Chhath Puja 2025 Date : छठ पर्व 25 अक्टूबर से शुरू, जानें खरना से परना का पूरा कैलेंडर

छठ पूजा के त्योहार का बहुत खास महत्व होता है। हर साल कार्तिक मास के षष्ठी तिथि से इस पर्व की शुरुआत होती है। इस साल छठ पूजा का त्योहार 26 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। इसका आरंभ नहाय-खाय से होता है और समापन सूर्य को अर्घ्य देने के बाद हो जाता है।

सुहागिन महिलाएं सुख-समृद्धि, संतान सुख और आरोग्य की प्राप्ति के लिए 36 घंटों तक चलने वाला यह निर्जला व्रत रखती है। साथ ही, विधि-विधान से छठी मैया व सूर्य देवता की पूजा करती हैं। दिवाली के बाद से ही महिलाएं छठ पर्व की तैयारी में लग जाती है। तो आइए जानते हैं कि इस साल छठ महापर्व कब मनाया जाएगा। देखें खरना से परना तक का पूरा कैलेंडर…

छठ पूजा 2025 का शुभ मुहूर्त और तिथियाँ निम्नलिखित हैं:

  • छठ पूजा 2025 की शुरुआत शनिवार, 25 अक्टूबर 2025 को “नहाय-खाय” से होती है, जब व्रती स्वच्छ जल में स्नान कर शुद्ध शाकाहारी भोजन करते हैं।
  • खरना का दिन रविवार, 26 अक्टूबर 2025 है, जिस दिन व्रती गुड़ की खीर और रोटी बनाकर प्रसाद ग्रहण करते हैं और इसके बाद निर्जला व्रत का आरंभ करते हैं।
  • संध्या अर्घ्य सोमवार, 27 अक्टूबर 2025 को सूर्यास्त के समय दिया जाएगा, जो शाम 5:10 बजे से 5:58 बजे तक सर्वोत्तम माना गया है।
  • अंतिम दिन, उषा अर्घ्य मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025 को सुबह 5:33 बजे से 6:30 बजे तक इस समय में व्रती उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त करते हैं।

Chhath Puja Nahay Khay 2025 छठ पूजा नहाय खाय कब है 2025

छठ पर्व की शुरुआत नहाय खाय से होती है, जो इस बार 25 अक्टूबर, को रहेगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं नदी में स्नान करती हैं। ऐसा संभव न होने पर आज के समय में महिलाएं घर में भी स्नान कर सकती हैं। साथ ही, नहाय खाय के दिन सात्विक भोजन करने का विधान होता है। इससे व्रत और पूजा के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से महिलाएं मजबूत होती हैं

छठ पूजा खरना कब है 2025

इस महापर्व के दूसरे दिन खरना होता है, जिसमें शाम के समय रोटी और गुड़ की खीर बनाई जाती है। साथ ही, इसका भोग लगाने के बाद महिलाएं प्रसाद के तौर पर खीर-रोटी को ग्रहण करती हैं। इस बार खरना 26 अक्टूबर, रविवार के दिन रहेगा। इसी दिन से प्रसाद खाने के बाद 36 घंटों तक चलने वाले कठिन व्रत का आरंभ हो जाता है।

छठ पूजा सूर्य षष्ठी कब है

खरना के बाद छठ के महापर्व में डूबते हुए सूर्य को घाट अर्घ्य दिया जाता है। बता दें कि दिवाली के पश्चात षष्ठी तिथि को छठ पूजा शुरू होती है। इसमें तीसरे दिन महिलाएं पूरे परिवार के साथ घाट पर जाती हैं और पानी में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं। साथ ही, छठ मईया की विधि-विधान से पूजा भी करती हैं। इस साल 27 अक्टूबर, सोमवार के दिन छठ पूजा का त्योहार मनाया जाएगा।

छठ पूजा सूर्योदय अर्घ्य 2025

निर्जला व्रत का समापन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद होता है, जो इस बार 28 अक्टूबर, मंगलवार को रहेगा। इस दिन भी महिलाएं शाम की तरह ही पूरे परिवार के साथ घाट पर जाती हैं और नदी में खड़े होकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं। साथ ही, जीवन में सुख-समृद्धि और संतान की लंबी उम्र की कामना करती हैं। छठ महापर्व में छठी मैया की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। साथ ही, उन्हें पूरी, ठेकुआ आदि का भोग लगाया जाता है।

छठ पूजा की कथा

स्कंद पुराण के अनुसार, छठ पूजा की शुरुआत त्रेतायुग में हुई जब माता सीता ने अयोध्या लौटने के बाद भगवान सूर्य की उपासना की थी। एक अन्य कथा के अनुसार, महाभारत काल में कुंती पुत्र कर्ण रोज सूर्यदेव की पूजा करते थे, जिससे उन्हें दिव्य कवच-कुंडल और अतुल्य शक्ति प्राप्त हुई। इस कारण से छठ पर्व को सूर्य उपासना और आत्मशुद्धि का पर्व माना गया है

छठ पूजा की विधि नहाय-खाय:

व्रती गंगा या स्वच्छ जल में स्नान कर केवल सत्त्विक भोजन ग्रहण करते हैं।खरना: शाम को गुड़ की खीर बनाई जाती है और प्रसाद के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है।संध्या अर्घ्य: सूर्यास्त के समय fruit, ठेकुआ, और प्रसाद से सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है।उषा अर्घ्य: सूर्योदय से पहले अर्घ्य देकर व्रत का पारायण होता है और प्रसाद वितरण किया जाता है

अर्घ्य मंत्र

ॐ सूर्य देवं नमस्ते स्तु गृहाणं करूणा करम्।

अर्घ्यं च फ़लं संयुक्तं गन्ध माल्याक्षतैर्युतम्।।

छठ पूजा की सामग्री

पूजा के लिए बांस की टोकरी और सूप चाहिए। थाली, दूध, ग्लास, नारियल, दीपक, चावल, सिंदूर और हल्दी की आवश्यकता होती है। गन्ना, शकरकंदी, सुथनी, फल और मिठाई भी चाहिए। प्रसाद में ठेकुआ, मालपुआ, खीर-पुरी और सूजी का हलवा बनता है।

छठ पूजा पौराणिक महत्व

  • रामायण के अनुसार, लंका विजय के बाद राम और सीता ने सूर्य पूजा की।
  • महाभारत में सूर्य पुत्र कर्ण सूर्य को अर्घ्य देते थे। उनकी कृपा से वह महान योद्धा बने।
  • पुराणों में राजा प्रियवद संतान की कामना करते थे। षष्ठी देवी का व्रत करने से उन्हें पुत्र रत्न प्राप्त हुआ।

FAQ (Frequently Asked Questions):

Q1. छठ पूजा कब है 2025 में ?

A. वर्ष 2025 में छठ पूजा 26 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक मनाई जाएगी।

Q2. छठ पूजा किस देवता की आराधना के लिए की जाती है ?

A. छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया की उपासना के लिए की जाती है।

Q3. छठ पूजा में कौन-सी चीजें चढ़ाई जाती हैं ?

A. छठ पूजा में ठेकुआ, नारियल, केला, गन्ना, और फल-सब्जियां अर्घ्य में अर्पित की जाती हैं।

Q4. छठ पूजा का मुख्य उद्देश्य क्या है ?

A. छठ पूजा का उद्देश्य सूर्य देव की आराधना करके जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि और संतान की सुख-समृद्धि की कामना करना है।

Q5. छठ पूजा कितने दिन तक चलती है ?

A. छठ पूजा चार दिनों तक चलती है नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य।