
गुरु पुष्य योग 2025 में शुभ मुहूर्त महत्व लाभ और उपाय
भारतीय संस्कृति में नक्षत्रों और ग्रहों का बड़ा महत्व माना गया है। इन्हीं नक्षत्रों में एक है पुष्य नक्षत्र, जिसे ‘नक्षत्रों का राजा’ कहा जाता है। जब यही पुष्य नक्षत्र गुरुवार के दिन आता है, तो उसे गुरु पुष्य योग कहते हैं। इस योग को इतना शुभ माना जाता है कि इस दिन कोई भी शुभ काम करने के लिए पंचांग देखने की भी ज़रूरत नहीं होती।
जब बृहस्पति (गुरु) का दिन यानी गुरुवार, पुष्य नक्षत्र के साथ आता है, तब बनता है अत्यंत शुभ ‘गुरु पुष्य योग’
यह योग आत्मिक उन्नति, धन वृद्धि, सिद्धि, और शुभ कार्यों की सफलता के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है।
📅 2025 – 2026 में गुरु पुष्य योग की तिथियाँ:
🗓️ 18 सितंबर 2025 (गुरुवार):
यह भी गुरु पुष्य योग की एक शुभ तिथि है, सुबह 06:07 बजे से 06:32 बजे तक (लगभग 25 मिनट) रहेगा
🗓️ गुरु पुष्य योग: 6 नवंबर 2025, गुरुवार
⏰ समय: प्रातः 10:40 AM से अगले दिन 7:30 AM तक
अप्रैल 23, 2026 (गुरुवार)
मई 21, 2026 (गुरुवार)
जून 18, 2026 (गुरुवार)
🔶 गुरु पुष्य योग क्या है ?
गुरु पुष्य योग उस समय बनता है जब: दिन गुरुवार (बृहस्पतिवार) होता है और चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में होता है
यह संयोग साल में कुछ ही बार बनता है, और वैदिक ज्योतिष में इसे बहुत ही शुभ और सिद्धिदायक माना गया है।
🕉️ गुरु पुष्य योग का आध्यात्मिक महत्व:
1. सभी कार्य सिद्ध होते हैं- चाहे वह व्यापार हो, शिक्षा, विवाह या संतान संबंधी कार्य।
2. ग्रह दोषों का निवारण- खासकर गुरु या चंद्र दोष से पीड़ित लोगों के लिए यह योग अत्यंत लाभदायक होता है।
3. आध्यात्मिक उन्नति- इस योग में मंत्र जाप, ध्यान, और तप करने से हजार गुना फल मिलता है।
🛍️ इस दिन क्या-क्या करना शुभ होता है ?
गुरु पुष्य योग के दिन किसी भी नए काम की शुरुआत करना बेहद शुभ माना गया है। जैसे:
🪙 सोना, चांदी या कीमती वस्तुएं खरीदना
🚗 गाड़ी, जमीन या प्रॉपर्टी की खरीदारी
🏢 नए बिज़नेस या दुकान की शुरुआत
📈 नया निवेश (स्टॉक, म्यूचुअल फंड आदि) करना
📿 धार्मिक कार्य, रत्न धारण करना या मंत्र सिद्धि शुरू करना
इस दिन किया गया कार्य लंबे समय तक फलदायी होता है और जीवन में समृद्धि लाता है।

💰 गुरु पुष्य योग में क्या करें ?
कार्य क्यों करें
📿 मंत्र जाप हर मंत्र का फल कई गुना बढ़ जाता है
🌿 तुलसी और पीपल पूजन पापों का नाश होता है
💎 रत्न खरीदना रत्न शुभ फल देते हैं
🛍️ सोना-चांदी खरीदना लक्ष्मी स्थायित्व प्रदान करती हैं
🛒 नया व्यापार शुरू करना व्यापार में वृद्धि होती है
📖 श्रीमद्भगवद्गीता पाठ बुद्धि और विवेक की वृद्धि होती है
🧘♀️ गुरु पुष्य योग में क्या न करें ?
1. नकारात्मक सोच या कलह से बचें
2. मांस-मदिरा या तामसिक भोजन का त्याग करें
3. झूठ, क्रोध, लोभ से दूर रहें
🌟 कैसे करें साधना ?
1. प्रातः स्नान कर साफ वस्त्र पहनें
2. घर के मंदिर में दीपक जलाएं
3. ॐ बृं बृहस्पतये नमः मंत्र का 108 बार जाप करें
4. तुलसी पर जल अर्पित करें
5. गीता का पाठ करें

🙏 निष्कर्ष: इस योग का लाभ उठाइए
गुरु पुष्य योग एक ऐसा संयोग है, जो साल में कुछ ही बार आता है। अगर आप कुछ नया शुरू करना चाहते हैं – कोई बिज़नेस, ख़रीदारी, या आध्यात्मिक साधना – तो यह समय आपके लिए बेहद शुभ हो सकता है।
गुरु पुष्य योग केवल एक तिथि नहीं, बल्कि ब्रह्मांडीय ऊर्जा का विशेष संगम है। इस दिन की गई पूजा, साधना, और अच्छे कार्य कई गुना फल प्रदान करते हैं। आइए, इस दिव्य योग का लाभ उठाएं और अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भरें।
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डिसक्लेमर इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
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