बच्चा क्या खायेगा, क्या पियेगा, क्या पहनेगा, इसका ध्यान बच्चा नहीं, उसकी माँ रखती है। हमें क्या देना है, और क्या नहीं देना है, स्वयं भगवान देखते हैं।
बच्चा क्या खायेगा, क्या पियेगा, क्या पहनेगा, इसका ध्यान बच्चा
बच्चा क्या खायेगा, क्या पियेगा, क्या पहनेगा, इसका ध्यान बच्चा
जिसने बनाया श्याम को अपना साथी जीवन में विपदा कभी
वाणी प्रभु ने सबको दी है, लेकिन एक व्यक्ति अपनी
जो मनुष्य जिस प्रकार से ईश्वर का स्मरण करता है
मनुष्य को जीवन की चुनौती तो से भागना नहीं
शायद बहुत कम लोग जानते होंगे की प्रसाद का
बात आंखों ही आंखों में कुछ यू हो गई वो
पवित्र मन सबसे उत्तम तीर्थ है हरे कृष्णा
हर बड़ी कामयाबी समय मांगती है इसलिए धैर्य का
शतरंज हो या जिंदगी जीतने के लिए धैर्य रखना