दुर्गा चतुर्थी 2025 नवरात्री के चतुर्थ दिवस आदि शक्ति माँ दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की उपासना विधि एवं समृद्धि पाने के उपाय
शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत 22 सितम्बर से हो रही है। नवरात्रि के चौथे दिन 26 सितम्बर को आदि शक्ति माँ दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है। माँ कुष्मांडा का स्वरूप तेज, ऊर्जा और ब्रह्मांड की सृष्टि से जुड़ा माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने अपने मंद मुस्कान से सृष्टि की रचना की। उनके पूजन से घर में सुख, समृद्धि, आरोग्य और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
शारदीय नवरात्रि 2025 में माँ कुष्मांडा पूजा का शुभ मुहूर्त
तिथि: नवरात्रि का चौथा दिन – 26 सितम्बर 2025, शुक्रवार
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 25 सितम्बर 2025, सुबह 07:06 बजे से
चतुर्थी तिथि समाप्त: 26 सितम्बर 2025, सुबह 09:32 बजे तक
अभिजित मुहूर्त: 11:54 – 12:42 शुभ
चर: 06:18 07:48 शुभ
लाभ मुहूर्त: 07:48 09:18 शुभ
अमृत मुहूर्त: 09:18 10:48 शुभ
पूजा का सर्वोत्तम समय: प्रातः 6:30 बजे से 8:30 बजे तक
(ध्यान रहे कि स्थानीय सूर्योदय के अनुसार समय में हल्का बदलाव हो सकता है)
माँ कूष्मांडा का स्वरूप और पौराणिक महत्त्व
नवरात्रि के चौथे दिन आदिशक्ति माँ दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है। इन्हें कुम्हड़े (कूष्माण्ड) की बलि प्रिय है, इसी कारण इन्हें कूष्मांडा कहा जाता है। जब सृष्टि नहीं थी और चारों और अंधकार ही अंधकार था, तब माँ कूष्मांडा ने अपनी मंद मुस्कान से ब्रह्माण्ड की रचना की। ये आदिशक्ति हैं और सूर्यलोक में निवास करती हैं। इनके तेज से ब्रह्माण्ड प्रकाशित होता है। सभी जीवों में ऊर्जा और जीवन प्रदान करने वाली शक्ति भी इन्हीं की देन है।
माँ कूष्मांडा का मंत्र
मूल मंत्र:
सुरासम्पूर्णकलशं रूधिराप्लुतमेव च।
दधानाहस्तपद्याभ्यां कुष्माण्डा शुभदास्तु में॥
इस मंत्र का जप कर भक्त माँ कूष्मांडा से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और पूजा में ध्यान केन्द्रित करते हैं।
दुर्गा चतुर्थी 2025 मां कूष्मांडा पूजा विधि
1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
2. कलश स्थापित करें और देवी देवताओं का आवाहन करें।
3. दीपक, धूप, फूल और नैवेद्य अर्पित करें।
4. ऊपर दिया गया मंत्र ध्यानपूर्वक जप करें।
5. मन को ‘अनाहत’ चक्र में केन्द्रित करें।
6. कम से कम 108 बार मंत्र का जप करें।
7. अंत में आरती कर माता से समृद्धि, शांति और कृपा की प्रार्थना करें।
जो साधक कुण्डलिनी जागृत करना चाहते हैं उन्हें इस दिन विशेष रूप से ध्यान व साधना करनी चाहिए। श्रद्धा और एकाग्रता से पूजा करने पर माँ कूष्मांडा सभी प्रकार के भय और मानसिक तनाव से रक्षा करती हैं।
दुर्गा चतुर्थी 2025 माँ कूष्मांडा ध्यान मंत्र
वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्।
सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्वनीम्॥
भास्वर भानु निभां अनाहत स्थितां चतुर्थ दुर्गा त्रिनेत्राम्।
कमण्डलु चाप बाण पद्म सुधा कलश चक्र गदा जपवटीधराम्॥
पटाम्बर परिधानां कमनीयां मृदुहास्या नानालंकार भूषिताम्।
मंजीर हार केयूर किंकिणि रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥
