जब आपके जीवन मे दुःख परेशानियों का पहाड़ टूट पड़े तब समझो कि आपके पुण्य और श्रेष्ठ कर्मों की संचित पूंजी समाप्त हो चुकी है बजाय दुखी और परेशान होने की। आवश्यकता है फिर से पुण्य कर्म करने की।
When the mountain of sorrow and troubles breaks in your life, then understand that the accumulated capital of your virtue and best deeds is over, instead of being unhappy and upset. There is a need to do virtuous deeds again.
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