।।पूजा से जुड़ी हुईं अति महत्वपूर्ण बातें।।

1. एक हाथ से प्रणाम नही करना चाहिए।

2. सोए हुए व्यक्ति का चरण स्पर्श नहीं करना चाहिए।

3. बड़ों को प्रणाम करते समय उनके दाहिने पैर पर दाहिने हाथ से और उनके बांये पैर को बांये हाथ से छूकर प्रणाम करें।

4. जप करते समय जीभ या होंठ को नहीं हिलाना चाहिए। इसे उपांशु जप कहते हैं। इसका फल सौगुणा फलदायक होता हैं।

5. जप करते समय दाहिने हाथ को कपड़े या गौमुखी से ढककर रखना चाहिए।

6. जप के बाद आसन के नीचे की भूमि को स्पर्श कर नेत्रों से लगाना चाहिए।

7. संक्रान्ति, द्वादशी, अमावस्या, पूर्णिमा, रविवार और सन्ध्या के समय तुलसी तोड़ना निषिद्ध हैं।

8. दीपक से दीपक को नही जलाना चाहिए।

9. यज्ञ, श्राद्ध आदि में काले तिल का प्रयोग करना चाहिए, सफेद तिल का नहीं।

10. शनिवार को पीपल पर जल चढ़ाना चाहिए। पीपल की सात परिक्रमा करनी चाहिए। परिक्रमा करना श्रेष्ठ है,

11. कूमड़ा-मतीरा-नारियल आदि को स्त्रियां नहीं तोड़े या चाकू आदि से नहीं काटें। यह उत्तम नही माना गया हैं।

12. भोजन प्रसाद को लाघंना नहीं चाहिए।

13. देव प्रतिमा देखकर अवश्य प्रणाम करें।

14. किसी को भी कोई वस्तु या दान-दक्षिणा दाहिने हाथ से देना चाहिए।

15. एकादशी, अमावस्या, कृृष्ण चतुर्दशी, पूर्णिमा व्रत तथा श्राद्ध के दिन क्षौर-कर्म (दाढ़ी) नहीं बनाना चाहिए ।

16. बिना यज्ञोपवित या शिखा बंधन के जो भी कार्य, कर्म किया जाता है, वह निष्फल हो जाता हैं।

17. शंकर जी को बिल्वपत्र, विष्णु जी को तुलसी, गणेश जी को दूर्वा, लक्ष्मी जी को कमल प्रिय हैं।

18. शंकर जी को शिवरात्रि के सिवाय कुंमकुम नहीं चढ़ती।

19. शिवजी को कुंद, विष्णु जी को धतूरा, देवी जी को आक तथा मदार और सूर्य भगवानको तगर के फूल नहीं चढ़ावे।

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20. अक्षत देवताओं को तीन बार तथा पितरों को एक बार धोकर चढ़ावे

21. नये बिल्व पत्र नहीं मिले तो चढ़ाये हुए बिल्व पत्र धोकर फिर चढ़ाए जा सकते हैं।

22. विष्णु भगवान को चावल गणेश जी को तुलसी, दुर्गा जी और सूर्य नारायण को बिल्व पत्र नहीं चढ़ावें।

23. पत्र-पुष्प-फल का मुख नीचे करके नहीं चढ़ावें, जैसे उत्पन्न होते हों वैसे ही चढ़ावें।

24. किंतु बिल्वपत्र उलटा करके डंडी तोड़कर शंकर पर चढ़ावें।

25. पान की डंडी का अग्रभाग तोड़कर चढ़ावें।

26. सड़ा हुआ पान या पुष्प नहीं चढ़ावे।

27. गणेश को तुलसी भाद्र शुक्ल चतुर्थी को चढ़ती हैं।

28. पांच रात्रि तक कमल का फूल बासी नहीं होता है।

29. दस रात्रि तक तुलसी पत्र बासी नहीं होते हैं।

30. सभी धार्मिक कार्यो में पत्नी को दाहिने भाग में बिठाकर धार्मिक क्रियाएं सम्पन्न करनी चाहिए।

31. पूजन करनेवाला ललाट पर तिलक लगाकर ही पूजा करें।

32. पूर्वाभिमुख बैठकर अपने बांयी ओर घंटा, धूप तथा दाहिनी ओर शंख, जलपात्र एवं पूजन सामग्री रखें।

33. घी का दीपक अपने बांयी ओर तथा देवता को दाहिने ओर रखें एवं चांवल पर दीपक रखकर प्रज्वलित करें।

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Very important things related to worship.

1. Do not bow down with one hand.

2. The feet of the sleeping person should not be touched.

3. While saluting elders, bow on their right foot by touching their right foot with the right hand and their left foot with the left hand.

4. One should not move the tongue or lips while chanting. This is called Upanshu Japa. Its fruit is a hundredfold fruitful.

5. While chanting, the right hand should be covered with a cloth or gaumukhi.

6. After chanting, touching the ground below the seat should be applied to the eyes.

7. Breaking Tulsi is prohibited during Sankranti, Dwadashi, Amavasya, Poornima, Sunday and Sandhya.

8. The lamp should not be lit by the lamp.

9. Black sesame should be used in Yagya, Shraddha etc., not white sesame.

10. Water should be offered on Peepal on Saturday. Seven rounds of Peepal should be done. It is best to circumambulate

11. Women should not break garbage-matira-coconut etc. or cut it with knife etc. It is not considered good.

12. Food offerings should not be skipped.

13. Must bow after seeing the idol of God.

14. Anyone should give any object or charity-dakshina with the right hand.

15. Kshor-karma (beard) should not be done on Ekadashi, Amavasya, Krishna Chaturdashi, Poornima fast and Shradh.

16. Whatever work, action is done without yagyaopavit or shikha bandhan, it becomes fruitless.

17. Bilva leaves to Shankar, Tulsi to Vishnu, Durva to Ganesha, Lotus to Lakshmi.

18. Kumkum is not offered to Shankar ji except on Shivaratri.

19. Don’t offer blunt to Shiva, Dhatura to Vishnu, Aak to Goddess and Tagar flowers to Madar and Sun God.

20. Wash and offer three times to the intact deities and once to the ancestors.

21. If new Bilva leaves are not found, then the offered Bilva leaves can be washed and offered again.

22. Do not offer rice to Lord Vishnu, Tulsi to Lord Ganesha, Bilva leaves to Durga and Surya Narayan.

23. Do not offer leaves-flowers-fruits with their faces down, they should be offered as they arise.

24. But after inverting the bilvapatra, break the stick and offer it to Shankar.

25. Break the tip of the betel stick and offer it.

26. Do not offer rotten betel or flowers.

27. Tulsi Bhadra is offered to Ganesha on Shukla Chaturthi.

28. The lotus flower does not become stale for five nights.

29. Tulsi leaves do not become stale till ten nights.

30. In all religious activities, the wife should be seated on the right side and perform religious activities.

31. The worshiper should worship only by applying tilak on the forehead.

32. Sitting facing east, keep bell, incense on your left side and conch shell, water pot and worship material on your right.

33. Keep the ghee lamp on your left and the deity on the right side and light it by placing a lamp on the rice.

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