वास्तु शास्त्र घर के मंदिर में पूजा करने के वास्तु नियम
घर में है मंदिर तो अपनाएं ये वास्तु टिप्स
जब आप पूजा करने जा रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आपका मुंह पूर्व दिशा में हो।
देवी-देवता की मूर्ति का मुंह पूर्व, पश्चिम व दक्षिण की ओर हो
घर के मंदिर से जुड़े वास्तु टिप्स
पूजा स्थल में गहरे व भड़कीले रंग करने से बचना चाहिए। साथ ही मंदिर में हमेशा एक ही रंग का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए हरा, पीला, हल्का गुलाबी रंग सही माने जाते हैं।
पूजा स्थल हमेशा घर के ईशान कोण यानि पूर्व और उत्तर के बीच की दिशा में बनवाएं। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि पूजा के दौरान आपका मुख्य पूर्व दिशा में हो ।
वास्तु शास्त्र अपनाएं, खुशियां पाएं
प्रत्येक घर में तुलसी का पौधा, सीता अशोक, आंवला, हरश्रृंगार, अमलतास, इत्यादि में से कम से कम 2 पौधे अवश्य होने चाहिए। ये अमन एवं समृद्धिवर्द्धक हैं। कैक्टस का घर में होना अशांति देता है।
घर में नित्य ईश्वर का भजन-पूजन अवश्य होना चाहिए । पूजन करने वाले सदैव पूर्वाभिमुख अथवा उत्तराभिमुख होकर पूजन करें। घर में घी का दीपक अवश्य जलाएं। घर में कहीं भी झाडू को खड़ी करके नहीं रखना चाहिए।
काफी उपयोगी है, शंख का प्रयोग
पूजा शुरू करने से पहले 3 बार शंख बजाने से वातावरण शुद्ध हो जाता है। इससे नकारात्मक का अंत हो जाता है। इसको बजाने से उत्पन्न हुई ध्वनि देवता को प्रसन्न करती है और मन को शांति देती है।
पूजा के बाद आरती में शंख बजाना आवश्यक होता है इससे पूजा सार्थक मानी जाती है। इसको बजाने से रज तम और सत्व गुण की प्राप्ति होती है।
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विद्यार्थियों को हमेशा पूजा गृह में उत्तर दिशा में बैठकर उत्तर की ओर मुंह करके पूजा करनी चाहिए, जबकि घर के दूसरे सदस्यों को पूर्व दिशा में पूर्व की ओर मुंह करके पूजा करनी चाहिए।
ज्ञात हो कि विद्यार्थी प्रायः ज्ञान-अर्जन के लिए तथा गृह स्वामी धन-अर्जन की लिप्सा से पूजा करते हैं, उनके लिए उपरोक्त स्थिति निर्धारित की गई है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार भवन में सबसे पहले दीवारों की ओर ध्यान देना चाहिए दीवारें सीधी और एक आकतति वाली होनी चाहिए। कहीं से मोटी और कहीं से पतली दीवार होने पर अशुभ हो सकता है।
ये तो रही आवासीय घरों की बात, अब यह भी जान लेना आवश्यक है कि अगर भवन का निर्माण फैक्ट्री, मिल या उद्योग के लिए किया गया हो, तो उनमें पूजा घर कहां होना चाहिए।
वास्तु के हिसाब से वहां भी पूजा घर ईशान कोण में ही स्थापित होना चाहिए ।
जब भी घर में बात मंदिर या पूजा करने के स्थान की आती है। तो वास्तु शास्त्र की ऐसी कई गाइडलाइंस हैं।
जिनका पालन किया जाना चाहिए, ताकि घर के लोगों पर ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक प्रभाव पड़े।
आज हम आपको बता रहे हैं कि अगर घर में मंदिर हो तो क्या करें, क्या न करें ।
घर का मंदिर एक पवित्र जगह है, जहां हम भगवान की पूजा करते हैं।
जाहिर सी बात है कि यह सकारात्मक और शांतिपूर्ण जगह होनी चाहिए। अगर मंदिर को वास्तु शास्त्र के मुताबिक रखा जाए तो यह घर और उनके निवासियों के लिए सुख-शांति और समृद्धि लाता है।
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डिसक्लेमर
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