🌼 मोक्षदा एकादशी 2025: शुभ मुहूर्त, व्रत विधि, कथा, महत्व और पारण समय

सनातन धर्म में मोक्ष को जीवन का अंतिम लक्ष्य माना गया है। कहा गया है कि आत्मा कर्मों के अनुसार जन्म लेती है। मोक्ष प्राप्ति होने तक बार-बार जन्म मिलता है।

इसीलिए मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी व्रत अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। पौराणिक मान्यता अनुसार यह व्रत पितरों को भी मुक्ति दिलाता है।

इस वर्ष 01 दिसंबर 2025, सोमवार को मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

🌿 मोक्षदा एकादशी 2025 तिथि व शुभ मुहूर्त (Mokshada Ekadashi 2025 Date and Shubh Muhurat)

एकादशी तिथि प्रारंभ – 30 नवंबर, रात 09:29 बजे

एकादशी तिथि समाप्त – 01 दिसंबर, रात 07:01 बजे

व्रत करने का दिन – 01 दिसंबर 2025 (सोमवार)

महत्वपूर्ण मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त – 05:11 AM से 06:05 AM

विजय मुहूर्त – 01:57 PM से 02:39 PM

गोधूलि मुहूर्त – 05:23 PM से 05:50 PM

निशिता मुहूर्त – 11:46 PM से 12:40 AM

🪔 मोक्षदा एकादशी व्रत पारण समय 2025

  • पारण का दिन – 02 दिसंबर 2025
  • पारण समय – सुबह 06:51 AM से 09:04 AM

पारण के बाद भोजन, अन्न-धन, वस्त्र या अन्नदान करना शुभ माना जाता है।

🌺 मोक्षदा एकादशी व्रत विधि

  • दशमी के दिन सात्त्विक भोजन करें।
  • एकादशी के दिन सुबह स्नान कर घर में गंगा जल छिड़कें।
  • पीले वस्त्र पहनकर विष्णु भगवान की पूजा करें।
  • तुलसी पत्र अवश्य अर्पित करें।
  • विष्णु भगवान के अवतारों की कथा का पाठ करें।
  • रात्रि में भजन-कीर्तन करें।
  • द्वादशी के दिन पुनः पूजा कर ब्राह्मणों को भोजन कराएँ।
  • ब्राह्मणों को दक्षिणा देकर व्रत का पारण करें।
  • इस व्रत से पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।

📖 मोक्षदा एकादशी का महत्व

  • पितरों को मुक्ति मिलती है।
  • पाप नष्ट होते हैं।
  • मृत्यु के बाद उत्तम गति की प्राप्ति होती है।
  • भगवान कृष्ण ने इसी दिन अर्जुन को श्रीमद्भगवद् गीता सुनाई थी।
  • इस दिन गीता दान अत्यंत शुभ माना गया है।

🕉 एकादशी पारण का नियम

  • एकादशी के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण करें।
  • हरि वासर के दौरान पारण नहीं करना चाहिए।
  • प्रातःकाल सबसे उत्तम समय है।
  • मध्याह्न में पारण निषेध है।
  • यदि एकादशी दो दिन की हो तो
  • गृहस्थ – पहले दिन व्रत करें।
  • ब्रह्मचारी/वैरागी – दोनों दिनों कर सकते हैं।

📚 मोक्षदा एकादशी पौराणिक कथा

एक समय गोकुल में राजा वैखानस राज करते थे। राजा अत्यंत धर्मप्रिय थे। एक दिन उन्होंने स्वप्न में अपने दिवंगत पिता को नरक में अत्यंत कष्ट सहते देखा।

राजा व्याकुल हो गए और ब्राह्मणों से उपाय पूछा। ब्राह्मणों ने कहा कि पर्वत मुनि इसका समाधान बता सकते हैं।

राजा मुनि के पास पहुँचे। पर्वत मुनि ने योगबल से देखा कि राजा के पिता पापकर्मों के कारण दंड भोग रहे थे।

उन्होंने बताया —

“यदि आप मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी का व्रत कर उसका पुण्य अपने पिता को अर्पित करें, तो उन्हें मुक्ति मिल जाएगी।”

राजा ने व्रत किया और पुण्य पितरों को समर्पित किया। उसी क्षण आकाश में मंगलध्वनि हुई।

राजा ने देखा कि उनके पिता दिव्य रूप से बैकुंठ की ओर जा रहे हैं।

इस प्रकार इस व्रत से पितरों को मोक्ष प्राप्त हुआ और इसे मोक्षदा एकादशी कहा जाने लगा।

🪔 भगवान जगदीश्वर की आरती

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।

भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥

जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।

सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।

तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥

तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥

पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥

तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥

दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।

अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥

तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।

तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥

जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।

कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥

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✅ FAQs – मोक्षदा एकादशी 2025

Q1. मोक्षदा एकादशी 2025 कब है ?

01 दिसंबर 2025 (सोमवार) को है।

Q2. पारण कब करना है ?

02 दिसंबर की सुबह 06:51 AM से 09:04 AM तक।

Q3. मोक्षदा एकादशी का मुख्य महत्व क्या है ?

यह पितरों को मोक्ष देती है और सभी पाप नष्ट करती है।

Q4. क्या इस दिन गीता दान कर सकते हैं ?

हाँ, इस दिन भगवद्गीता का दान अत्यंत शुभ माना जाता है।

Q5. क्या गर्भवती, बीमार या वृद्ध लोग व्रत कर सकते हैं ?

वे सरल फलाहार या मानसिक व्रत कर सकते हैं।

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