प्रफुल्ल वदनांचारू चिबुकां कांत कपोलां तुंग कुचाम्।
कोमलांगी स्मेरमुखी श्रीकण्ठि निम्ननाभि नितम्बनीम्॥
यह ध्यान मंत्र मन को शांत करता है और साधक को आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।
माँ कूष्मांडा उपासना मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
इस मंत्र से पूजा के दौरान देवी की उपस्थिति का ध्यान कर सकते हैं।
माँ कुष्मांडा जी की आरती
ॐ जय माँ कुष्मांडाचौथ जब नवरात्र हो, कुष्मांडा को ध्याते।
जिसने रचा ब्रह्माण्ड यह, पूजन है करवाते।।
ॐ जय माँ कुष्मांडा
आद्यशक्ति कहते जिन्हें, अष्टभुजी है रूप।
इस शक्ति के तेज से, कही छाँव कही धुप।।
ॐ जय माँ कुष्मांडा
कुम्हड़े की बलि करती है, तांत्रिक से स्वीकार।
पेठे से भी रजति, सात्विक करे विचार।।
ॐ जय माँ कुष्मांडा
क्रोधित जब हो जाए, यह उल्टा करे व्यवहार।
उसको रखती दूर माँ, देती दुःख अपार।।
ॐ जय माँ कुष्मांडा
सूर्य चंद्र की रौशनी, यह जग में फैलाये।
शरणागत में आया, माँ तू ही राह दिखाये।।
ॐ जय माँ कुष्मांडा।
पूजा समाप्ति पर यह आरती गाकर माता से सुख और समृद्धि की कामना करें।
माँ कूष्मांडा से मिलने वाले लाभ
1. समस्त रोग और शोक से मुक्ति
2. त्रिविध ताप (शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक) से राहत
3. मन को शांति और स्थिरता मिलती है
4. आयु, यश, बल और स्वास्थ्य में वृद्धि
5. धन और लक्ष्मी की प्राप्ति
6. भय और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा
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नवरात्रि के चौथे दिन समृद्धि पाने के उपाय
उपाय 1:
पान में गुलाब की सात पंखुड़ियाँ रखकर देवी को अर्पित करें। इससे धन प्राप्ति में मदद मिलती है।
उपाय 2:
गुलाब के फूल में कपूर रखकर शाम के समय जलाएं और देवी को अर्पित करें। इससे अचानक लाभ प्राप्त हो सकता है।
उपाय 3:
चौदह मुखी रुद्राक्ष को सोने में जड़ाकर दूध, दही, घी, मधु और गंगाजल से स्नान कराकर पूजा करें। इससे धन, स्वास्थ्य और सफलता प्राप्त होती है।
उपाय 4:
इमली की डाल काटकर घर या तिजोरी में रखें। इससे धन में वृद्धि होती है
उपाय 5:
नारियल के साथ लाल, पीला, नीला और सफेद फूल चढ़ाकर नवमी के दिन नदी में विसर्जित करें। नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी में रखें। इससे अखंड लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
दुर्गा चतुर्थी 2025 मनोनुकूल सफलता पाने का विशेष उपाय
यदि आपके प्रयासों के बावजूद सफलता नहीं मिल रही है तो चार कुम्हड़े लेकर लाल कपड़े पर रखें। धूप, दीप और पुष्प अर्पित करें। फिर पाँच माला “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामूण्डाय विच्चे ॐ कूष्माण्डा देव्यै नम:” और एक माला “ॐ शं शनैश्चराय नम:” का जाप करें। इसके बाद कुम्हड़ों को अपने ऊपर से 11 बार उतारकर तालाब या नदी में प्रवाहित कर दें। इससे सभी कष्ट दूर हो सकते हैं।
माँ कूष्मांडा अन्य लाभकारी मंत्र
लक्ष्मी प्राप्ति मंत्र:
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद
श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:
धन प्राप्ति मंत्र:
दुर्गे स्मृता हरसिभीतिमशेष जन्तो: स्वस्थ्याई।
स्मृता मति मतीव शुभाम ददासि॥
इन मंत्रों का जप कर मनोकामनाएँ पूर्ण की जा सकती हैं।
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