विवाह के पश्चात एक स्त्री का पत्नी के रूप में सम्पूर्ण जीवन पति के साथ ही व्यतीत होता है। यदि दोनों के बीच संबंध अच्छे होते है तो दोनों को ही दाम्पत्य सुख की प्राप्ति होती है। लेकिन किसी भी कारण से संबंधों में गतिरोध आता है तो जीवन एक बोझ या अभिशाप जैसा लगने लगता है। खास कर जब पति पत्नी से विमुख होकर किसी अन्य स्त्री से संबंध बना ले तो पत्नी सपने में भी इस संबंध को स्वीकार नही कर सकती।
आज हम कुछ ऐसे प्रयोगों के बारे में बता रहे है जिनके द्वारा आकर्षण अथवा विघटन किया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे इन प्रयोगों को नैतिकता की सीमा में रहते हुए ही सम्पन्न करे किसी गलत विचार से करने पर लाभ की जगह हानि ही उठानी पड़ेगी।
1. किसी अन्य महिला के प्रति आकर्षित हुए व्यक्ति को उससे मुक्त कराने एवं अपनी ओर आकर्षित करने के लिये चित्र में दिए गए यंत्र को बनाये इसे बनाने के लिये शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार के दिन शुभ मुहूर्त का चयन करके एकांत स्थान पर कम्बल का आसन बिछाकर पश्चिम दिशा में मुख करके बैठ जाएं
मुख में इलायची अथवा कोई अन्य सुगंधित वस्तु रख लें, तथा कोरे कागज अथवा भोज पत्र पर काली स्याही से निर्दिष्ट यंत्र बनाये, यंत्र बनाकर उसपर किसी अच्छे इत्र के छींटे दें। अगरबत्ती का धुआं करे तथा इसके पश्चात सुविधा अनुसार इस यंत्र की कम से कम 30 फोटो कॉपी करवा लें। सभी फोटो कॉपी को इकट्ठा कर बनाये हुए यंत्र को उनपर उल्टा रख दें सुरक्षा की दृष्टि से किसी फ़ाइल में रखें। अब प्रतिदिन मूल यंत्र के नीचे वाले यंत्र को निखार कर शेष यंत्रो पर मूल यंत्र को पहले की भांति ही उल्टा रख दें क्योकि मूल यंत्र उसके संपर्क वाले यंत्र को ऊर्जा युक्त रखता है।
अब जो यंत्र निकाला हो उस यंत्र पर लिखे की मेरा पति—- (रिक्तस्थान में) पति का नाम अमुक महिला—- (रिक्त स्थान में उस महिला का नाम) से दूर हो और (मेरी के साथ स्वयं का नाम लिखे) तरफ आकर्षित हो ऐसा लिखकर कर्पूर जलाकर उसकी अग्नि से यंत्र को जला दें जब पूरा जल जाए तो राख को जहां किसी के पैर ना पड़े ऐसी जगह झाड़ी में डाल दें या प्रयोग 30 या 41 दिन तक नित्य करने से संबंधित महिला को लाभ होता है। इसी प्रकार यह प्रयोग कोई भी पुरुष अपनी भटकी पत्नी के लिये करना चाहे तो कर सकता है।
2. जिस स्त्री अथवा पुरुष का पति अथवा पत्नी किसी अन्य महिला के चक्कर मे पड़कर उसे तरिस्कृत करता हो तो वह निम्न प्रदार्थो को मिलाकर नित्य उनसे हवन करें।
सामग्री सफेद तिल, कर्पूर, देसी घी गया का, कच्चे चावल।
इस हवन को स्नानादि से निवृत होकर किसी भी समय किया जा सकता है बस पहने हुए वस्त्र स्वच्छ रहे। इस हवन को अपनी नित्य पूजा के अंत मे भी कर सकते है। हवन में जिन प्रदार्थो को आहुतियां देनी है उनकी मात्रा कम या अधिक भी हो सकती है। आहुतियां देते समय निम्न लिखित मंत्र बोले।
मंत्र कामी, कामप्रदः, कामः कामपालः, हरि:, आनन्दः, माधवः, स्वाहा।।
इस मंत्र की कम से कम 108 आहुतियां प्रतिदिन दे अंत मे अपने आसन के आगे थोड़ा जल छोड़ कर उसे अपने मस्तक पर लगा कर खड़े हो सकते है। निरंतर कुछ दिनों तक ऐसा करने से अन्य स्त्री या पुरुष के प्रति आकर्षित पति अथवा पत्नी वापस लौट आते है ध्यान रहे इस हवन को राजोकाल में ना करें उस काल मे हवन ना करने से इसके निरंतरता में प्रभाव नही पड़ता।
3. जिस स्त्री का पति अन्य स्त्री के प्रति आकर्षित हो यह उपाय उन स्त्रियों के लिये अत्यंत लाभदायक है। आपके पति का अन्य स्त्री के प्रति आकर्षण समाप्त करने तथा अपने प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिये ऐसी स्त्री अपने पति के किसी कपड़े से कुछ धागे निकले ऐसे दो धागों को लेकर थोड़ी रूई में लपेटकर दो लंबी लंबी पतली बत्तियां बना ले। इन दोनों बत्तियों को एक दीपक में इस प्रकार लगाए की वह चौमुखा दीपक बन जाये।
