दीपावली पर धन की पोटली बनाने का महत्व और विधि

दीवाली का पर्व धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस शुभ अवसर पर माँ लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए लोग पूजा, सफाई, दीपदान और कई उपाय करते हैं। इन्हीं में से एक विशेष उपाय है धन लक्ष्मी पोटली बनाना। मान्यता है कि इसे तिजोरी या पूजा स्थल में रखने से सालभर धन, स्वर्ण, समृद्धि और सौभाग्य बना रहता है।

धन की पोटली क्या होती है ?

यह लाल या पीले शुभ वस्त्र में बांधी गई एक छोटी पोटली होती है, जिसमें धन, सौभाग्य और लक्ष्मीजी से जुड़ी वस्तुएँ रखी जाती हैं। इसे दीपावली या धनतेरस पर पूजा कर तिजोरी, गल्ले या व्यापार स्थल पर स्थापित किया जाता है।

पोटली कब बनाएं ?

कुछ लोग इसे धनतेरस पर तैयार करते हैं, जबकि कई लोग लक्ष्मी पूजा (दीपावली की रात) के समय बनाते हैं। परंपरागत रूप से इसे प्रदोष काल और स्थिर लग्न में बनाना श्रेष्ठ माना जाता है।

📅 शुभ मुहूर्त (2025)

तिथि: 20 अक्टूबर 2025

लग्न: स्थिर वृषभ लग्न

समय: शाम 18:23 से 20:18

सरल विधि (सामान्य धन पोटली बनाने की)

पोटली बनाने के लिए साफ लाल रंग का कपड़ा लें। इसमें नीचे दी गई वस्तुएँ रखें:

  • पाँच कमलगट्टे
  • पाँच गोमती चक्र
  • पाँच पीली कौड़ी
  • पाँच हरी इलायची
  • पाँच लौंग
  • पाँच सुपारी
  • हल्दी की गाँठ (स्टिक)
  • चांदी का सिक्का
  • थोड़े रुपये
  • साबुत धनिया

अब इस कपड़े को पोटली के रूप में बांधकर लाल धागे या मौली से बांध लें। फिर इसे पूजा के बाद तिजोरी में स्थापित करें।

विधि (विस्तृत पारंपरिक तरीका)

इस विधि में पूजा, मंत्र और विशेष सामग्री का प्रयोग किया जाता है।

1️⃣ तैयारी

वृषभ लग्न में प्रदोष काल के दौरान पोटली बनाएं

श्री गणेश और माँ लक्ष्मी का षोडशोपचार पूजन करें

लाल रेशमी कपड़ा या बाजार से बनी पोटली रखें

पोटली के सामने पान का पत्ता रखें

पत्ते पर तीन बार गंगाजल छिड़कें

थोड़ा रक्त-चंदन अर्पित करें

2️⃣ सामग्री एकत्र करें

इन वस्तुओं को क्रम से कपड़े पर रखें:

  • ✔ 1 चांदी का सिक्का (मौली से बांधकर)
  • ✔ 2 सुपारी
  • ✔ 2 पीली हल्दी की गांठ
  • ✔ 2 काली हल्दी
  • ✔ 11 गोमती चक्र
  • ✔ 7 पीली कौड़ी
  • ✔ 5 सफेद कौड़ी
  • ✔ 5 नागकेशर
  • ✔ 5 कमलगट्टे
  • ✔ 5 काली कौड़ी
  • ✔ 21 अक्षत (पूरे, टूटे न हों)

3️⃣ मंत्र जाप

कमलगट्टे की माला से 1 माला यह मंत्र जपें:

🚩

ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे

विष्णु पत्न्यै च धीमहि

तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥

🚩

मंत्र जाप के बाद पोटली बांध लें और मस्तक से लगाकर माता के चरणों में अर्पित करें।

पोटली कहाँ रखें ?

पूजा स्थल में

घर की तिजोरी

उत्तर-पूर्व दिशा

व्यापार स्थल या गल्ले में

उत्तर-पश्चिम दिशा (लक्ष्मी दिशा)

पोटली रखने के लाभ

  • ✨ घर में स्थिर लक्ष्मी का वास
  • ✨ कर्ज, अभाव और दुर्भाग्य से मुक्ति
  • ✨ अन्न, धन, सोना और आभूषणों की वृद्धि
  • ✨ व्यापार में तेजी और लाभ
  • ✨ वास्तु दोषों से मुक्ति
  • ✨ कुटुंब में सुख और समृद्धि

शरद पूर्णिमा, कार्तिक पूर्णिमा, अक्षय तृतीया या दीपावली जैसे विशेष मुहूर्त में रखने का फल कई गुना बढ़ जाता है।

पोटली बदलने का समय

हर साल दीपावली पर नई पोटली बनाएं। पुरानी पोटली को किसी पवित्र स्थान, नदी या पीपल/तुलसी के नीचे Respectfully स्थापित करें।

धन की पोटली की सामग्री का महत्व

1️⃣ पीली कौड़ी – लक्ष्मी और कुबेर का प्रतीक

2️⃣ काली कौड़ी – दुर्लभ व शक्तिशाली धन रक्षा

3️⃣ गोमती चक्र – समृद्धि और स्थिरता

4️⃣ हल्दी (पीली/काली) – धन सिद्धि और सुरक्षा

5️⃣ सुपारी – शुभता और स्थायित्व

6️⃣ नागकेशर – सौभाग्य व धन आकर्षण

7️⃣ चांदी का सिक्का – धन वृद्धि

8️⃣ कमलगट्टे – लक्ष्मी मां का आसन

9️⃣ अक्षत – अक्षय फल का प्रतीक

10️⃣ पान पत्ता – मंगल और पूजन का आधार

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FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. धन की पोटली कब बनानी चाहिए ?

➡ दीपावली के प्रदोष काल और स्थिर लग्न में बनाना सर्वोत्तम माना जाता है।

Q2. पोटली तिजोरी में रखने से पहले क्या करें ?

➡ तिजोरी की सफाई करें, गंगाजल से शुद्ध करें और दीप-धूप दिखाएँ।

Q3. क्या बाजार से बनी रेडीमेड पोटली इस्तेमाल कर सकते हैं ?

➡ हाँ, बशर्ते उसमें शुभ सामग्री हो या आप उसे खुद सिद्ध करें।

Q4. पोटली को कहाँ रखना सबसे अच्छा है ?

➡ तिजोरी, पूजाघर, व्यापार स्थल, उत्तर-पूर्व दिशा या गल्ले में।

Q5. पोटली कितने समय बाद बदलनी चाहिए ?

➡ हर साल दीपावली या शुभ पर्व पर नई पोटली बनाएं।

⚠️ डिसक्लेमर

इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है।

विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं।

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