क्या आप बार-बार दुर्घटनाग्रस्त होते हैं..? जानें दुर्घटना से बचने के उपाय 

दुर्घटना (accident) से जन-धन दोनों की क्षति होती है। दुर्घटना का अर्थ है अचानक लगने वाली चोट जिसकी पहले से कोई आशंका नहीं होती। कहते हैं कि जो आया है उसका जाना तय है लेकिन असमय मृत्यु या शारीरिक पीड़ा को यदि टाला जा सकता है, तो इससे बढ़कर अच्छी बात क्या हो सकती है ?

शनि

शनि का प्रभाव प्राय: नसों व हड्‍डियों पर रहता है। शनि की खराब स्थिति में नसों में ऑक्सीजन की कमी व ‍हड्‍डियों में कैल्शियम की कमी होती जाती है अत: वाहन-मशीनरी से चोट लगना व चोट लगने पर हड्‍डियों में फ्रैक्चर होना आम बात है। यदि पैरों में बार-बार चोट लगे व हड्‍डी टूटे तो यह शनि की खराब स्थिति को दर्शाता है।

क्या करें : शनि की शांति के उपाय करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें। मद्यपान और माँसाहार से पूर्ण परहेज करें। नौकरों-कर्मचारियों से अच्छा व्यवहार करें। शनि न्याय का ग्रह है इसलिए न्याय का रास्ता अपनाएँ, परिवार से विशेषत: स्त्रियों से संबंध मधुर रखें।

राहु

राहु का प्रभाव दिमाग व आँखों पर रहता है। कमर से ऊपरी हिस्से पर ग्रह विशेष प्रभाव रखता है। राहु की प्रतिकूल स्थिति जीवन में आकस्मिकता लाती है। दुर्घटनाएँ, चोट-चपेट अचानक लगती है और इससे मनोविकार, अंधापन, लकवा आदि लगना राहु के लक्षण हैं। पानी, भूत-बाधा, टोना-टोटका आदि राहु के क्षेत्र में हैं।

क्या करें : गणेश जी व सरस्वती की आराधना करें। अवसाद से दूर रहें। सामाजिक संबंध बढ़ाएँ। रिस्क न लें। खुश रहें व बातें न छुपाएँ।

मंगल

मंगल हमारे शरीर में रक्त का प्रतिनिधि है। मंगल की अशुभ स्थिति से बार-बार सिर में चोट लगती है। खेलते-दौड़ते समय गिरना आम बात है और इस‍ स्थि‍ति में छोटी से छोटी चोट से भी रक्त स्राव होता जाता है। रक्त संबंधी बीमारियाँ, मासिक धर्म में अत्यधिक रक्त स्राव भी खराब मंगल के लक्षण हैं। अस्त्र-शस्त्रों से दुर्घटना होना, आक्रमण का शिकार होना इससे होता है।

क्या करें : मंगलवार का व्रत करें, मसूर की दाल का दान करें। उग्रता पर नियंत्रण रखें। मित्रों की संख्‍या बढ़ाएँ। मद्यपान व माँसाहार से परहेज करें। अपनी ऊर्जा को रचनात्मक दिशा दें।

कब-कब होगी परेशानी 

जब-जब इन ग्रहों की महादशा, अंतर्दशा या प्रत्यंतर दशा आएगी, तब-तब संबंधित दुर्घटनाओं के योग बनते हैं। इसके अलावा गोचर में इन ग्रहों के अशुभ स्थानों पर जाने पर, स्थान बदलते समय भी ऐसे कुयोग बनते हैं अत: इस समय का ध्यान रखकर संबंधित उपाय करना नितांत आवश्यक है।

Must Read जानें क्या होता है शकुन और अपशकुन, जानें जीवन की किन घटनाओं से मिलता है शुभ संकेत

जानिए दुर्घटना से पूर्व ही उनसे बचने के 10 सरलतम उपाय 

1. हनुमान मंदिर में मिट्टी के दीये में चमेली के तेल का दीपक जलाएं।

2. पक्षियों को लाल मसूर खिलाएं।

3. हनुमान मंदिर से कलाई पर मौली बंधवाएं।

4. हनुमानजी के मंदिर में गुड़-चने का प्रसाद बांटें।

5. नींबू पर सिंदूर लगाकर चौराहे पर फेंक दें।

6. विधवा महिलाओं की इच्छा अनुसार मिठाई बांटें।

7. घर की छत पर लाल पताका (झंडा) लगाएं।

8. हनुमानजी के चित्र पर लाल फूल चढ़ाएं। कर्पूर जलाएं।

9. नारियल पर मौली लपेटकर हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।

10. दुर्घटना से बचने के लिए घर से निकलते वक्त मुंह मीठा करके न निकलें। अगर कुछ मीठा खा भी लिया हो तो कुल्ला करके ही घर से बाहर निकलें।

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।