Hanuman Chalisa हनुमान चालीसा पढ़ने के नियम और लाभ Rules and benefits of reading Hanuman Chalisa in Hindi
हनुमान जी और हनुमानचालीसा दोनो का भारतीय संस्कृति में अवर्णीय आस्था है। हनुमान जी का नाम आते ही हमारे अंदर एक अद्भुद शक्ति का संचार होने लगता है। हनुमान चालीसा दुनिया की सबसे सरल और शक्तिशाली स्तुति है। ये सम्पूर्ण रूप से बहुत प्रभावशाली मानी गई है। इसकी हर चौपाई अलग अलग रूप से शक्तिशाली है। जीवन की हर समस्या का समाधान हनुमान चालीसा द्वारा किया जा सकता है। हनुमान चालीसा का पाठ सिद्ध कर लेने से साधक चमत्कारी हो जाता है।
Rules for reading Hanuman Chalisa हनुमान चालीसा पढ़ने के नियम
हनुमान चालीसा का पूरा पाठ करने में लगभग 10 मिनट लगते हैं यह लेख थोड़ा लम्बा है, कृपया निश्चिंत हो कर ही इसे पढ़ें
1. हनुमान जी और इनके आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जी के चित्र की स्थापना करे।
2. इसके बाद उनके समक्ष जल से भरा पात्र रखें।
3. पहले भगवान् राम फिर हनुमान जी का ध्यान करें।
4. इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें।
5. कम से कम एक बार से लेकर सौ बार तक हनुमान चालीसा का पाठ किया जा सकता है।
6. पाठ के बाद जल को प्रसाद की तरह ग्रहण करें।
7. हमेशा यह प्रयास करें कि हनुमान चालीसा के पाठ का समय रोज एक ही हो।
8. विशेष दशाओं मे यात्रा और सोते समय भी चालीसा का पाठ कर सकते हैं।
हनुमान चालीसा पाठ के लाभ Benefits of reciting Hanuman Chalisa in Hindi
1. बुरी आत्माओं को भगाए:
हनुमान जी अत्यंत बलशाली थे और वह किसी से नहीं डरते थे। हनुमान जी को भगवान माना जाता है और वे हर बुरी आत्माओं का नाश कर के लोगों को उससे मुक्ती दिलाते हैं। जिन लोगों को रात मे डर लगता है या फिर डरावने विचार मन में आते रहते हैं, उन्हें रोज हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिये।
2. साढे़ साती का प्रभाव कम करे:
हनुमान चालीसा पढ़ कर आप शनि देव को खुश कर सकते हैं और साढे साती का प्रभाव कम करने में सफल हो सकते हैं। कहानी के मुताबिक हनुमान जी ने शनी देव की जान की रक्षा की थी, और फिर शनि देव ने खुश हो कर यह बोला था कि वह आज के बाद से किसी भी हनुमान भक्त का कोई नुकसान नहीं करेगें।
3. पाप से मुक्ती दिलाए:
हम कभी ना कभी जान बूझ कर या फिर अनजाने में ही गल्तियां कर बैठते हैं। लेकिन आप उसकी माफी हनुमान चालीसा पढ़ कर मांग सकते हैं। रात के समय हनुमान चालीसा को 8 बार पढ़ने से आप सभी प्रकार के पाप से मुक्त हो सकते हैं।
4. बाधा हटाए:
जो भी इंसान हनुमान चालीसा को रात में पढे़गा उसे हनुमान जी स्वंय आ कर सुरक्षा प्रदान करेगें। बचपन से ही हमें सिखाया गया है कि अगर कभी भी मन अशांत लगे या फिर किसी चीज से डर लगे तो, हनुमान चालीसा पढ़ो। ऐसा करने से मन शांत होता है और डर भी नहीं लगता। हिंदू धर्म में हनुमान चालीसा का बड़ा ही महत्व है। हनुमान चालीसा पढ़ने से शनि ग्रह और साढे़ साती का प्रभाव कम होता है। हनुमान जी राम जी के परम भक्त हुए हैं। प्रत्येक व्यक्ति के अंदर हनुमान जी जैसी सेवा-भक्ति विद्यमान है। हनुमान-चालीसा एक ऐसी कृति है, जो हनुमान जी के माध्यम से व्यक्ति को उसके अंदर विद्यमान गुणों का बोध कराती है। इसके पाठ और मनन करने से बल बुद्धि जागृत होती है। हनुमान-चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति खुद अपनी शक्ति, भक्ति और कर्तव्यों का आंकलन कर सकता है।
