फाल्गुन का महीना हिन्दू पंचांग का अंतिम महीना है, इस महीने की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र होने के कारण इस महीने का नाम फाल्गुन है। इस महीने को आनंद और उल्लास का महीना कहा जाता है, इस महीने से धीरे-धीरे गर्मी की शुरुआत होती है, और सर्दी कम होने लगती है। हिंदू पंचाग के अनुसार नववर्ष का पहला महीना चैत्र और आखिरी फाल्गुन होता है। फाल्गुन मास में बसंत ऋतु का समय होता है, इसलिए चारों और छटा काफी निराली होती है। फाल्गुन मास में महादेव का प्रिय त्यौहार महाशिवरात्रि आता है। इसके साथ ही रंगों का त्यौहार होली भी इसी महीने आता है। इस माह में भगवान श्रीकृष्ण की आराधना विभिन्न प्रकार के सुगंधित फूलों से करनी चाहिये।

Falgun month फाल्गुन माह को फागुन माह भी कहा जाता है. इस माह का आगमन ही हर दिशा में रंगों को बिखेरता सा प्रतीत होता है. मौसम में मन को भा लेने वाला जादू सा छाया होता है. इस माह के दौरान प्रकृति में अनूपम छटा बिखरी होती है. इस मौसम में चंद्रमा के जन्म से संबंधित पौराणिक आख्यान भी मौजूद हैं, इसी कारण इस माह में चंद्रमा और श्री कृष्ण की पूजा का भी विशेष महत्व बताया गया है।

फाल्गुन मास का महत्व Phalgun Month Importance in Hindi 

इस महीने में बाल कृष्ण, युवा कृष्ण और गुरु कृष्ण तीनों ही स्वरूपों की उपासना की जा सकती है

संतान के लिए बाल कृष्ण की पूजा करें।

प्रेम और आनंद के लिए युवा कृष्ण की उपासना करें।

ज्ञान और वैराग्य के लिए गुरु कृष्ण की उपासना करें।

इस माह के दौरान भगवान शिव, भगवान विष्णु एवं चंद्र देव की पूजा का महत्व बताया गया है. फाल्गुन माह के दौरान देवी लक्ष्मी और माता सीता की पूजा का विधान भी रहा है. फाल्गुन माह आखिरी महीना होता है, इस माह के दौरान प्रकृति का एक अलग रुप दृष्टि में आता है. इसी समय पर भक्ति के साथ शक्ति की आराधना भी होती है. फाल्गुन माह भी अन्य माह की भांति ही ज्योतिष, धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व रखता है।

फाल्गुन में चंद्र देव की पूजा का महत्व (Falgun Month Chandra puja Significance in Hindi)

भगवान शिव को चंद्र का देवता माना गया है. शिवशंकर ने उन्हें अपने सिर पर धारण किया हुआ था. फाल्गुन में चंद्र देव की पूजा करने से स्वास्थ्य, सौंदर्य, प्रेम, सम्मान और पारिवारिक सुख और शांति का वरदान मिलता है. चंद्रमा मन के कारक हैं, कुंडली में अगर चंद्रमा प्रतिकूल प्रभाव दे रहे हैं तो व्यक्ति मानसिक तनाव से घिर रहता और अक्सर मां की सेहत को लेकर चिंतित होता है. फाल्गुन के महीने में चंद्रमा की उपासना से कुंडली में चंद्र दोष को दूर किया जा सकता है

फाल्गुन मास में दान का महत्व (Importance of donation in Falgun month in Hindi)

माघ मास की तरह फाल्गुन मास में भी दान का विशेष महत्व है। इस माह में जरूरतमंदों की अपनी योग्यता के अनुसार शुद्ध घी, सरसों का तेल, मौसमी फल, अनाज, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए। ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही पितरों का निमित्त तर्पण करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

फाल्गुन माह में जन्मे जातक People born in Falgun month 

फाल्गुन माह में जन्म लेने वाला व्यक्ति गौरे रंग का होता है. दिखने में आकर्षक लगता है. बोल चाल में अधिक कुशल होता है. जातक का मन चंचल हो सकता है. बहुत अधिक चीजों को लेकर गंभीर न रह पाए. वह परोपकार के कार्यो में रुचि लेता है, तथा अपनी विद्वता से वह धन कमाने में सफल रहता है।

जातक द्वारा किए गये कार्यो में बुद्धिमानी का भाव पाया जाता है. प्रेम संबंधों के प्रति रुझान भी रखता है. वह जीवन में सभी भौतिक सुख-सुविधाएं प्राप्त करने में सफल रहता है. इसके अतिरिक्त उसे विदेश में भ्रमण के अवसर प्राप्त होते है. अपने प्रेमी के प्रति भावनात्मक झुकाव भी बहुत अधिक रखता है।

फाल्गुन मास मात्र इसलिए नहीं जाना जाता क्योकिं इस माह में होली का पर्व आता है. बल्कि इस माह का धार्मिक महत्व भी है. यह माह पतझड के बाद जीवन की एक नई शुरुआत का माह है. जिस प्रकार रात के बाद सुबह अवश्य आती है. उसी प्रकार व्यक्ति जीवन की बाधाओं को पार करने के बाद उन्नति की एक नई शुरुआत करता है. फागुन मास के दौरान बहुत से पर्व मनाए जाते हैं जिसमें से मुख्य होली, शिवरात्रि, फाल्गुन पूर्णिमा और एकादशी नामक उत्सव मनाए जाते हैं।

