लडडू गोपाल 

अपने घर में “परम भगवान कृष्ण” के बाल स्वरुप गोपाल जी विराजमान होने के बाद इन बातों का विशेष ध्यान रखिये 

जिस घर में गोपाल जी का आगमन हो जाता है वह मांस-मदिरा जुआ आदि का प्रवेश नहीं होना चाहिए। अगर आप इस नियम को नहीं मान सकते तो घर में नन्हे गोपाल जी को ना लायें |

कृपया अपराध के भागी मत बनिए

लडडू गोपाल को घर में लाना कोई औपचारिकता नहीं है इन्हें केवल अपनी श्रद्धा और प्रेम भाव से ही घर में लाना चाहिए। अगर आपका सामर्थ्य हो तो ही लडडू गोपाल जी को घर में लायें।

ठाकुर जी की सभी जरूरतों का ध्यान परिवार के सदस्यों की जरूरतों के अनुसार ही रखा जाता है।

इन जरूरतों में उनका भोग ,उनके वस्त्र और उनका श्रृंगार आदि सम्मिलित है।

बाल गोपाल प्रभु की सेवा के नियम :

 

गोपाल जी को रोजाना सुबह स्नान करना चाहिए। और नहाने का पानी मौसम के अनुसार ही हो। यानी सर्दियों में गर्म पानी और गर्मियों में ठंडा पानी। हो सके तो पानी में थोडा गुलाबजल भी डाल लें।कभी विशेष अवसर पर पंचामृत से भी स्नान कराये.

स्नान कराने के बाद ठाकुर जी को साफ़-सुथरे वस्त्र पहनाने चाहिए। संभव हो तो वस्त्रो को रोज धो लेना चाहिए। फीके रंगों की बजाय चमकदार रंग के कपडे पहनाएं। क्योंकि ठाकुर जी को श्रृंगार पसंद है। इसलिए इस बात का खास ध्यान रखें।

गोपाल जी के वस्त्र भी मौसम के अनुसार ही होने चाहिए। यानी सर्दियों में गर्म ऊनी कपड़े और गर्मियों में हलके सूती कपड़े पहनाने चाहिए। और गर्मी से बचाव के लिए भी प्रबंध रखना चाहिए।

खिलौने नन्हे बालक को बहुत पसंद होते है। गोपाल जी भी “परम भगवान कृष्ण “के बालक स्वरुप है उन्हें भी खिलौने बहुत पसंद होते है। इसलिए उनके लिए खिलौने भी लेकर आयें।

गोपाल जी को भोग खिलाने का भी नियम होता है। ठाकुर जी को भी समय-समय पर भोजन कराया जाता है। दिन में कम से कम 5 बार भोग लगता है. ठाकुर जी के भोग के लिए संभव हो तो सिर्फ गौमाता दुग्ध और धृत ही हो तो अति उत्तम बाकि दुग्ध से परहेज करिये|

लहसुन प्याज आदि मिले और अपवित्रता से बनाया भोग का गोपाल जी को भोग नहीं लगाना चाहिए।

मीठी शाकाहारी और शुद्धता से बना जिसमे लहसुन प्याज नहीं हो वो सभी चीजों का भोग ठाकुर जी को अवश्य लगाना चाहिये।

जब भी पुरे परिवार समेत कहीं बाहर घुमने जाएँ तो ठाकुर जी को भी अपने साथ अवश्य ले जाएं। इससे उनको अच्छा लगेगा। और आप भी माधव सेवा का आनंद ले पायंगे.

स्मरण रखे आपके घर में एक बालक रह रहा है उस बालक को अकेला कभी ना छोड़ें

ठाकुर जी को घर में लाने के बाद उनसे कोई रिश्ता बना लें जैसे भाई, पुत्र, मित्र, गुरु। और जो भी रिश्ता बनाएं उसे पूरी श्रद्धा और निष्ठा से निभाएं।

श्री भगवान भाव के भूखे होते है….

 

इसीलिए उनके साथ खेलें। उनसे बात करें, उनका भजन करें।

खाना खाने से पूर्व सबसे पहले ठाकुर जी को भोजन कराएं और उसके बाद ही खुद भोजन करें।

गोपाल के प्रत्येक भोग में तुलसी पत्र अवश्य रखें.

रात्रि में गोपाल जी को शयन भी अवश्य कराएं, जैसे छोटे बालक को सुलाया जाता है। उन्हें थपकी दें, लोरी गायें कहानी सुनाएँ। और उनके लिए कोमल अच्छे से गद्दे और तकिये बनवाएं जिसपर विश्राम करने में उन्हें कोई तकलीफ न हो।

रोजाना प्रातःकाल उन्हें प्रेम से जगाएं और फिर नहला-धुलाकर उन्हें अच्छे से मंदिर में बैठा दें।

गोपल जी को घर में लाने के बाद उनका जन्मदिन भी मनाये वैसे तो कृष्ण जन्माष्टमी पर इनका जन्मदिन मनाया ही जाता है लेकिन इसके अलावा जिस तिथि पर आपने इन्हें घर लाया था उस दिन भी इनका जन्मदिन मानना चाहिए।

इस दिन कोई छोटा हरिनाम संकीर्तन रखकर ठाकुर जी का जन्मदिन मना सकते है।

प्रभु आपसे कई गुना ज्यादा प्रेम करने को आतुर है बस जीव उनको याद तो करे ….अपनी इन्द्रिय तृप्त के चक्कर में जीव कृष्ण को भूल गया है |

एकमात्र भोक्ता परम भगवान श्री कृष्ण है हम सब उनके सेवक  हमें सिर्फ कृष्ण की इन्द्रियों को तृप्त करना है!

जय हो लडडू गोपाल की