जानें कौन से ग्रह आपकी जीवन गति को प्रभावित करते हैं
दृढ़ संकल्प हर मनुष्य को कर्मनिष्ठ बनाता है और सफलता की ओर ले जाता है।
फिर भी कई बार मेहनत के बावजूद हमें अपेक्षित सफलता नहीं मिलती।
इसका कारण हमारी कुंडली में बने ग्रह दोष भी हो सकते हैं।
भारतीय संस्कृति में वेद और ज्योतिष का बहुत महत्त्व है।
🔯 आइए जानें कि कौन-सा ग्रह किस राशि में उच्च (शुभ) और किस में नीच (अशुभ) फल देता है।
1👉 सूर्य ग्रह मेष राशी में उच्च का होकर शुभ फल देता हें और तुला राशी में नीच का होकर अशुभ फल देता है।
2👉 चन्द्रमा ग्रह वृषभ राशी में उच्च का होकर शुभ फल देता हें और वृश्चिक में नीच का होकर अशुभ फल देता है।
3👉 मंगल ग्रह मकर में उच्च का होकर शुभ फल देता हें और कर्क में नीच का फल होकर अशुभ फल देता है।
4👉 बुध ग्रह कन्या में उच्च का होकर शुभ फल देता हें का और मीन में नीच का होकर अशुभ फल देता है।
5👉 गुरु ग्रह कर्क में उच्च का होकर शुभ फल देता हें और मकर में नीच का होकर अशुभ फल देता है।
6👉 शुक्र ग्रह मीन में उच्च का होकर शुभ फल देता हें और कन्या में नीच का होकर अशुभ फल देता है।
7👉 शनि ग्रह तुला में उच्च का होकर शुभ फल देता हें और मेष में नीच का होकर अशुभ फल देता है।
8👉 राहू ग्रह मिथुन में उच्च का होकर शुभ फल देता हें और धनु में नीच का होकर अशुभ फल देता है।
9👉 केतु ग्रह धनु में उच्च का होकर शुभ फल देता हें और मिथुन में नीच का होकर अशुभ फल देता है।
🪷 नोट: सिंह और कुम्भ राशि में कोई ग्रह न तो उच्च होता है, न नीच।
🌼 शरीर में ग्रहों का स्थान
ग्रह शरीर से संबंध
सूर्य आत्मा व शरीर
चंद्र मन
मंगल रक्त व साहस
बुध वाणी व बुद्धि
गुरु ज्ञान व सुख
शुक्र काम व वीर्य
शनि दुःख व परिवर्तन
राहु-केतु रोग व चिंता
🌞सूर्य ग्रह – आत्मा व प्रतिष्ठा का कारक
सूर्य पिता, आत्मबल और समाज में सम्मान का प्रतीक है।
अशुभ होने पर हृदय, पेट और आंखों के रोग होते हैं, पिता से मतभेद भी हो सकते हैं।
उपाय:
भगवान सूर्य को अर्घ्य दें।
आदित्य हृदय स्तोत्र और गायत्री मंत्र का पाठ करें।
तांबा, गेहूं और गुड़ का दान करें।
मंत्र: ॐ घृणी सूर्याय नमः (108 बार)
🌙 चंद्र ग्रह – मन और माता का प्रतीक
चंद्रमा माँ और मन का कारक है।
अशुभ होने पर मानसिक तनाव, भय, स्मरण शक्ति में कमी और माँ के स्वास्थ्य में परेशानी होती है।
उपाय:
सोमवार का व्रत रखें।
शिव और माँ पार्वती की पूजा करें।
दही, चावल, सफेद वस्त्र का दान करें।
मंत्र: ॐ सोम सोमाय नमः (108 बार)
🔥 मंगल ग्रह – ऊर्जा और पराक्रम का प्रतीक
मंगल भाई, रक्त और साहस का द्योतक है।
अशुभ मंगल क्रोध, दुर्घटना, रक्तचाप और विवाद बढ़ाता है।
उपाय:
हनुमान जी की पूजा करें।
लाल वस्त्र, मसूर दाल, गुड़ दान करें।
हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
मंत्र: ॐ अं अंगारकाय नमः (108 बार)
💚 बुध ग्रह – वाणी और व्यापार का कारक
बुध वाक्-कला, बुद्धि और व्यापार से जुड़ा है।
अशुभ बुध गुप्त रोग, दंत-समस्या और वाणी दोष देता है।
उपाय:
भगवान गणेश की आराधना करें।
हरा रुमाल रखें या पन्ना धारण करें।
गाय व कुत्तों को भोजन दें।
मंत्र: ॐ बुं बुद्धाय नमः (108 बार)
🕉 गुरु ग्रह – ज्ञान और धर्म का प्रतीक
गुरु शिक्षा, धर्म, संतान और धन का कारक है।
