक धर्म से पीड़ित महिलाओं को ढाई सौ ग्राम पका पपीता प्रतिदिन कम से कम एक माह तक अवश्य ही सेवन करना चाहिए। इससे मासिक धर्म से संबंधित सभी परेशानियां दूर हो जाती है।

५. जिन प्रसूता को दूध कम बनता हो, उन्हें प्रतिदिन कच्चे पपीते का सेवन करना चाहिए। सब्जी के रूप में भी इसका सेवन किया जा सकता है।

६. सौंदर्य वृध्दि के लिए भी पपीते का इस्तेमाल किया जाता है। पपीते को चेहरे पर रगड़ने से चेहरे पर व्याप्त कील मुंहासे, कालिमा व मैल दूर हो जाते हैं तथा एक नया निखार आ जाता है। इसके लगाने से त्वचा कोमल व लावण्ययुक्त हो जाती है। इसके लिए हमेशा पके पपीते का ही प्रयोग करना चाहिए।

७. कब्ज सौ रोगों की जड़ है। अधिकांश लोगों को कब्ज होने की शिकायत होती है। ऐसे लोगों को चाहिए कि वे रात्रि भोजन के बाद पपीते का सेवन नियमित रूप से करते रहें।

इससे सुबह दस्त साफ होता है तथा कब्ज दूर हो जाता है।

८. समय से पूर्व चेहरे पर झुर्रियां आना बुढ़ापे की निशानी है। अच्छे पके हुए पपीते के गूदे को उबटन की तरह चेहरे पर लगायें। आधा घंटा लगा रहने दें। जब वह सूख जाये तो गुनगुने पानी से चेहरा धो लें तथा मूंगफली के तेल से हल्के हाथ से चेहरे पर मालिश करें। ऐसा कम से कम एक माह तक नियमित करें।

९. नए जूते-चप्पल पहनने पर उसकी रगड़ लगने से पैरों में छाले हो जाते हैं। यदि इन पर कच्चे पपीते का रस लगाया जाए तो वे शीघ्र ठीक हो जाते हैं।

१०. पपीता का नियमित प्रयोग पुरूषों के लिए भी लाभकारी है

११. हृदय रोगियों के लिए भी पपीता काफी लाभदायक होता है।

12. मधुमेह से राहत 

पपीता के फायदे मधुमेह के रोगियों के लिए भी हो सकते हैं। दरअसल, पपीता में एंटी-डायबिटीज गुण होता है, जो रक्त शुगर को कम कर सकता है। इससे मधुमेह की समस्या में कुछ हद तक सुधार हो सकता है साथ ही पपीता के पत्ते का अर्क में भी एंटी-डायबिटीज गुण होता है, जो मधुमेह के लिए फायदेमंद माना जाता है

13. गर्भावस्था के लिए

पका हुआ पपीता खाने से लाभ गर्भावस्था के दौरान भी देखे जा सकते हैं पपीता से प्रेगनेंसी में होने वाली मतली, उल्टी और मॉर्निंग सिकनेस की समस्या कम हो सकती है गौर हो कि कच्चे पपीता में मौजूद पपैन एंजाइम भ्रूण के लिए जहर बन सकता है या फिर जन्म दोष का कारण बन सकता है

14.  प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए 

छोटी-छोटी रक्त कोशिकाओं को प्लेटलेट्स कहा जाता है। ये शरीर में रक्तस्राव को रोकने के लिए खून के थक्के बनाने में मदद करते हैं। इसका काउंट बढ़ाने में पपीता मदद कर सकता है। इस विषय पर हुए शोध में पाया गया कि पपीता, उसके अर्क और अन्य भागों में कारापाइन, मैलिक एसिड, क्विनिक एसिड और क्लिटोरिन जैसे घटक होते हैं। ये सभी घटक प्लेटलेट्स बनाने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं 

डेंगू होने पर प्लेटलेटस बढ़ाने के लिए घरेलू उपचार के तौर पर पपीता और पपीते के पत्तों का इस्तेमाल भी किया जाता है  डेंगू के मामले में ज्यादातर फायदे पपीते के पत्तियों के ही देखे गए हैं। 

15. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद

पपीते का उपयोग पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए उपचार के रूप में किया जाता है। एक शोध के अनुसार, पपीते में हाइमोपैपेन और पैपेन (Papain) जैसे कंपाउंड होते हैं। इन्हें पाचन संबंधी विकारों को दूर करने के लिए जाना जाता है। पैपेन से प्रोटीन को तेजी से पचाने में मदद मिल सकती है

साथ ही पपीते में एंटी अल्सर प्रभाव होता है, जो अल्सर को कम कर सकता है। यही नहीं, पपीते के सेवन से पेट फूलने की समस्या, अपच और कब्ज की समस्या भी दूर हो सकती है। दरअसल, पपीते में मौजूद फाइबर को कब्ज के लिए अच्छा माना जाता है यह स्वाभाविक रूप से शरीर को डिटॉक्स कर सकता है। साथ ही लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है।

अगर वे पपीते के पत्तों का काढ़ा बनाकर नियमित रूप से एक कप की मात्रा में रोज पीते हैं तो अतिशय लाभ होता है।

पपीता का उपयोग – How to Use Papaya in Hindi

पपीता के गुण और स्वाद की वजह से लगभग हर भारतीय रसोई में पपीता का उपयोग कई प्रकार से किया जाता है। यहां हम पपीते का उपयोग करने के कुछ सरल और फायदेमंद तरीके बता रहे हैं।

how to eat papaya पपीता कैसे खाएं 

पपीता का छिलका निकालकर उसे ऐसे ही खा सकते हैं।पपीता का उपयोग जूस बनाने में किया जा सकता है।

फ्रूट सलाद बनाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है।

पपीता का उपयोग करके उसका स्वादिष्ट हलवा भी बना सकते हैं।

कई स्थानों पर पके हुए पपीते का उपयोग मिठाई बनाने के लिए भी किया जाता है।

when to eat papaya पपीता कब खाएं 

पपीता का सलाद बनाकर सुबह नाश्ता में खा सकते हैं।

इसका जूस बनाकर दोपहर में पी सकते हैं।

इससे बने हलवा को रात में खा सकते हैं।

पपीता कितना खाएं 

रोजाना 4 से 5 सर्विंग यानी लगभग 150 ग्राम पपीते का सेवन आदर्श माना जाता है साथ ही यह प्रति व्यक्ति के स्वास्थ्य व क्षमता पर भी निर्भर करता है।

डिसक्लेमर 

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