महाशिवरात्रि पर दुर्भाग्य नाशक ज्योतिषीय उपाय 

1. जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है उन्हें महाशिवरात्रि के दिन 3 मुखी रुद्राक्ष की पूजा करके, उसे गले में धारण करना चाहिए। आप चाहें तो उसका ब्रेसलेट बनावाकर हाथ में भी धारण कर सकते हैं। इससे धन लाभ होगा।

2. कई बार ग्रहों की खराब हालत के चलते भी धन का नाश होता है। इससे बचने के लिए शिवरात्रि के दिन शिव मन्दिर में जाकर भगवान को चावल अर्पित करने चाहिए और चरण छूकर भगवान का आशीर्वाद लें, इससे समस्या दूर होगी।

3. जिन लोगों की कुंडली में मृत्यु योग है या बुरा समय है तो आप महाशिवरात्रि के दिन घर में महामृत्युंजय यंत्र की स्थापना करें और इसके मंत्र का जाप करें।

4. महाशिवरात्रि को सुबह स्नान आदि के बाद शिवलिंग पर 5 बेल पत्र चढ़ाएं और हर बार बेलपत्र चढ़ाते समय “ऊँ नमः शिवाय” मंत्र का जप करें। इससे आपको हर कार्य में सफलता मिलेगी।

5. अगर व्यापार में नुकसान हो रहा है तो काली गुंजा के 11 दाने लेकर, उन्हें भगवान शिव को अर्पण करके अपनी दुकान में रख दें। इससे हालात सुधर जाएंगे।

6. अगर वैवाहिक जीवन में दिक्कतें आ रही हैं तो महाशिवरात्रि के दिन किसी सुहागन स्त्री को लाल साड़ी और श्रृंगार की वस्तुएं दान दें। इससे समस्या हल हो जाएगी।

7. मोक्ष की प्राप्ति के लिए एक मुखी रुद्राक्ष में गंगाजल छिड़ककर इसे शुद्ध कर लें। अब रोजाना ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। इससे मृत्यु के बाद आपको मोक्ष मिलेगा।

8. शिव जी की कृपा पाने के लिए उन्हें खीर समेत दूसरी सफेद वस्तुओं का भोग लगाएं। इससे आपके जीवन में भी खुशियों की मिठास बढ़ेगी।

9. अगर आपके शत्रु आप पर हावी हो जाते हैं तो महाशिवरात्रि के दिन से रुद्राष्टक का पाठ करें। अब ये प्रक्रिया नियमित रूप से जारी रखें। इससे आपके दुश्मन घुटने टेक देंगे।

10. महाशिवरात्रि और श्रावण सोमवार के दिन शिवलिंग का पंचामृत से स्नान और जलाभिषेक करने से व्यक्ति को सफलता की प्राप्ति होती है।

जो व्यक्ति घोर आर्थिक संकट से जूझ रहे हों, कर्ज में डूबे हों, व्यापार व्यवसाय की पूंजी बार-बार फंस जाती हो उन्हें दारिद्रय दहन स्तोत्र से शिवजी की आराधना करनी चाहिए.

महर्षि वशिष्ठ द्वारा रचित यह स्तोत्र बहुत असरदायक है. यदि संकट बहुत ज्यादा है तो शिवमंदिर में या शिव की प्रतिमा के सामने प्रतिदिन तीन बार इसका पाठ करें तो विशेष लाभ होगा.

जो व्यक्ति कष्ट में हैं अगर वह स्वयं पाठ करें तो सर्वोत्तम फलदायी होता है लेकिन परिजन जैसे पत्नी या माता-पिता भी उसके बदले पाठ करें तो लाभ होता है.

शिवजी का ध्यान कर मन में संकल्प करें. जो मनोकामना हो उसका ध्यान करें फिर पाठ आरंभ करें.

श्लोकों को गाकर पढ़े तो बहुत अच्छा, अन्यथा मन में भी पाठ कर सकते हैं. आर्थिक संकटों के साथ-साथ परिवार में सुख शांति के लिए भी इस मंत्र का जप बताया गया है

दारिद्रय दहन स्तोत्रम् 

विश्वेशराय नरकार्ण अवतारणाय

कर्णामृताय शशिशेखर धारणाय।

कर्पूर कान्ति धवलाय, जटाधराय,

दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।1।।

गौरी प्रियाय रजनीश कलाधराय,

कलांतकाय भुजगाधिप कंकणाय।

गंगाधराय गजराज विमर्दनाय

द्रारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।2।।

भक्तिप्रियाय भवरोग भयापहाय

उग्राय दुर्ग भवसागर तारणाय।

ज्योतिर्मयाय गुणनाम सुनृत्यकाय,

दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।3।।

चर्माम्बराय शवभस्म विलेपनाय,

भालेक्षणाय मणिकुंडल-मण्डिताय।

मँजीर पादयुगलाय जटाधराय

दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।4।।

पंचाननाय फणिराज विभूषणाय

हेमांशुकाय भुवनत्रय मंडिताय।

आनंद भूमि वरदाय तमोमयाय,

दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।5।।

भानुप्रियाय भवसागर तारणाय,

कालान्तकाय कमलासन पूजिताय।

नेत्रत्रयाय शुभलक्षण लक्षिताय

दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।6।।

रामप्रियाय रधुनाथ वरप्रदाय

नाग प्रियाय नरकार्ण अवताराणाय।

पुण्येषु पुण्य भरिताय सुरार्चिताय,

दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।7।।

मुक्तेश्वराय फलदाय गणेश्वराय

गीतप्रियाय वृषभेश्वर वाहनाय।

मातंग चर्म वसनाय महेश्वराय,

दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।8।।

वसिष्ठेन कृतं स्तोत्रं सर्व रोग निवारणम्

सर्व संपत् करं शीघ्रं पुत्र पौत्रादि वर्धनम्।।

शुभदं कामदं ह्दयं धनधान्य प्रवर्धनम्

त्रिसंध्यं यः पठेन् नित्यम् स हि स्वर्गम् वाप्युन्यात्।।9।।

।।इति श्रीवशिष्ठरचितं दारिद्रयुदुखदहन शिवस्तोत्रम संपूर्णम्।।

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