प्रदोष व्रत 2026: तिथि, वार, शुभ मुहूर्त, प्रदोष काल समय, पूजा विधि, महत्व और लाभ
सनातन धर्म में भगवान शिव भक्तों के लिए प्रदोष व्रत अत्यंत शुभ माना गया है। यह व्रत त्रयोदशी तिथि को सांयकाल के प्रदोष काल में रखा जाता है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और भगवान शिव की विशेष पूजा करते हैं।
⭐ प्रदोष व्रत 2026 — तिथि एवं प्रदोष काल समय
📍 सभी समय प्रदोष काल (शाम) के अनुसार हैं। स्थानीय स्थान के अनुसार थोड़ा अंतर संभव।
माह – तिथि – दिन – व्रत का नाम समय
जनवरी प्रदोष व्रत 2026
01 जनवरी गुरुवार गुरु प्रदोष व्रत 05:35 PM – 08:19 PM
16 जनवरी शुक्रवार शुक्र प्रदोष व्रत 05:47 PM – 08:29 PM
30 जनवरी शुक्रवार शुक्र प्रदोष व्रत 05:59 PM – 08:37 PM
फरवरी प्रदोष व्रत 2026
14 फरवरी शनिवार शनि प्रदोष व्रत 06:10 PM – 08:44 PM
मार्च प्रदोष व्रत 2026
01 मार्च रविवार रवि प्रदोष व्रत 06:21 PM – 07:09 PM
16 मार्च सोमवार सोम प्रदोष व्रत 06:30 PM – 08:54 PM
30 मार्च सोमवार सोम प्रदोष व्रत 06:38 PM – 08:57 PM
अप्रैल प्रदोष व्रत 2026
15 अप्रैल बुधवार बुध प्रदोष व्रत 06:47 PM – 09:00 PM
28 अप्रैल मंगलवार भौम प्रदोष व्रत 06:54 PM – 09:04 PM
मई प्रदोष व्रत 2026
14 मई गुरुवार गुरु प्रदोष व्रत 07:04 PM – 09:09 PM
28 मई गुरुवार गुरु प्रदोष व्रत 07:12 PM – 09:15 PM
जून प्रदोष व्रत 2026
12 जून शुक्रवार शुक्र प्रदोष व्रत 07:36 PM – 09:20 PM
27 जून शनिवार शनि प्रदोष व्रत 07:23 PM – 09:23 PM
जुलाई प्रदोष व्रत 2026
12 जुलाई रविवार रवि प्रदोष व्रत 07:22 PM – 09:24 PM
26 जुलाई रविवार रवि प्रदोष व्रत 07:16 PM – 09:21 PM
अगस्त प्रदोष व्रत 2026
10 अगस्त सोमवार सोम प्रदोष व्रत 07:05 PM – 09:14 PM
25 अगस्त मंगलवार भौम प्रदोष व्रत 06:51 PM – 09:04 PM
सितंबर प्रदोष व्रत 2026
08 सितंबर मंगलवार भौम प्रदोष व्रत 06:35 PM – 08:52 PM
24 सितंबर गुरुवार गुरु प्रदोष व्रत 06:16 PM – 08:39 PM
अक्टूबर प्रदोष व्रत 2026
08 अक्टूबर गुरुवार गुरु प्रदोष व्रत 05:59 PM – 08:27 PM
23 अक्टूबर शुक्रवार शुक्र प्रदोष व्रत 05:44 PM – 08:16 PM
नवंबर प्रदोष व्रत 2026
06 नवंबर शुक्रवार शुक्र प्रदोष व्रत 05:33 PM – 08:09 PM
22 नवंबर रविवार रवि प्रदोष व्रत 05:25 PM – 08:06 PM
दिसंबर प्रदोष व्रत 2026
06 दिसंबर रविवार रवि प्रदोष व्रत 05:24 PM – 08:07 PM
21 दिसंबर सोमवार सोम प्रदोष व्रत 05:36 PM – 08:13 PM
🔱 प्रदोष व्रत पूजा विधि
- सुबह स्नान कर शिवजी का ध्यान करें।
- दिन भर व्रत रखें। फलाहार कर सकते हैं।
- संध्या काल में शिवलिंग पर बेलपत्र, गंगाजल, दूध, अक्षत, चंदन अर्पित करें।
- दीपक और अगरबत्ती जलाएँ।
- शिव चालीसा और रुद्राष्टक का पाठ करें।
- महामृत्युंजय मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
🕉️ प्रदोष व्रत मंत्र
ॐ नमः शिवाय
