शुद्ध भक्त

कृष्ण की शरण में जाओ या उनके शुद्ध भक्त श्रीला प्रभुपाद के शरण में बात एक ही है..!

शुद्ध भक्त भी दिन रात कृष्ण की महिमा करते रहतें हैं…… शुद्ध भक्त के समीप सदैव कृष्ण रहते ही हैँ….

कृष्ण के पास कूद कर जाने का कोशिश कभी नहीं करना चाहिए…

कृष्ण अपने शुद्ध भक्तों के समीप उनके ह्रदय में निवास करते हैँ…

जब हम कृष्ण के शुद्ध भक्त के संपर्क में रहकर जाते हैँ तो कृष्ण हमको स्वीकार जरूर कर लेंगे, क्यूकि कृष्ण अपने से जायदा अपने शुद्ध भक्तों का सम्मान करते हैँ….

हम सीधे जाने कि कोशिश में भटक जायँगे रास्ता….

शुद्ध कृष्ण भक्त गुरु.. का काम हमारा ऊँगली पकड़ कर कृष्ण के हाथ में पकड़ा देना है..

श्रीला प्रभुपाद ये ही कर देंगे….

तो पहले हमको श्रीला प्रभुपाद के शरण में रहना होगा..

जय श्रीला प्रभुपाद