🪔 श्री लक्ष्मीनारायण जी की आरती | ॐ जय लक्ष्मी-विष्णो

श्री लक्ष्मी नारायण जी की आरती का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि, धन, सौभाग्य और शांति का वास होता है। यह आरती विष्णु भगवान और मां लक्ष्मी दोनों की सामूहिक पूजा का श्रेष्ठ माध्यम मानी जाती है। इसे विशेष रूप से शुक्रवार, दीपावली, एकादशी, प्रदोष व्रत और विवाह एवं गृह प्रवेश के अवसरों पर गाया जाता है।

🔱 श्री लक्ष्मी नारायण जी आरती

ॐ जय लक्ष्मी-विष्णो। जय लक्ष्मीनारायण, ॐ जय लक्ष्मी-विष्णो।

जय माधव, जय श्रीपति, जय, जय, जय विष्णो॥

ॐ जय लक्ष्मी-विष्णो ॥ टेक ॥

जय चम्पा सम-वर्णे जय नीरदकान्ते।

जय मन्द-स्मित-शोभे जय अदभुत शान्ते॥

ॐ जय लक्ष्मी-विष्णो ॥ टेक ॥

कमल वराभय-हस्ते शङ्खादिकधारिन्।

जय कमलालयवासिनि गरुडासनचारिन्॥

ॐ जय लक्ष्मी-विष्णो ॥ टेक ॥

सच्चिन्मयकरचरणे सच्चिन्मयमूर्ते।

दिव्यानन्द-विलासिनि जय सुखमयमूर्ते॥

ॐ जय लक्ष्मी-विष्णो ॥ टेक ॥

तुम त्रिभुवनकी माता, तुम सबके त्राता।

तुम लोक-त्रय-जननी, तुम सबके धाता॥

ॐ जय लक्ष्मी-विष्णो ॥ टेक ॥

तुम धन-जन-सुख-संतति-जय देनेवाली।

परमानन्द-बिधाता तुम हो वनमाली॥

ॐ जय लक्ष्मी-विष्णो ॥ टेक ॥

तुम हो सुमति घरों में, तुम सबके स्वामी।

चेतन और अचेतनके अन्तर्यामी॥

ॐ जय लक्ष्मी-विष्णो ॥ टेक ॥

शरणागत हूँ, मुझपर कृपा करो माता।

जय लक्ष्मी-नारायण नव-मंगल-दाता॥

ॐ जय लक्ष्मी-विष्णो ॥ टेक ॥

जय लक्ष्मीनारायण, ॐ जय लक्ष्मी-विष्णो।

जय माधव, जय श्रीपति, जय, जय, जय विष्णो॥

ॐ जय लक्ष्मी-विष्णो ॥ इति ॥

✅ आरती के लाभ

घर में धन, वैभव और समृद्धि आती है

नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है

वैवाहिक और पारिवारिक जीवन में सौहार्द बढ़ता है

व्यापार और करियर में उन्नति मिलती है

मानसिक शांति और सुख की प्राप्ति होती है

✅ निष्कर्ष

श्री लक्ष्मीनारायण जी की आरती श्रद्धा और भक्ति से गाने पर जीवन में सुख, सौभाग्य और सम्पन्नता का संचार होता है। यह आरती विष्णु और लक्ष्मी की संयुक्त कृपा पाने का सरल और प्रभावी उपाय है।

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✅ FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. इस आरती का पाठ कब करना शुभ होता है ?

Ans. शुक्रवार, दीपावली, प्रदोष व्रत, एकादशी और विशेष पूजा के समय।

Q2. क्या इसे सुबह-शाम दोनों समय गाया जा सकता है ?

Ans. हाँ, आरती सुबह और शाम दोनों समय की जा सकती है।

Q3. आरती के दौरान क्या सामग्री होनी चाहिए ?

Ans. घी का दीपक, अगरबत्ती, पुष्प, चावल और घंटी शुभ मानी जाती है।

Q4. क्या यह आरती घर में कर सकते हैं ?

Ans. हाँ, इसे घर और मंदिर दोनों जगह गाया जा सकता है।

Q5. इस आरती से क्या फल मिलता है ?

Ans. धन की वृद्धि, पारिवारिक सुख, मानसिक शांति और दिव्य कृपा।