जानिए हनुमान चालीसा की किस चौपाई से क्या चमत्कार होते हैं Know what miracles happen from which chaupai of Hanuman Chalisa in Hindi
वैसे तो हनुमान चालीसा की हर चौपाइ और दोहे चमत्कारी हैं लेकिन कुछ ऐसी चौपाइयां हैं जो बहुत जल्द असर दिखाती हैं। ये चौपाइयां सर्वाधिक प्रचलित भी हैं समय-समय में काफी लोग इनका जप करते हैं। यहां जानिए कुछ खास चौपाइयां और उनके अर्थ। साथ ही जानिए हनुमान चालीसा की किस चौपाई से क्या चमत्कार होते हैं
रामदूत अतुलित बलधामा। अंजनिपुत्र पवनसुत नामा।।
यदि कोई व्यक्ति इस चौपाई का जप करता है तो उसे शारीरिक कमजोरियों से मुक्ति मिलती है। इस पंक्ति का अर्थ यह है कि हनुमानजी श्रीराम के दूत हैं और अतुलित बल के धाम हैं। यानि हनुमानजी परम शक्तिशाली हैं। इनकी माता का नाम अंजनी है इसी वजह से इन्हें अंजनी पुत्र कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी को पवन देव का पुत्र माना जाता है इसी वजह से इन्हें पवनसुत भी कहते हैं।
महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।
यदि कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा की केवल इस पंक्ति का जप करता है तो उसे सुबुद्धि की प्राप्ति होती है। इस पंक्ति का जप करने वाले लोगों के कुविचार नष्ट होते हैं और सुविचार बनने लगते हैं। बुराई से ध्यान हटता है और अच्छाई की ओर मन लगता है। इस पंक्ति का अर्थ यही है कि बजरंगबली महावीर हैं और हनुमानजी कुमति को निवारते हैं यानि कुमति को दूर करते हैं और सुमति यानि अच्छे विचारों को बढ़ाते हैं।
बिद्यबान गुनी अति चातुर। रामकाज करीबे को आतुर।।
यदि किसी व्यक्ति को विद्या धन चाहिए तो उसे इस पंक्ति का जप करना चाहिए। इस पंक्ति के जप से हमें विद्या और चतुराई प्राप्त होती है। इसके साथ ही हमारे हृदय में श्रीराम की भक्ति भी बढ़ती है। इस चौपाई का अर्थ है कि हनुमानजी विद्यावान हैं और गुणवान हैं। हनुमानजी चतुर भी हैं। वे सदैव ही श्रीराम के काम को करने के लिए तत्पर रहते हैं। जो भी व्यक्ति इस चौपाई का जप करता है उसे हनुमानजी की ही तरह विद्या, गुण, चतुराई के साथ ही श्रीराम की भक्ति प्राप्त होती है।
भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्रजी के काज संवारे।।
जब आप शत्रुओं से परेशान हो जाएं और कोई रास्ता दिखाई न दे तो हनुमान चालीसा का जप करें। यदि एकाग्रता और भक्ति के साथ हनुमान चालीसा की सिर्फ इस पंक्ति का भी जप किया जाए तो शत्रुओं पर विजय प्राप्ति होती है। श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है। इस पंक्ति का अर्थ यह है कि श्रीराम और रावण के बीच हुए युद्ध में हनुमानजी ने भीम रूप यानि विशाल रूप धारण करके असुरों-राक्षसों का संहार किया। श्रीराम के काम पूर्ण करने में हनुमानजी ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। जिससे श्रीराम के सभी काम संवर गए।
लाय संजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
इस पंक्ति का जप करने से भयंकर बीमारियों से भी मुक्ति मिल सकती है। यदि कोई व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से पीडि़त है और दवाओं का भी असर नहीं हो रहा है तो उसे भक्ति के साथ हनुमान चालीसा या इस पंक्ति का जप करना चाहिए। दवाओं का असर होना शुरू हो जाएगा, बीमारी धीरे-धीरे ठीक होने लगेगी। इस चौपाई का अर्थ यह है कि रावण के पुत्र मेघनाद ने लक्ष्मण को मुर्छित कर दिया था। तब सभी औषधियों के प्रभाव से भी लक्ष्मण की चेतना लौट नहीं रही थी। तब हनुमानजी संजीवनी औषधि लेकर आए और लक्ष्मण के प्राण बचाए। हनुमानजी के इस चमत्कार से श्रीराम अतिप्रसन्न हुए।
