जानें गुलकंद खाने के फायदे और नुकसान और गुलकंद बनाने की विधि 

गुलाब सिर्फ एक बहुत खुबसूरत फूल ही नहीं है बल्कि यह कई तरह के औषधिय गुणों से भी भरपूर है। गुलकंद को लोग गुलाब की पंखुड़ियों से बना मुरब्बा भी कहते हैं। इसे गुलाब की पंखुड़ियों से बनाया जाता है। गुलकंद स्वाद में मीठा और अच्छी सुगंध वाला होता है। इसका सेवन स्वाद के लिए तो लोग करते ही हैं, साथ ही इसमें मौजूद गुणों की वजह से लोग इसका सेवन शरीर की कई समस्याओं को दूर करने के लिए भी करते हैं। गुलकंद में मौजूद गुणों के कारण आयुर्वेद में इसे औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।

गुलकंद के स्वास्थ्य लाभ Health benefits of gulkand 

गुलाब की खुश्बु ही नहीं इसके आंतरिक गुण भी उतने ही अच्छे हैं। गुलाब के फूल में कई रोगों के उपचार की भी क्षमता है। नींद न आती हो, मानसिक थकावट हो तो सिरहाने के पास गुलाब रखकर सोएं फिर देखिए परिणाम।

गुलकंद को नियमित खाने पर पित्त के दोष दूर होते हैं तथा इससे कफ में भी राहत मिलती है। गर्मियों के मौसम में गुलकंद कई तरह के फायदे पहुंचाता है। गुलकंद कील मुहांसो को दूर करता है और रक्त शुद्ध करता है, हाजमा दुरुस्त रखता है और आलस्य दूर करता है। गुलकंद शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और कब्ज को भी दूर करता है।

सीने की जलन और हड्डियो के रोगो में लाभकारी है, सुबह शाम एक-एक चम्मच गुलकंद खाने पर मसूढ़ों में सूजन या खून आने की समस्या दूर हो जाती है। पीरियड के दौरान गुलकंद खाने से पेट दर्द में आराम मिलता है। मुंह का अल्सर दूर करने के लिए भी गुलकंद खाना फायदेमंद होता है।

गुलकंद बनाने की विधि How to make Gulkand in Hindi 

समाग्री ताजी गुलाब की पंखुडियां, बराबर मात्रा में पीसी हुई मिश्री, एक छोटा चम्मच पिसी छोटी इलायची तथा पिसा सौंफ।

गुलकंद बनाने की विधि

गुलाब की ताजी व खुली पंखुडियॉं लें अब कांच की बडे मुंह की बोतल लें इसमें थोडी पंखुडियां डालें अब पीसी हुई मिश्री डालें फिर पंखुडियां फिर मिश्री अब एक छोटा चम्मच पिसी छोटी इलायची तथा पिसा सौंफ डालें फिर उपर से पंखुडियां डालें फिर मिश्री इस तरह से डब्बा भर जाने तक करते रहें इसे धूप में रख दें आठ दस दिन के लिये बीच-बीच में इसे चलाते रहें, मिश्री पानी छोडेगी और उसी मिश्री पानी में पंखुडियां गलेंगी। (अलग से पानी नहीं डालना है) पखुडियां पूरी तरह गल जाय यानि सब एक सार हो जाय। लीजिये तैयार हो गया आपका गुलकंद।

गुलकंद के गुणकारी फायदे Benefits of Gulkand 

1. गुलाब से बने गुलकंद में गुलाब का अर्क होता है जो शरीर को ठंडक पहुंचाता है। यह शरीर को डीहाइड्रेशन से बचाता है और तरोताजा रखता है। यह पेट को भी ठंडक पहुंचाता है। गर्मी के दिनों में गुलकंद स्फूर्ति देने वाला एक शीतल टॉनिक है,जो गर्मी से उत्पन्न थकान, आलस्य, मांसपेशियों का दर्द और जलन आदि कष्टों से बचाता है।

2. गुलकंद में विटामिन सी, ई और बी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। भोजन के बाद गुलकंद का सेवन भोजन को पचाने के लिए फायदेमंद है और इसके सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं दूर रहती हैं।

3. दिल की बीमारी में अर्जुन की छाल और देसी गुलाब मिलाकर उबालें और पी लें, हृदय की धडकन अधिक हो तो इसकी सूखी पंखुडियां उबालकर पीएं। आँतों में घाव हो तो 100 ग्राम मुलेटी, 50 ग्राम सौंफ, 50 ग्राम गुलाब की पंखुडियाँ तीनों को मिलाकर 10 ग्राम की मात्रा में लें। इसका 100 ग्राम पानी में काढ़ा बनाकर पीएं।

