जानें भगवान (लडडू गोपाल) को भोग लगाने की सरल विधि 

आप सिर्फ इन तीन मंत्रों का उच्चारण कर ठाकुर जी को भोग लगा कर उनका कृपा पा सकते हैं। परम भगवान् कृष्ण सीधे तौर पर भोग स्वीकार करते नहीं इसलिए हमको गुरू परंपरा से ठाकुर को भोग अर्पण करना चाहिए। 

हम गुरू को अर्पण करते हैं और गुरू अपने गुरू को फिर इस प्रकार से गुरू परम्परा से होकर भोग भगवान तक पहुंच जाता है फिर प्रभु स्वीकार करते हैं। क्यूं की हम इतने शुद्ध और पवित्र नहीं हैं जो कृष्ण को सीधे सीधे भोग अर्पित करने का कोशिश भी करें हम पापी जीव हैं हमको ये समझना चाहिए।

परम भगवान् कृष्ण के भोग में तुलसी पत्र अवश्य होना चाहिए बिना लहसुन, प्याज का शुद्ध सात्विक भोग होना चाहिए भगवान को भोग अर्पण कर पर्दा अवश्य लगा दीजिए

और भोग कम से कम 15 मिनट बाद ही तीन ताली या घंटी बजा कर पर्दा खोलना चाहिए।

फिर हरे कृष्ण महामंत्र 2 बार बोल कर भोग हटा दीजिए।

भोग लगाने के लिए ये तीन मंत्र का उच्चारण करिए

नमः ॐ विष्णु पादय, कृष्ण पृष्ठाय भूतले, 

श्रीमते भक्ति वेदांत स्वामिन इति नामिने ।

नमस्ते सरस्वते देवे गौर वाणी प्रचारिणे, 

निर्विशेष शून्य-वादी पाश्चात्य देश तारिणे ।।

 

नमो महा-वदान्याय, कृष्ण प्रेम प्रदायते।

कृष्णाय कृष्ण चैतन्य, नामने गोर-तविशे नमः ॥

 

नमो ब्रह्माण्ड देवाये, गो ब्राह्मण हिताय च । 

जगत धिताय कृष्णाय, गोविन्दाय नमो नमः॥

 

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे

हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।। 

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