श्रीराम के परम भक्त हनुमानजी सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवताओं में से एक हैं। शास्त्रों के अनुसार माता सीता के वरदान के प्रभाव से बजरंग बली को अमर बताया गया है। ऐसा माना जाता है आज भी जहां रामचरित मानस या रामायण या सुंदरकांड का पाठ पूरी श्रद्धा एवं भक्ति से किया जाता है वहां हनुमानजी अवश्य प्रकट होते हैं। इन्हें प्रसन्न करने के लिए बड़ी संख्या श्रद्धालु हनुमान चालीसा का पाठ भी करते हैं। यदि कोई व्यक्ति पूरी हनुमान चालीसा का पाठ करने में असमर्थ रहता है तो वह अपनी मनोकामना के अनुसार केवल कुछ पंक्तियों का भी जप कर सकता है।
केवल हनुमान चालीसा ही नहीं सभी देवी-देवताओं की प्रमुख स्तुतियों में चालिस ही दोहे होते हैं ? विद्वानों के अनुसार चालीसा यानि चालीस, संख्या चालीस, हमारे देवी-देवीताओं की स्तुतियों में चालीस स्तुतियां ही सम्मिलित की जाती है। जैसे श्री हनुमान चालीसा, दुर्गा चालीसा, शिव चालीसा आदि। इन स्तुतियों में चालीस दोहे ही क्यों होती है ? इसका धार्मिक दृष्टिकोण है। इन चालीस स्तुतियों में संबंधित देवता के चरित्र, शक्ति, कार्य एवं महिमा का वर्णन होता है।
चालीस चौपाइयां हमारे जीवन की संपूर्णता का प्रतीक हैं, इनकी संख्या चालीस इसलिए निर्धारित की गई है क्योंकि मनुष्य जीवन 24 तत्वों से निर्मित है और संपूर्ण जीवनकाल में इसके लिए कुल 16 संस्कार निर्धारित किए गए हैं। इन दोनों का योग 40 होता है। इन 24 तत्वों में 5 ज्ञानेंद्रिय, 5 कर्मेंद्रिय, 5 महाभूत, 5 तन्मात्रा, 4 अन्त:करण शामिल है।
सोलह संस्कार इस प्रकार है।
1. गर्भाधान संस्कार 2. पुंसवन संस्कार 3. सीमन्तोन्नयन संस्कार 4. जातकर्म संस्कार 5. नामकरण संस्कार 6. निष्क्रमण संस्कार 7. अन्नप्राशन संस्कार 8. चूड़ाकर्म संस्कार 9. विद्यारम्भ संस्कार 10. कर्णवेध संस्कार 11. यज्ञोपवीत संस्कार 12. वेदारम्भ संस्कार 13. केशान्त संस्कार 14. समावर्तन संस्कार 15. पाणिग्रहण संस्कार 16. अन्त्येष्टि संस्कार।
हनुमान चालीसा के कुछ खास प्रयोग यदि किए जाएं तो खास परेशानियों का हल भी निकाला जा सकता है।
1. विशेष लाभ पाने के लिए लाल अक्षरों में लिखी हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
2. मुक़दमे और विवादों से छुटकारा पाने के लिए संकल्प लेकर 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
3. मंगल की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए हनुमान चालीसा बांटनी चाहिए।
4. एक पीले कागज पर लाल रंग से हनुमान चालीसा लिखें और इसे हमेशा अपने पास रखिए। आप मुश्किलों से हमेशा सुरक्षित रहेंगे।
5. हनुमान चालीसा का पाठ सूर्य के समक्ष करने से सारे ग्रह शांत मजबूत हो जाते हैं।
6. अगर हनुमान चालीसा के पाठ का सबसे शक्तिशाली असर देखना चाहते हैं तो उसका पाठ सूर्य के सामने करें। हनुमान जी को हनुमान चालीसा के माध्यम से उनकी शक्तियां याद दिलायी जा सकती है।
भगवान की इन स्तुतियों में हम उनसे इन तत्वों और संस्कारों का बखान तो करते ही हैं, साथ ही चालीसा स्तुति से जीवन में हुए दोषों की क्षमायाचना भी करते हैं। इन चालीस चौपाइयों में सोलह संस्कार एवं 24 तत्वों का भी समावेश होता है। जिसकी वजह से जीवन की उत्पत्ति है।
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