खुद को तुम से जोड़ दिया बाकी तुम पर छोड़ दिया एक बार सिर्फ गले लगा कर रो लेने दो ना श्याम ? इस दुनिया में सिर्फ एक तेरी बाहों का सहारा लेने दो ना श्याम
खुद को तुम से जोड़ दिया बाकी तुम पर छोड़
खुद को तुम से जोड़ दिया बाकी तुम पर छोड़
देके दर्शन कर दो पूरी प्रभु मेरे मन की तृष्णा
जब परिस्थितियां बदलना हमारे वश में ना हो तब मन
जो मनुष्य जिस प्रकार से ईश्वर का स्मरण करता है
यदि खेत में बीज न डाला जाएं तो कुदरत उसे
ईश्वर की न्याय की चक्की थोड़ी धीमी जरूर चलती है
आपके सिवा हम किसी और के कैसे हो सकते हैं,
दुनिया उम्मीद तोड़ सकती है पर दुनिया बनाने वाला नहीं
चल जिंदगी कुछ नया करते हैं जो उम्मीद दूसरों से