अशुभ गुरु आर्थिक हानि, कलह और शिक्षा में बाधा लाता है।
उपाय:
विष्णु जी की आराधना करें।
पीले वस्त्र, हल्दी, केला दान करें।
माथे पर केसर तिलक लगाएँ।
मंत्र: ॐ व्री वृहस्पतये नमः (108 बार)
💎 शुक्र ग्रह – प्रेम और वैभव का कारक
शुक्र सौंदर्य, कला, भोग और सुख का प्रतीक है।
अशुभ होने पर आलस्य, चर्म रोग और धन हानि होती है।
उपाय:
माँ लक्ष्मी की आराधना करें, श्री सूक्त का पाठ करें।
कन्याओं को भोजन कराएँ, विद्यार्थियों को सामग्री दें।
मंत्र: ॐ सुं शुक्राय नमः (108 बार)
🪶 शनि ग्रह – कर्म और न्याय का प्रतीक
शनि धीमी गति का ग्रह है और जीवन की परीक्षा लेता है।
अशुभ शनि आलस्य, रोग, दुर्घटना या आर्थिक संकट लाता है।
उपाय:
हनुमान जी की पूजा करें।
तेल में छाया दान करें।
कौवों को रोटी खिलाएँ।
मंत्र: ॐ शं शनैश्चराय नमः (108 बार)
🐍 राहु ग्रह – भ्रम और मानसिक अशांति का कारक
राहु के दोष से मानसिक तनाव, दुर्घटनाएँ और सामाजिक अपयश होता है।
उपाय:
हनुमान और दुर्गा जी की आराधना करें।
गोमेद धारण करें।
मूली, तिल, जौ दान करें।
मंत्र: ॐ रं राहवे नमः (108 बार)
🕊 केतु ग्रह – मोक्ष और रहस्यों का कारक
केतु अशुभ होने पर चर्म रोग, संतान कष्ट और मानसिक असंतुलन लाता है।
उपाय:
शिव, दुर्गा और हनुमान जी की पूजा करें।
तिल, बाजरा, जौ दान करें।
पक्षियों को भोजन दें।
मंत्र: ॐ कें केतवे नमः (108 बार)
📿 उपायों का नियम
- किसी भी ग्रह के उपाय लगातार 43 दिन करें।
- मंत्र जाप के लिए रुद्राक्ष माला सर्वश्रेष्ठ मानी गई है।
- ग्रहों की होरा या नक्षत्र में उनके दान-जाप से अधिक फल प्राप्त होता है।
Must Read ग्रह दोष के पूर्व संकेत और उपाय Pre-signs and remedies of planetary defects
🔱 निष्कर्ष
हर ग्रह हमारे जीवन की दिशा और दशा तय करता है।
यदि कोई ग्रह अशुभ फल दे रहा हो, तो श्रद्धा और विधि-विधान से किए गए उपाय हमारे जीवन को पुनः संतुलित कर सकते हैं।
ज्योतिष सिर्फ भविष्य बताने का नहीं, बल्कि जीवन सुधारने का विज्ञान है।
FAQ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. कौन-से ग्रह जीवन पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालते हैं ?
हर ग्रह हमारे जीवन के किसी न किसी पहलू पर प्रभाव डालता है। सूर्य आत्मा, चंद्र मन, मंगल पराक्रम, बुध बुद्धि, गुरु ज्ञान, शुक्र वैभव, शनि कर्म, राहु-केतु मानसिक स्थिति को प्रभावित करते हैं।
Q2. ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए क्या उपाय करें ?
प्रत्येक ग्रह के लिए मंत्र जाप, दान, व्रत और आराधना के अलग उपाय हैं। इन्हें 43 दिन तक नियमपूर्वक करने से ग्रह दोष कम होते हैं।
Q3. क्या मंत्र जाप के लिए कोई विशेष माला होनी चाहिए ?
हाँ, रुद्राक्ष की माला सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है। इससे किए गए जाप का फल शीघ्र प्राप्त होता है।
⚠️ डिसक्लेमर
इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है।
विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं।
हमारा उद्देश्य केवल सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दी जा सकती।
कृपया किसी भी प्रकार के उपयोग से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

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