“जीवन” सिक्के के दो पहलुओं की तरह होता है।
कभी दुःख तो कभी सुख ! जब सुख हो तो घमंड ना करें
और जब दुःख हो तो थोड़ा सब्र अवश्य रखें।
“जीवन” सिक्के के दो पहलुओं की तरह होता है।
कभी दुःख तो कभी सुख ! जब सुख हो तो घमंड ना करें
और जब दुःख हो तो थोड़ा सब्र अवश्य रखें।
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