भक्ति हमारा हृदय परिवर्तन कर देती है। हम में से प्रत्येक के हृदय की गहराइयों में, दिव्य प्रेम का एक बीज है, जो अंकुरित होने और अपनी सुप्त क्षमता को पूर्ण करने की प्रतीक्षा कर रहा है। भगवन्नाम का जप करने से उस बीज का पोषण व वृद्धी होती है। क्रमशः धीरे-धीरे, बीज अंकुरित होता है, प्रकट होता है, और दिव्य प्रेम के शाश्वत पुष्प के रूप में खिल उठता है।
Bhakti transforms the heart. Deep within the heart of each of us lies a seed of divine love waiting to sprout and fulfill its potential. Chanting the names of God nourishes that growth. Gradually, the seed sprouts, springs up, and blossoms into the everlasting flower of divine love.
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