Shiva मेरे गुरु भी शिव हैं मेरे गुरुर भी शिव हैं
मेरे गुरु भी शिव हैं, मेरे गुरुर भी शिव हैं
मेरे गुरु भी शिव हैं, मेरे गुरुर भी शिव हैं
शिव है बाहर शिव ही अंदर शिव की रचना सात
मुकदर का लिखा मैं मिटा नहीं सकता अपनी मर्जी की
करू क्यों फ़िक्र की मौत के बाद जगह कहाँ मिलेगी,
मेरे महादेव मैं शून्य हूँ मुझे पीछे ही रखना क्योंकि
ये मोह माया एक सपना है शिव का साथ ही
हे भोलेनाथ जब भी देखता हूँ किसी को हँसते हुए
शिव है ब्रम्हा, शिव है विष्णु शिव ही मेरा
ॐ नमः शिवाय तुझसे ही सारी आस है एक
जग भागे मंदिर को मेरे अन्दर बसते शिव ये