आध्यात्म एवं ज्योतिष में नवमी तिथि का महत्त्व Importance of Navami Tithi in Spirituality and Astrology in Hindi 

हिंदू पंचाग की नौवीं तिथि नवमी कहलाती है। इस तिथि का नाम उग्रा भी है क्योंकि इस तिथि में शुभ कार्य करना वर्जित होता है। इसे हिंदी में नवमी, नौवीं भी कहते हैं। यह तिथि चंद्रमा की नौवीं कला है, इस कला में अमृत का पान मृत्यु के देवता यमराज करते हैं। नवमी तिथि का निर्माण शुक्ल पक्ष में तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा का अंतर 97 डिग्री से 108 डिग्री अंश तक होता है। वहीं कृष्ण पक्ष में नवमी तिथि का निर्माण सूर्य और चंद्रमा का अंतर 277 से 288 डिग्री अंश तक होता है। नवमी तिथि की स्वामिनी देवी दुर्गा को माना गया है। इस तिथि में जन्मे जातकों को मां दुर्गा की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

नवमी तिथि का ज्योतिष में महत्त्व Importance of Navami Tithi in Astrology in Hindi 

यदि नवमी तिथि गुरुवार को पड़ती है तो मृत्युदा योग बनाती है। इस योग में शुभ कार्य करना वर्जित है। इसके अलावा नवमी तिथि शनिवार को होती है तो सिद्धा कहलाती है। ऐसे समय कार्य सिद्धि की प्राप्ति होती है। बता दें कि नवमी तिथि रिक्त तिथियों की श्रेणी में आती है, इस तिथि में किए गए कार्यों की कार्यसिद्धि रिक्त होती है। वहीं शुक्ल पक्ष की नवमी में भगवान शिव का पूजन करना वर्जित है लेकिन कृष्ण पक्ष की नवमी में शिव का पूजन करना उत्तम माना गया है। चैत्र महीने के दोनों पक्षों में पड़ने वाली नवमी तिथि शून्य कही गई है।

नवमी तिथि में जन्मे जातक कई विद्याओं में निपुण होते हैं। ये जातक जीवन में किसी भी तरह से सफल होने का प्रयास करते रहते हैं और कई बार सफल भी हो जाते हैं। इनको धन कमाने की हमेशा लालसा रहती है। ये लोग विपरीत लिंग और धन दोनों के लिए महत्वाकांक्षी होते हैं। ये लोग अपने भाई-बंधुओं के प्रति प्रेम रखते हैं। इनको पिता और वरिष्ठजनों से हमेशा सहयोग मिलता रहता है। इनके अंदर कठिन कार्यों को करने की क्षमता होती है। इस तिथि में जन्म लोग त्याग और समर्पण की भावना रखते हैं। ये लोग प्रेम के मामले में सामान्य रहते हैं और अपने साथी के प्रति निष्ठा रखते हैं। इन लोगों में हर वक्त जीतने का जुनून बना रहता है।

Auspicious deeds of Navami Tithi in Hindi नवमी तिथि के शुभ कार्य 

नवमी तिथि में विद्युत कर्म, बन्धन, शस्त्र विषय, अग्नि आदि से सम्बन्धित कार्य करने चाहिए। मान्यता है कि इस तिथि में कठिन कार्य जैसे शिकार करना, वाद विवाद करना, हथियार निर्माण शुरू करने चाहिए। इसके अलावा किसी भी पक्ष की नवमी तिथि में लौकी और कद्दू नहीं खाना चाहिए।

नवमी तिथि के प्रमुख हिन्दू त्यौहार एवं व्रत व उपवास Major Hindu festivals and fasting on Navami Tithi in Hindi 

महानवमी Mahanavami 

नवरात्र का नौवा दिन देवी दुर्गा की नौवीं शक्ति माता सिद्धिदात्री का होता है। इस दिन साधना करने वाले साधकों को सभी दिव्य सिद्धियों की प्राप्ति होती है।

महानंदा नवमी Mahananda Navami 

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महानंदा नवमी मनाई जाती है। इस तिथि पर माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इस दिन व्रत करने से दरिद्रता दूर हो जाती है।

अक्षय नवमी Akshaya Navami

कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी या आंवला नवमी मनाई जाती है। इस तिथि पर भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी का पूजन किया जाता है। इस दिन महिलाएं संतान प्राप्ति और पारिवारिक सुख के लिए व्रत रखती हैं।

रामनवमी Ram Navami

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को भारतवर्ष में लोग रामनवमी का पर्व मनाते हैं। इस तिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्म धरती पर हुआ था। इस दिन भगवान राम के पूजन का विधान है। इस दिन व्रत रखने से पारिवारिक सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।

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