4. गर्मी के कारण चेहरे पर उत्पन्न छोटी-छोटी फुंसियाँ (एक्ने) गुलकंद के सेवन से धीरे-धीरे दूर होने लगते हैं। बच्चों में कृमि कष्ट (पेट में कीड़े) होने पर बाइविडिंग का चूर्ण गुलकंद में मिलाकर एक-एक चम्मच सुबह-शाम 15 दिनों तक देने से कृमि कष्ट से मुक्ति मिल जाती है।

5. गुलकंद लेने से पेट के रोग व अल्सर कब्ज आदि समस्याएं खत्म हो जाती हैं। रोजाना चम्मचभर गुलकंद खाने से आँखों की रोशनी ठीक रहती है। गुलकंद के नियमित सेवन से इसके पाचन के बाद बनने वाला रस आँतों के लिए बहुत हितकर होता है। पाचन क्षमता में सुधार, चयापचय क्रिया का नियमन, रक्तशोधन करने के लिए गुलकंद फायदेमंद होता है।

6. गर्मियों के मौसम में गुलकंद कई तरह के फायदे पहुंचाता है। हाजमा दुरुस्त रखता है और आलस्य दूर करता है। गुलकंद शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और कब्ज को भी दूर करता है। सुबह-शाम एक-एक चम्मच गुलकंद खाने पर मसूढ़ों में सूजन या खून आने की समस्या दूर हो जाती है। पीरियड के दौरान गुलकंद खाने से पेट दर्द में आराम मिलता है। मुंह का अल्सर दूर करने के लिए भी गुलकंद खाना फायदेमंद होता है।

7. गुलकंद में अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स हैं जो शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाते हैं और थकान दूर करते हैं। आपकी त्वचा के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण हैं जो त्वचा की समस्याओं को दूर करते हैं और त्वचा हाइड्रेट रहती है।

गर्मी के मौसम में गुलकंद का सेवन शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन किसी भी खाद्य पदार्थ का सही ढंग से सेवन न करने से आपको कई समस्याएं भी हो सकती हैं। छाले की समस्या हो या बात हो शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने की गुलकंद का सेवन सभी समस्याओं में बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन कुछ लोगों के लिए गुलकंद का सेवन करना नुकसानदायक होता है। आइए जानते हैं गुलकंद खाने के नुकसान और इसकी वजह से होने वाली समस्याएं।

गुलकंद खाने के नुकसान Side Effects Of Gulkand in Hindi

1. सर्दी-जुकाम की समस्या 

गुलकंद की तासीर ठंडी होती है और इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से आपको कई समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे लोग जिन्हें अक्सर सर्दी-जुकाम हो जाता है, उन्हें गुलकंद खाने से बचना चाहिए। बहुत ज्यादा मात्रा में गुलकंद खाने से आपको सर्दी-जुकाम और खांसी की समस्या हो सकती है।

2. वजन बढ़ने की समस्या

बहुत ज्यादा गुलकंद खाने से आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है। गुलकंद में कार्ब्स और अन्य पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, इसलिए इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए। बहुत ज्यादा गुलकंद खाने से वजन बढ़ने का खतरा बना रहता है।

3. डायबिटीज की समस्या में नुकसानदायक 

डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे मरीजों के लिए गुलकंद का सेवन बहुत नुकसानदायक होता है। गुलकंद में शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, इसे तैयार करने में शुगर मिलाया जाता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को गुलकंद खाने से बचना चाहिए। इसका सेवन करने से शरीर का ब्लड शुगर बढ़ जाता है।

4. एलर्जी की समस्या 

जिन लोगों को खानपान से जुड़ी एलर्जी की समस्या हो, उन्हें गुलकंद का सेवन नहीं करना चाहिए। खानपान से जुड़ी एलर्जी से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए गुलकंद खाना नुकसानदायक होता है। ऐसे लोग जिन्हें गुलाब के फूल से एलर्जी है, उनके लिए भी गुलकंद का सेवन करना नुकसानदायक माना जाता है।

Must Read आयुर्वेदिक नुस्खे: दादी मां के हमेशा काम आने वाले नुस्खे 

डिसक्लेमर इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।