दारिद्रय दहन स्तोत्र: अर्थिक संकट और कर्ज से मुक्ति दिलाने वाला चमत्कारी शिव स्तोत्र
दारिद्रय दहन स्तोत्र भगवान शिव की कृपा पाने का अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है।
यह स्तोत्र महर्षि वशिष्ठ द्वारा रचित माना जाता है।
जो भी व्यक्ति आर्थिक संकट, कर्ज, धन की कमी या घर-परिवार में अशांति से परेशान हो, उन्हें प्रतिदिन इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए।
दारिद्रय दहन स्तोत्र का महत्व
- यह स्तोत्र दारिद्रय यानी गरीबी, कष्ट और कर्ज का नाश करता है।
- शिवजी की कृपा से व्यापार में लाभ मिलता है।
- घर में शांति और समृद्धि आती है।
- मन की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- परिवार पर आने वाली बाधाएँ कम होती हैं।
दारिद्रय दहन स्तोत्र की पूजा विधि (Step-by-Step)
1. स्नान करके साफ वस्त्र पहनें
शिव पूजा से पहले स्वयं को पवित्र करना आवश्यक है।
2. पूर्व या उत्तर दिशा में आसन लगाएँ
यथासंभव शिवलिंग, शिव प्रतिमा या ताम्बे के पात्र में जल रखें।
3. दीपक जलाएँ
घी या तिल के तेल का दीपक शुभ माना जाता है।
4. शिवजी का ध्यान करें
मन में संकल्प लें
“हे भगवान शिव, मेरे जीवन से दरिद्रता, कर्ज और परेशानियों का नाश करें।”
5. जल, अक्षत और बिल्वपत्र अर्पित करें
6. दारिद्रय दहन स्तोत्र का पाठ करें
- सुबह के समय एक बार
- शाम को एक बार
- यदि संकट ज्यादा है, तो दिन में 3 बार पाठ करें
- श्लोक गाकर पढ़ें तो सर्वोत्तम माना जाता है
7. ओम नमः शिवाय मंत्र का जप करें
कम से कम 108 बार जप करें।
8. अंत में शिवजी को प्रणाम कर प्रार्थना करें
शांत मन से अपनी मनोकामना व्यक्त करें।
दारिद्रय दहन स्तोत्र पाठ के नियम
- श्रद्धा के साथ पढ़ें
- पाठ करते समय क्रोध, तनाव या नकारात्मक भाव न रखें
- उपवास आवश्यक नहीं है
- पुरुष या महिला कोई भी पढ़ सकता है
- स्वयं पढ़ें तो श्रेष्ठ फल मिलता है, परिजनों द्वारा पढ़ा जाए तो भी फल प्राप्त होता है
दारिद्रय दहन स्तोत्र पाठ करने के लाभ
✅ 1. कर्ज से मुक्ति
पुराने और भारी कर्ज खत्म होने में मदद मिलती है।
✅ 2. आर्थिक स्थिरता
धन आगमन के नए मार्ग खुलते हैं।
✅ 3. व्यापार में रुकावटें दूर होती हैं
व्यवसाय में बार-बार होने वाला नुकसान रुकता है।
✅ 4. घर में सुख-शांति बढ़ती है
नकारात्मक ऊर्जा और दोष दूर होते हैं।
✅ 5. रोगों और कष्टों में राहत
भगवान शिव की कृपा से मानसिक शांति मिलती है।
✅ 6. मनोकामना सिद्धि
नियमित पाठ से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
दारिद्रय दहन स्तोत्र पाठ कब करें ?
- सोमवार
- प्रदोष व्रत
- महाशिवरात्रि
- मासिक शिवरात्रि
- संकट/कर्ज/रुकावट के समय
इन दिनों पाठ करने से फल कई गुना बढ़ जाता है।
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दारिद्रय दहन स्तोत्र पूरा पाठ
।।दारिद्रय दहन स्तोत्रम्।।
विश्वेशराय नरकार्ण अवतारणाय
कर्णामृताय शशिशेखर धारणाय।
कर्पूर कान्ति धवलाय, जटाधराय,
दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।१।।
गौरी प्रियाय रजनीश कलाधराय,
कलांतकाय भुजगाधिप कंकणाय।
गंगाधराय गजराज विमर्दनाय
द्रारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।२।।
भक्तिप्रियाय भवरोग भयापहाय
उग्राय दुर्ग भवसागर तारणाय।
ज्योतिर्मयाय गुणनाम सुनृत्यकाय,
दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।३।।
चर्माम्बराय शवभस्म विलेपनाय,
भालेक्षणाय मणिकुंडल-मण्डिताय।
मँजीर पादयुगलाय जटाधराय
दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।४।।
पंचाननाय फणिराज विभूषणाय
हेमांशुकाय भुवनत्रय मंडिताय।
आनंद भूमि वरदाय तमोमयाय,
दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।५।।
भानुप्रियाय भवसागर तारणाय,
कालान्तकाय कमलासन पूजिताय।
नेत्रत्रयाय शुभलक्षण लक्षिताय
दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।६।।
रामप्रियाय रधुनाथ वरप्रदाय
नाग प्रियाय नरकार्ण अवताराणाय।
पुण्येषु पुण्य भरिताय सुरार्चिताय,
दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।७।।
मुक्तेश्वराय फलदाय गणेश्वराय
गीतप्रियाय वृषभेश्वर वाहनाय।
मातंग चर्म वसनाय महेश्वराय,
दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।८।।
वसिष्ठेन कृतं स्तोत्रं सर्व रोग निवारणम्
सर्व संपत् करं शीघ्रं पुत्र पौत्रादि वर्धनम्।।
शुभदं कामदं ह्दयं धनधान्य प्रवर्धनम्
त्रिसंध्यं यः पठेन् नित्यम् स हि स्वर्गम् वाप्युन्यात्।।९।।
।।इति श्रीवशिष्ठरचितं दारिद्रयुदुखदहन शिवस्तोत्रम संपूर्णम।।
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FAQ — दारिद्रय दहन स्तोत्र
Q1. दारिद्रय दहन स्तोत्र किसने लिखा है ?
यह स्तोत्र महर्षि वशिष्ठ द्वारा रचित माना गया है।
Q2. क्या स्तोत्र पढ़ने के लिए उपवास आवश्यक है ?
नहीं, उपवास जरूरी नहीं है। बस मन शुद्ध और शांत होना चाहिए।
Q3. कितने दिनों तक पाठ करना चाहिए ?
कम से कम 21 दिन लगातार करें।
गंभीर आर्थिक संकट में 40 या 90 दिन भी किया जा सकता है।
Q4. क्या परिवार का कोई सदस्य भी पाठ कर सकता है ?
हाँ, यदि पीड़ित व्यक्ति न पढ़ पाए, तो पत्नी, माता या पिता उनके लिए पाठ कर सकते हैं।
Q5. क्या स्तोत्र पढ़ने का कोई विशेष समय है ?
सुबह और शाम दोनों समय श्रेष्ठ माना गया है।
Q6. क्या इसे मन में भी पढ़ सकते हैं ?
हाँ, यदि समय या स्थान की समस्या हो, तो मन में पढ़ना भी उतना ही फल देता है।
⚠️ डिसक्लेमर
इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है।
विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं।
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