क्या आप जानते हैं ?

हनुमान जी के ब्रह्मचारी होने के बाद भी उनका एक पुत्र था, उनके पुत्र का नाम मकरध्वज था जिसका जन्म एक मछली के पेट से हुआ था। हनुमान जी ने जब लंका जलाई थी और अपनी पूंछ की आग बुझाने के लिए समुन्द्र में डुबकी लगाई, तब उनके पसीने को एक मछली ने निगल लिया था, इस प्रकार मकरध्वज का जन्म हुआ था।