इस माह में आने वाली एकादशी विजया एकादशी कहलाती है।

इस समय के दोरान होलाष्टक लग जाता है. यह आठ दिनों का समय होता है जिसमें सभी शुभ काम रुक से जाते हैं इस समय पर विवाह इत्यादि कार्य नहीं होते हैं।

होली का आगमन प्रकृति से संबंधित होता है. होली रंगों का त्यौहार है जिसमें जीवन के भी सभी रंग मिल कर एक हो जाते हैं।

फाल्गुन माह की चतुर्दशी के दिन शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का पौराणिक मान्यता अनुसार इसी दिन से सृष्टि का प्रारंभ भी माना गया है. इस शुभ दिन में महादेव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. वर्षभर में आने वाली 12 शिवरात्रियों में से फाल्गुन मास में आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि के नाम से भी पुकारा जाता है और यह सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है।

फाल्गुन मास की कथा story of falgun month in Hindi 

सतयुग की बात है तब एक धर्मात्मा राजा का राज्य था। वह राजा बड़ा धर्मात्मा था। उसके राज्य में एक ब्राह्यण था। उसका नाम था। विष्णु शर्मा।

विष्णु शर्मा के सात पुत्र थे। वे सातों अलग-अलग रहते थे। विष्णु शर्मा की जब वृद्धावस्था आ गयी, तो उसने सब बहूओं से कहा कि तुम सब गणेश का व्र्रत करो। विष्णु शर्मा स्वयं भी इस व्रत को करता था। अब बूढा हो जाने पर ये दायित्व वह बहूओं को सौंपना चाहता था। जब उसने बहुओं से इस व्रत के लिए कहा, तो बहूओं को सौंपना चाहता था। जब उसने बहूओं से इस व्रत के लिए कहा, तो बहूओं नाक सिकोड़ते हुए उसकी आज्ञा न मानकर उसका अपमान कर दिया। अंत में छोटी बहू ने अपने ससुर की बात मान ली। उसने पूजा का सामान की व्यवस्था करके ससुर के साथ व्रत किया और भोजन नहीं किया। ससुर को भोजन कर दिया।

जब आधी रात बीती, तो विष्णु शर्मा को उल्टी और दस्त लग गये। छोटी बहू ने मल-मूत्र से गन्दे हुए कपड़ो को साफ करके ससुर के शरीर को धोया और पोंछा। पूरी रात बिना कुछ खाये-पिये जागती रही।

गणेशजी ने उन दोनों पर अपनी कृपा की। ससुर को स्वास्थ्य ठीक हो गया और छोटी बहू का घर धन-धान्य से पूर्ण हो गया। फिर तो अन्य बहूंओ को भी इस घटना से प्ररेणा मिली और उन्होंने भी गणेशजी का व्रत किया जो भी व्यक्ति गणेश जी का व्रत सच्चे मन से करता है भगवान गणेश उसकी सभी मनो कामनाएं पूरी करते है

फाल्गुन मास की महत्वपूर्ण बातें Important things of Falgun month in Hindi 

फाल्गुन मास के दौरान व्यक्ति अपने आहार का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

सामान्य एवं संतुलित आहार करना ही उत्तम होता है।

इस मौसम में पानी को गरम करके स्नान नहीं करना चाहिए. शीतल जल से ही स्नान करना उत्तम होता है. संभव हो सके तो गंगा स्नान का लाभ अवश्य उठाएं।

भोजन में अनाज का प्रयोग कम से कम करें , अधिक से अधिक फल खाएं।

अपनी साफ सफाई और रहन सहन को लेकर भी सौम्यता और शालीनता बरतनी चाहिए।

इस माह के दौरान तामसिक एवं गरिष्ठ भोजन अर्थात मांस मंदिरा और तले-भुने भोजन को त्यागना चाहिए।

इस माह के दौरान भगवान कृष्ण का पूजन करते समय फूल एवं फूलों का उपयोग अधिक करना चाहिए।

भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने चाहिए।

फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन देवताओं को अबीर और गुलाल अर्पित करने चाहिए।

आर्थिक एवं दांपत्य सुख समृद्धि के लिए माता पार्वती एवं देवी लक्ष्मी की उपासना में कुमकुम एवं सुगंधित वस्तुओं का उपयोग करना शुभ होता है।

फाल्गुन महीने में क्या विशेष प्रयोग करें ? What special experiment should be done in the month of Falgun in Hindi 

1. अगर क्रोध या चिड़चिड़ाहट की समस्या है तो श्रीकृष्ण को पूरे महीने नियमित रूप से अबीर गुलाल अर्पित करें।

2. अगर मानसिक अवसाद की समस्या है तो सुगन्धित जल से स्नान करें और चन्दन की सुगंध का प्रयोग करें।

3. अगर स्वास्थ्य की समस्या है तो शिव जी को पूरे महीने सफ़ेद चंदन अर्पित करें।

4. अगर आर्थिक समस्या है तो पूरे महीने माँ लक्ष्मी को गुलाब का इत्र या गुलाब अर्पित करें।

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