बृहस्पतिवार के दिन इन मंत्रों का करें जाप, धन-संपदा और वैभव में होगी बरकत

बृहस्पतिवार का दिन बृहस्पति देव यानि भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान का सच्चे मन से पूजन करने से धन की प्राप्ति होती है।

यदि संभव हो तो इस दिन भगवान बृहस्पति के लिए व्रत रखें। पूर्ण विधि के अनुसार व्रत करें। ऐसा करने से देव प्रसन्न अवश्य होंगे। अगर किसी कारण वश व्रत नहीं कर सकते तो विधि पूर्वक इनका पूजन और व्रत कथा पढ़नी या सुननी चाहिए।

बृहस्पति व्रत विधि 

बृहस्पतिवार को जो स्त्री-पुरुष व्रत करें उनको चाहिए कि वह दिन में एक ही समय भोजन करें क्योंकि बृहस्पतेश्वर भगवान का इस दिन पूजन होता है.

भोजन पीले चने की दाल आदि का करें परन्तु नमक नहीं खाये और पीले वस्त्र पहनें, पीले ही फलों का प्रयोग करें, पीले चन्दन से पूजन करें, पूजन के बाद प्रेमपूर्वक गुरु महाराज की कथा सुननी चाहिए ।

इस व्रत को करने से मन की इच्छाएं पूरी होती हैं, बृहस्पति महाराज प्रसन्न होते हैं तथा धन, पुत्र, विद्या तथा मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है। परिवार को सुख शान्ति मिलती है, इसलिए यह व्रत सब स्त्री व पुरुषों के लिए सर्वश्रेष्ठ और अति फलदायक है। इस व्रत में केले का पूजन करना चाहिए। कथा और पूजन के समय तन, मन, कर्म, वचन से शुद्ध होकर जो इच्छा हो बृहस्पतिदेव की प्रार्थना करनी चाहिए। उनकी इच्छाओं को बृहस्पतिदेव अवश्य पूर्ण करते हैं ऐसा मन में दृढ़ विश्वास रखना चाहिए।

जल में हल्दी डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाएँ, पूजन के बाद केले की जड़ में चने की दाल और मनुक्का चढ़ाएँ साथ ही दीपक जलाकर पेड़ की आरती उतारें भगवान बृहस्पति की कथा सुननी चाहिए ।

बृहस्पति व्रत का महत्व –

बृहस्पतिवार के दिन विष्णु जी की पूजा होती है। यह व्रत करने से बृहस्पति देवता प्रसन्न होते हैं। स्त्रियों के लिए यह व्रत फलदायी माना गया है। अग्निपुराण के अनुसार अनुराधा नक्षत्र युक्त गुरुवार से आरंभ करके सात गुरुवार व्रत करने से बृहस्पति ग्रह की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। इस पूजा से परिवार में सुख-शांति रहती है. जल्द विवाह के लिए भी गुरुवार का व्रत किया जाता है.

बृहस्पति व्रत पूजा की सामग्री

विष्णु भगवान की मूर्ति, केले का पेड़, पीले फूल, चने की दाल, गुड़, मनुक्का (किशमिश), हल्दी का चूर्ण, कपूर, जल, धुप, घी का दिया.

कैसे करें पूजन

गुरुवार के दिन स्नान आदि करके भगवान बृहस्पति की पूजा करनी चाहिए। किसी मंदिर में जाकर इनकी पूजा केले के वृक्ष के रुप में भी की जा सकती है। भगवान की प्रतिमा के समक्ष सरसों के तेल का दीया जलाएं। इस दिन पीले फूल, पीले अनाज, पीली वस्तुओं को ही अर्पित करें। पूजा के लिए उनके नीचे दिए गए बीज मंत्रों का जाप करें।

बृहस्पतिवार के दिन इन मंत्रों का करें जाप,धन-संपदा और वैभव में होगी बरकत” 

बृहस्पति के 5 मंत्र 

ॐ बृं बृहस्पतये नम:।

ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।

ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।

ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:।

ॐ गुं गुरवे नम:।

108 माला जाप करें

किसी भी एक गुरु मंत्र का गुरुवार के दिन 108 माला जाप करने से लाभ मिलता है। यदि संभव हो तो पूजा के अंत में दूध में केसर मिलाकर भगवान बृहस्पति का जलाभिषेक करें। इससे देव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। बृहस्पतिवार के दिन पूजा एवं व्रत करने से व्यक्ति धन का सुख पाता है।

बृहस्पति व्रत उद्यापन विधि

मनुष्य कोई न कोई मनोकामना के साथ व्रत को आरम्भ करते हैं यदि ग्रह शान्ति के लिये बृहस्पतिवार का व्रत किया हो तो इच्छानुसार 21 या 11 या 51 बृहस्पतिवार का व्रत कर लेने के बाद इसका उद्यापन कर लेना चाहिये। यदि इच्छा हो तो दुबारा फिर से व्रत शुरु कर सकते हैं.

श्री सत्यनारायण भगवान की जय हो जय लक्ष्मी माता की जय हो

 

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. RadheRadheje इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)