अब इस दीपक में सरसों का तेल भरकर उसमे राई के कुछ दाने डालें तथा किसी शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार से आरंभ कर प्रत्येक गुरुवार के दिन इस चार बत्ती वाले दीपक को प्रातः काल स्नान के बाद अथवा संध्या के समय हाथ पैर धोकर या स्नान करके पीपल के पेड़ के नीचे जलाये और हाथ जोड़कर निवेदन करें कि हे देव मेरे पति को अमुक (अगर नाम पता हो तो नाम की जगह उस स्त्री का नाम लें नही पता हो तो अज्ञात स्त्री कहें) से दूर करे तथा उन्हें मेरी और आकर्षित करें। इस प्रयोग को लगातार 21 गुरुवार करें भगवान की कृपा से बंधन समाप्त होता है तथा अभीष्ट फल प्राप्ति होती है।
हमने कुछ ऐसे प्रयोगों के बारे में जानकारी दी है उसी लेख को आगे बढ़ाते हुए आज के लेख के माध्यम से हम कुछ स्वानुभूत प्रयोगों के विषय मे चर्चा करेंगे जिनके द्वारा आकर्षण अथवा विघटन किया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे इन प्रयोगों को नैतिकता की सीमा में रहते हुए ही सम्पन्न करे किसी गलत विचार से करने पर लाभ की जगह हानि ही उठानी पड़ेगी।
1. कोई भी स्त्री या पुरुष किसी अन्य महिला पुरुष के प्रति आकर्षित तो हो जाते है। लेकिन एक समय सीमा के बाद उससे अपना पीछा छुड़ाना चाहते है। इसकेलिये संबंधित स्त्री अथवा पुरुष जिससे पीछा छुड़ाना है उसका कोई रुमाल अथवा छोटा सा वस्त्र प्राप्त करें। उस वस्त्र को बिना धोए जलाकर राख बना लें। उस राख में थोड़ी सी पीली सरसों मिलाकर पीस लें। इस चूर्ण की छोटी पुड़िया बना कर अपने पास रकह लें जब भी उससे मिले तो आस-पास कही भी पुड़िया वाली राख़ को डाल दें। यदि ऐसा न कर सके तो उसकी फोटो पर प्रतिदिन छिड़के ऐसा करने से कुछ ही दिनों में उच्चाटन होने लगेगा।
2. यदि किसी पुरुष को यह ज्ञात हो कि उसकी पत्नी का संबंध किसी अन्य पुरुष के साथ है उन्हें निम्न प्रयोग करना चाहिये।
प्रयोग एक फिट लंबे और चौड़े कागज पर चित्र में दिए चित्र संख्या एक व दो की तरह यंत्र बनाए। इनमे से एक यंत्र के नीचे पत्नी तथा दूसरे के नीचे पति लिखे इसके बाद दोनों यंत्र पर कोई भी इत्र के छींटे लगाये तथा अगरबत्ती दिखाए। अब जिस यंत्र के नीचे पत्नी लिखा है उसे जिस स्थान पर पत्नी सोती है उसके तकिए के नीचे रख दें तथा जिस यंत्र पर पति लिखा है उसे जहां पति सोता है उस तकिए के नीचे रख दें।यंत्र को इस प्रकार रखें जिससे सर का ज्यादा हिस्सा तकिए के ऊपर आये। इन्हें कुछ दिन ऐसे ही रहने दें इसके प्रभाव से पत्नी की परपुरुष तथा पति की परस्त्री से दूरी बढ़ने लगेगी। तथा पति पत्नी जैसे जैसे पति या पत्नी के लिये सोचेंगे वैसा होने लगेगा।
विशेष यदि किसी स्त्री के पति को अपनी पत्नी के पर पुरुष से संबंध की जानकारी ना हो तथा वह उस पुरुष से अपने संबंध तोड़ना चाहती हो तो उपरोक्त यंत्र में से पत्नी वाले यंत्र को वह स्त्री अपने सिर की तरफ उसी प्रकार तकिए के नीचे रखकर प्रयोग कर सकती है। जबकि पति के यंत्र के स्थान पर उतनी ही बड़ी कोरी शीट अपने पति के सर की ओर रखकर प्रयोग करें।
3. कोई भी पुरुष् अथवा स्त्री अपने पति या पत्नी को पूर्ण तरह अपने वश में या अपने प्रति समर्पित रखना चाहे तो उन्हें बारह रत्ती से अधिक वजन का यशद नामक उपरत्न लाना चाहिये। इस रत्न को स्वर्ण के लाकेट में जड़वाकर जिसे वश में करना हो उसे भेंट करें ये कहकर की तुम इसे गले में पहनो सुंदर लगेगा। इसके धारण करने से पति अथवा पति कुछ ही दिनों में आकर्षित होने लगेंगे। यदि वह लाकेट ना पहनता हो तो ऐसी स्थिति में यशद को उसके तकिए के अंदर रूई के बीच मे रख दें। इसके प्रभाव से भी अभीष्ट फल की प्राप्ति होगी। इसी प्रकार यदि स्त्री पुरुष दोनों ही अपनी बीच की उंगली में चांदी में जड़वाकर सवा दस रत्ती का कटैला धारण करे तो उनमें श्रेष्ठ प्रेम व सामंजस्य उत्पन्न होता है।
