आपके घर में लडडू गोपाल जी के विराजमान होने के बाद इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए
लडडू गोपाल जी की सेवा के नियम
पुराणों के अनुसार जिस घर में लडडू गोपाल जी का आगमन हो जाता है वहां मांस-मदिरा जुआ आदि का प्रवेश नहीं होना चाहिए। अगर आप इस नियम को नहीं मान सकते तो घर में गोपालजी को ना लायें अन्यथा वे रुष्ट हो जाते है।
लडडू गोपाल को घर में लाना कोई औपचारिकता नहीं है इन्हें केवल अपनी श्रद्धा और भाव से ही घर में लाना चाहिए। अगर आपका सामर्थ्य हो तो ही लडडू गोपाल जी को घर में लायें।
ठाकुर जी की सभी जरूरतों का ध्यान परिवार के सदस्यों की जरूरतों के अनुसार ही रखा जाता है। इन जरूरतों में उनका खाना, उनके कपडे, उनका भोग और उनका श्रृंगार आदि सम्मिलित है।
बाल गोपाल की सेवा के नियम :
1. गोपाल जी को रोजाना सुबह स्नान करना चाहिए। और नहाने का पानी मौसम के अनुसार ही हो। यानी सर्दियों में गर्म पानी और गर्मियों में ठंडा पानी। हो सके तो पानी में थोडा गुलाबजल भी डाल लें।
2. स्नान कराने के बाद ठाकुर जी को साफ़-सुथरे वस्त्र पहनाने चाहिए। संभव हो तो वस्त्रो को रोज धो लेना चाहिए। फीके रंगों की बजाय चटक और चमकदार रंग के कपडे पहनाएं। क्योंकि ठाकुर जी को बन-ठन के रहना पसंद है। इसलिए इसका खास ध्यान रखें।
3. लडडू गोपाल जी के वस्त्र भी मौसम के अनुसार ही होने चाहिए। यानी सर्दियों में गर्म ऊनी कपड़े और गर्मियों में हलके सूती कपड़े पहनाने चाहिए। और गर्मी से बचाव के लिए भी प्रबंध रखना चाहिए।
4. खिलौने नन्हे बालक को बहुत पसंद होते है। लडडू गोपाल जी भी भगवान के बालक स्वरुप है उन्हें भी खिलौने बहुत पसंद होते है। इसलिए उनके लिए खिलौने भी लेकर आयें।
5. लडडू गोपाल जी को भोजन खिलाने का भी नियम होता है। ठाकुर जी को भी समय-समय पर भोजन कराया जाता है।
6. घर के बाहर यदि कुछ खा रहें है तो भोजन करने से पहले प्रणाम करके पहले ठाकुर जी के नाम का निवाला निकाल दें। और उसके बाद भोजन करें।
ठाकुर जी की सेवा कैसे करें❓
1. अगर बाहर से कोई चीज घर में आ रही है तो ध्यान रहे वह ठाकुर जी को भी अवश्य खिलानी चाहिए मुख्य रूप से मीठा।
2. लहसुन प्याज आदि मिले भोजन का गोपाल जी को भोग नहीं लगाना चाहिए। मीठी और बिना लहसुन प्याज की सभी चीजों का भोग ठाकुर जी को अवश्य लगाना चाहिये।
3. जब भी पुरे परिवार समेत कहीं बाहर घुमने जाएँ तो ठाकुर जी को भी अपने साथ अवश्य ले जाएं। इससे उनको अच्छा लगेगा।
4. ठाकुर जी को घर में लाने के बाद उनसे कोई रिश्ता बना लें जैसे भाई, पुत्र, मित्र, गुरु। और जो भी रिश्ता बनाएं उसे पूरी श्रद्धा और निष्ठा से निभाएं।
5. कहते है भगवान भाव के भूखे होते है और जब उन्हें वो भाव नहीं मिलता है तो वे अक्सर रूठ जाते है। और यदि आप लडडू गोपाल जी से प्रेम प्रदर्शन नहीं करेंगे तो वे रूठ जाते है। इसीलिए उनके साथ खेलें। उनसे बात करें, उनका भजन करें।
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6. खाना खाने से पूर्व सबसे पहले ठाकुर जी को भोजन कराएं और उसके बाद ही खुद भोजन करें।
7. रात्रि में लडडू गोपाल जी को शयन भी अवश्य कराएं, जैसे छोटे बालक को सुलाया जाता है। उन्हें थपकी दें, लोरी गायें कहानी सुनाएँ। और उनके लिए अच्छे से गद्दे और तकिये बनवाएं जिसपर विश्राम करने में उन्हें कोई तकलीफ न हो।
8. रोजाना प्रातःकाल उन्हें प्रेम से जगाएं और फिर नहला-धुलाकर उन्हें अच्छे से मंदिर में बैठा दें।
9. लडडू गोपल जी को घर में लाने के बाद उनका जन्मदिन भी मनाना होता है। वैसे तो जन्माष्टमी पर इनका जन्मदिन मनाया ही जाता है लेकिन इसके अलावा जिस तिथि पर आपने इन्हें घर लाया था उस दिन भी इनका जन्मदिन मानना चाहिए। इस दिन कोई छोटा कीर्तन या भजन संध्या रखकर ठाकुर जी का जन्मदिन मना सकते है।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।
सदैव जपिए महामंत्र और दूसरों को भी नित्य जपने को बोलिए।
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