Amalaki Ekadashi: आमलकी एकादशी के दिन क्यों की जाती है आंवले के वृक्ष की पूजा, पढ़ें कथा, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त एवं महत्त्व
जानें आमलकी एकादशी पूजन विधि और व्रत कथा आमलकी यानी
जानें आमलकी एकादशी पूजन विधि और व्रत कथा आमलकी यानी
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय जिनका स्वरुप अतिशय शांत है, जो
करू क्यों फ़िक्र की मौत के बाद जगह कहाँ मिलेगी,
मेरे महादेव मैं शून्य हूँ मुझे पीछे ही रखना क्योंकि
श्री राधा श्री राधा राधा राधा रटत ही सब बाधा
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम
हर बुरी स्थिति में कुछ न कुछ सकारात्मक होगा। यहां
जीवन में आधे दुःख इस वजह से आते है क्योंकि
कान्हा जी कहते हैं जीवन में कभी मौका मिले तो
तस्वीर के रंग चाहे जो भी हो किंतु मुस्कान का