4. जो भी स्त्री अथवा पुरुष अपनी मर्यादा से बाहर किसी बंधन के कारण जा रहा हो उसे अपनी ओर पुनः आकर्षित करने के लिये चित्र में दिए चित्र संख्या तीन को एक साफ सफेद कागज पर अथवा भोजपत्र पर काली स्याही से बनाये। इसे बनाते समय पश्चिम की तरफ मुख कर सफेद ऊनि आसान पर मुख में इलायची रख कर बैठे। यंत्र बनाने के बाद इसपर काला भूत नाम का इत्र छिड़कें तथा अगरबत्ती का धुआं दिखाए। यंत्र के नीचे लिखे है देव अमुक (जिसे समीप लाना चाहते है उसका नाम) को मेरे निकट लाने की कृपा करें। बाद में इसकी तह बना कर किसी वजनदार वस्तु जैसे अलमारी अथवा पलंग के नीचे रख दें। यह यंत्र कुछ दिनों में ही अपना प्रभाव दर्शाता है।
विवाह के पश्चात एक स्त्री का पत्नी के रूप में सम्पूर्णजीवन पति के साथ ही व्यतीत होता है। यदि दोनों के बीच संबंध अच्छे होते है तो दोनों को ही दाम्पत्य सुख की प्राप्ति होती है। लेकिन किसी भी कारण से संबंधों में गतिरोध आता है तो जीवन एक बोझ या अभिशाप जैसा लगने लगता है। खास कर जब पति पत्नी से विमुख होकर किसी अन्य स्त्री से संबंध बना ले तो पत्नी सपने में भी इस संबंध को स्वीकार नही कर सकती।
आप अपने पति के वशीकरण के लिए कुछ उपाय अपनाकर जीवन को पहले जैसा बना सकती हैं। इस लेख के जरिये हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे ही उपाय जिनसे आप फिर से अपने पति का प्यार पा सकती हैं।
लौंग पर 21 बार फूंक मारे
शनिवार की अर्ध रात्रि में सात लौंग लेकर उस पर 21 बार अपने पति का नाम लेकर फूंक मारें और अगले रविवार को इनको आग में जला दें। यह प्रयोग लगातार सात बार करने से पति के अलावा अन्य किसी का भी वशीकरण किया जा सकता है। प्रयोग पूरा होने के दो से तीन हफ्ते बाद आपको इसका असर दिखाई देने लगेगा।
शयनकक्ष में गूगल की धूनी दें
अगर आपके पति किसी अन्य स्त्री पर आसक्त हैं और आपको अपशब्द बोलने के साथ ही लड़ाई-झगड़ा करते हैं। तो हर रविवार को शाम के समय अपने घर और शयनकक्ष में गूगल की धूनी दें। धूनी करने से पहले उस सत्री का नाम लें और यह कामना करें कि आपके पति उसके चक्कर से शीघ्र ही छूट जाएं। श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से आपको लाभ मिलेगा।
एक महीने तक करें यह जाप
शुक्ल पक्ष के पहले रविवार को प्रात: कालीन बेला में स्नान करने के बाद अपने पूजन स्थल पर आएं। एक थाली में केसर से स्वस्तिक बनाकर गंगाजल से धुला हुआ मोती शंख स्थापित करें। अब गंधक, फूल और बताशे आदि से इसका पूजन करें।
एक महीने तक करें यह जाप
पूजन में गाय के घी का दीपक जलाना जरूरी है। अब स्फटिक की माला लेकर ‘ऊं हृीं वांछितं मे वशमानय स्वाहा का जाप करें। प्रतिदिन एक माला का जाप एक माह तक करने से किसी का भी वशीकरण कामयाब हो सकता है।
चोटी के बाल गुप्त स्थान पर रखें
जिन स्त्रियों के पति किसी अन्य स्त्री से प्रेम करने लगे हैं और आपसे दूर रहते हैं, लड़ाई-झगड़ा करते हैं तो गुरुवार या शक्रवार की रात में 12 बजे पति की चोटी (शिखा) के कुछ बाल काट लें और उसे किसी ऐसे स्थान पर रख दें जहां आपके पति की नजर न पड़े। ऐसा करने से आपके पति की बुद्धि का सुधार होगा और वह आपकी बात मानने लगेंगे। कुछ दिन बाद इन बालों को जलाकर अपने पैरों से कुचलकर घर से बाहर फेंक दें। यदि यह प्रयोग मासिक धर्म के समय किया जाए तो ज्यादा कारगर सिद्ध होगा।
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