भगवान शिव को शीघ्र प्रसन्न करने के लिए हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। प्रदोष व्रत को करने से मनुष्य के सभी कष्ट और पाप नष्ट होते हैं एवं मनुष्य को अभीष्ट की प्राप्ति होती है। प्रदोष व्रत को 11 या फिर 26 त्रयोदशियों तक रखा जाता है, व्रत के दिन शिव परिवार अर्थात भगवान शिव सहित माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय जी की पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को सफेद मदार का फूल, गाय का कच्चा दूध, भांग, बेलपत्र, और चन्दन चढ़ाना चाहिये।