से कृष्ण मन की ये बेचैनियां शब्दों का ये मौन आंखों की वीरानियां तुम बिन समझे कौन
मन की ये बेचैनियां शब्दों का ये मौन आंखों
मन की ये बेचैनियां शब्दों का ये मौन आंखों
यकीन करो वो जब देगा, बेहतर नहीं बेहतरीन देगा।
अपने शरीर को स्वस्थ रखना भी एक कर्तव्य है अन्यथा
परिवार को मालिक बनकर नहीं बल्कि माली बनकर संभालो, जो