महामृत्युंजय मंत्र –
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॥
💠 प्रदोष व्रत के लाभ
- मनोकामनाएँ पूरी होती हैं
- कर्ज, आर्थिक समस्या दूर होती है
- ग्रह दोष शांत होते हैं
- स्वास्थ्य अच्छा रहता है
- घर-परिवार में शांति बनी रहती है
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🕯️ प्रदोष व्रत का महत्व
- भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- पापों का नाश होता है और आत्मिक शुद्धि मिलती है।
- ग्रह दोष (विशेषकर चंद्र, मंगल और शनि दोष) शांत होते हैं।
- अविवाहितों को योग्य जीवनसाथी मिलता है।
- संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है।
- व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होती है।
- रोग और पीड़ा दूर होती है।
शास्त्रों के अनुसार, प्रदोष काल में शिवजी अपने भक्तों की सभी इच्छाएँ स्वीकार करते हैं
📜 प्रदोष व्रत कथा (Short Form)
पौराणिक कथा के अनुसार — एक बार समुद्र मंथन के दौरान हलाहल विष निकला। यह विष पूरे ब्रह्मांड का विनाश कर सकता था। तब देवताओं ने भगवान शिव से प्रार्थना की।
भगवान शिव ने सभी प्राणियों को बचाने के लिए वह विष स्वयं पी लिया। जिससे उनका कंठ नीला हो गया और उन्हें नीलकंठ नाम मिला। यह घटना त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल में ही हुई थी।
इसीलिए भक्त इस दिन उनका उपवास रखकर पूजा करते हैं ताकि जीवन में आने वाले विष अर्थात् कष्ट, रोग, दुख दूर हों और सुख-समृद्धि मिले।
🌟 प्रदोष व्रत के अचूक उपाय (हर कोई कर सकता है)
समस्या उपाय
- धन में कमी शिवलिंग पर जलधारा और सफेद पुष्प चढ़ाएँ
- कर्ज मुक्ति “ॐ ऋणमुक्तेश्वराय नमः” 108 बार जप
- विवाह में बाधा बेलपत्र पर “ॐ नमः शिवाय” लिखकर अर्पित करें
- संतान सुख शिव-पार्वती का संयुक्त पूजन
- शत्रु बाधा रुद्राष्टक का 3 बार पाठ
- ग्रह दोष काले तिल का अभिषेक करें
> उपाय प्रदोष काल में ही करें, प्रभाव शीघ्र मिलेगा
🧿 प्रदोष व्रत के निषेध (क्या न करें)
- प्रदोष काल में क्रोध न करें
- मद्य, मांस, प्याज-लहसुन से परहेज
- बुरे विचार और अपवित्रता से दूर रहें
- शिवलिंग पर हल्दी न चढ़ाएँ (शिव को वर्जित)
🛕 कौन-कौन सा प्रदोष सबसे शुभ ?
प्रदोष विशेष लाभ
- सोम प्रदोष स्वास्थ्य, संतान और वैवाहिक सुख
- शनि प्रदोष न्याय, कर्ज मुक्ति, बाधा नाश
- भौम प्रदोष भूमि और गृह संबंधी लाभ
- शुक्र प्रदोष प्रेम और दाम्पत्य में मधुरता
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❓ FAQs — प्रदोष व्रत 2026
Q1. प्रदोष व्रत कितनी बार होता है ?
→ हर माह दो बार — शुक्ल और कृष्ण पक्ष में।
Q2. किस व्रत को सबसे ज्यादा शुभ माना गया है ?
→ सोम प्रदोष और शनि प्रदोष विशेष शुभ माने जाते हैं।
Q3. क्या महिलाएँ यह व्रत कर सकती हैं ?
→ हाँ, सभी रख सकते हैं।
⚠️ डिसक्लेमर
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