तुझसे ज्यादा दिल को मेरे कुछ भी नहीं भाता सांवरिया अनपढ़ सी हूँ मैं तेरे सिवा कुछ भी नहीं आता…
तुझसे ज्यादा दिल को मेरे कुछ भी नहीं भाता सांवरिया..
तुझसे ज्यादा दिल को मेरे कुछ भी नहीं भाता सांवरिया..
मैं प्रभु की प्रेम भाव और शुद्ध मन से प्रार्थना
Even if the introduction of a human being begins with
मेरे सांवरिया यूंही तुम्हें धड़कन नहीं कहते हम, सांसे चलती
जिसे तुम्हारी ज़रूरत ना हो फिर भी जो तुमसे रिश्ता
भक्ति हमारा हृदय परिवर्तन कर देती है। हम में से
प्रेम वो होता है.. जो हृदय की अनंत गहराई से
जो रिश्ता हमें बदल दे, हमारे अंदर परिवर्तन लाए, हमें
अगर सफलता हासिल करना चाहते हो तो समय के महत्व
"महाभारत" युद्ध में कृष्ण भगवान यह दिखाना चाहते थे पाप