नवरात्रि : इसी द‍िशा में करनी चाह‍िए देवी दुर्गा की मूर्ति या प्रत‍िमा की स्‍थापना, जरूर जान लें  

देवी भगवती की प्रतिमा पश्चिम या उत्तर की ओर मुख कर रखनी चाहिए। ताकि साधक जब उनकी पूजा करें तो उनका मुख दक्षिण दिशा या पूर्व दिशा में हो। यह दो दिशाएं ही देवी को प्रिय मानी गई हैं। पूर्व या दक्षिण दिशा में मुख कर पूजा करने से साधक को भी कई लाभ प्राप्त होते हैं। पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करने से चेतना जागृत होती है और दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके पूजा करने से मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। इससे भक्त सीधे तौर पर भगवान से जुड़ जाते है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार, पूजा घर या मंदिर में जहां भी आप प्रतिमा की स्थापना कर रहे हैं। उसके बाहर हल्दी या सिंदूर से स्वास्तिक का चिह्न जरूर बनाएं। इसके अलावा देवी भगवती की प्रतिमा जब भी घर में स्थापित करें तो ध्यान रखें तो वह बहुत बड़ी नहीं होनी चाहिए। घर में तीन इंच से बड़ी प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए। साथ ही प्रतिमा का रंग या पूजा घर का रंग हल्का पीला, हरा या गुलाबी ही रखना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। साथ ही घर- परिवार के लोगों के जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।

जय माता दी

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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. RadheRadheje इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)