श्री राधा श्री राधा

राधा राधा रटत ही सब बाधा मिट जाऐ कोटि जनम की आपदा राधा नाम लिऐ सौ जाऐ।।

मै तो, श्री राधा राधा रटूं, नित नित आठों याम।

जा उर (हृदय) राधै बसै वहि हमरौ धाम।।

राधा नाम का अर्थ 

र शब्द का अर्थ है = जन्म-जन्मान्तर के पापो का नाश।

अ वर्ण का अर्थ है =मृत्यु, गर्भावास,आयु हानि से छुटकारा।

ध वर्ण का अर्थ है =श्याम से मिलन।

अ वर्ण का अर्थ है =सभी वन्धनो से छुटकारा।

वेदो में भी श्री राधा नाम की महिमा बताई गई है, आइये जानते है ब्रह्मवैवर्त पुराण से राधा नाम की महिमा ।

‘रा’, कहत रोग सब मिटि हैं, ‘धा’ कहत मिटै सब बाधा।।

‘राधा’ शब्द की व्युत्पत्ति देवताओ, असुरों को भी अभीष्ट है तथा सबसे उतकृष्ट एवं मोक्षदायिनी है। राधा नाम का स्मरण करने से ही जन्मो के पाप तथा शुभाशुभ कर्म रोगो से छुटकारा दिलाता है, आकार गर्भवास, मृत्यु तथा रोगो को दूर करता है और हमें सम्पूर्ण सिद्ध – समुदाय रूप ईश्वर की प्राप्ति कराता है और अंत काल तक हमे सुख की प्राप्ति कराता है इसलिए हम कहते हैं कि हमेशा मन में श्री राधा नाम का जाप व स्मरण निरंतर रूप में श्री राधा नाम का जाप व स्मरण निरंतर रूप से करना चाहिए।

जय श्री राधे राधे जी